जीएसएलवी-III या भूतुल्यकाली उपग्रह प्रमोचन यान मार्क III
जीएसएलवी-III या भूतुल्यकाली उपग्रह प्रमोचन यान मार्क III, भारतीय अनुसंधान संगठन द्वारा संप्रति विकासाधीन एक प्रमोचन यान है। इसरो के 4500 से 5000 कि.ग्रा. भार वाले इन्सैट-4 श्रेणी के भारी संचार उपग्रहों के प्रमोचन के लिए जीएसएलवी मार्क III की परिकल्पना और डिज़ाइन तैयार की गई है। यह अरबों डालर के व्यापारिक प्रमोचन बाज़ार में सक्षम प्रतियोगी के रूप में देश की क्षमता में भी वृद्धि करता है। यह यान जी.टी.ओ., एल.ई.ओ., ध्रुवीय और मध्यवर्ती वृत्तीय कक्षा के लिए मल्टी-मिशन प्रमोचन क्षमता परिकल्पित करता है।
जीएसएलवी-मार्क III को 630 टन उत्थापन भार व 42.4 मी. लंबाई सहित तीन चरण यान के रूप में अभिकल्पित किया गया है। प्रथम चरण में 200 टन ठोस नोदक सहित दो एकसमान एस200 बृहत् ठोस बूस्टोर (एल.एस.बी.) समाहित हैं, जिन्हें द्वितीय चरण, एल110 पुन: प्रारंभ योग्य द्रव चरण पर स्ट्रेप ऑन किए गए हैं। तृतीय चरण सी25 एलओएक्स / एलएच 2 निम्नतापीय चरण है। बृहत् नीतभार फेयरिंग का व्यास 5 मी. है और यह 100 क्यू. मी. आयतन के पेलोड को समायोजित कर सकता है। 2012 में प्रमोचन के लिए समय सारणी के अनुसार मार्क III का विकास कार्य प्रगति पर है।
जीएसएलवी मार्क III के प्रतिनिधिक प्राचल
उत्थापन भार 630 टन
नीतभार भू-तुल्यकाली अंतरण कक्षा (जी.टी.ओ.) में 4 टन
ऊँचाई 49 मीटर