नोबेल पुरस्कार 2019
नोबेल पुरस्कार 2019
21 अक्टूबर, 1833 को स्टॉकहोम में जन्में स्वीडिश आविष्कारक एवं उद्यमी अल्फ्रेड नोबेल, नोबेल पुस्स्कार के संस्थापक है। 1895 ई. में हस्ताक्षारित अपनी अंतिम वसीयत में उन्होंने अपनी मृत्यु के पश्चात शेष समस्त संपत्ति के उपयोग द्वारा प्रत्येक वर्ष भौतिक विज्ञान, रसायन, चिकित्सा, साहित्य एवं शांति से जुड़े ऐसे व्यक्तियों को पूरस्कृत करने का निर्देश दिया था. जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में मानव – जाति के कल्याण में सर्वाधिक योगदान दिया हो अल्क्रेड नोबेल की वसीयत में उल्लेखित उनकी इच्छा को पूर्ण। करने हेतु वर्ष 1900 में एक निजी संस्थान के रूप में “नोबेल फाउंडेशन’ की स्थापना की गई।
नोबेल फाउंडेशन द्वारा प्रशासित भीतिकी, रसायन, चिकित्सा, साहित्य तथा शांति के क्षेत्र के नोबेल पुरस्कार वर्ष 1901 से प्रदान किए जा रहे हैं। जबकि अलेड नोबेल की स्मृति में अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार की स्थापना स्वेरिजेस रिक्सबैंक (स्वीडन का केंद्रीय बैंक) ने वर्ष 1968 में की थी। अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार पहली बार वर्ष 1969 में प्रदान किया गया था।
इसी क्रम में अक्टूबर, 2019 में विभिन्न पुरस्कारों की घोषणा की गई रसायन विज्ञान का जॉन वी. गुडइनफ, एम. स्टेनली विटिंधम, अकीरा कोशिशों को विलियम आयन बैटरी के विकास में इनके दोगदान के लिए ।
अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार
14 अक्टूबर, 2019 को स्टॉकहोम, स्वीडन स्थित ‘द सॅयल- स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज’ द्वारा ‘वर्ष 2019 हेतु अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार’ Sveriges Riksbank Prize in Economic Sciences in Memory of Alfred Nobel, 2019) घोषणा की गई। यह पुरस्कार संयुक्त रूप से जिन तीन अर्थशास्त्रीयों प्रदान किया जाएगा, वे है-
अमिजीत बनर्जी
एस्थर डफ्लो
माइकल क्रेमर
इन तीनों अर्थशास्त्रियों को “वैश्विक गरीबी उन्मूलन में उनके प्रोयोगिक दृष्टिकोण” हेतु पुरस्कृत किया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि इन तीनों अर्थश्शास्त्रियों द्वारा संचालित अनुसंधान से गरीबी से निपटने की वैश्विक क्षमता में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। नवीन प्रयोग आधारित दृष्टिकोण ने मात्र दो दशकों में ‘डेवलपमेंट इकोनोमिक्स’ (development economics) को बदल कर रख दिया है, जो अब अनुसंधान का एक उभरता हुआ क्षेत्र है।
उल्लेखनीय है कि भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी वर्तमान में USA के मेसाल्मुसेस्स इंस्टीट्सूट ऑफ टेक्नोलॉजी’ (MIT) में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर है। अजभिजीत बनजी और एस्थर डफ्लो द्वारा लिखित पु्स्तक ‘पुअर इकोनॉमिक्स’ (Poor Economics) को “गोल्डमैन सैक्स बिजनेस बुक ऑफ द ईयर” नामक पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। श्री बनर्जी एवं एस्थर डफ्लो द्वारा लिखित एक नई पुस्तक ‘गुड इकोनॉमिक्स फॉर हार्ड टाइम्स” (Good Economics for Hard Times) है । इसके अतिरिक्त श्री बनर्जी को वर्ष 2009 में सामाजिक विज्ञान-अर्थशास्त्र (Sociat Sciences-Econonics) के क्षेत्र में इंफोसिस पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है ।
वर्ष 2003 में श्री बनजी ने एस्थर डफलो तथा सोधिल गुलईनाथन के साथ मिलकर ‘अब्दुल लतीफ जमील पावर्टी एक्शन लैब’ (Ablul Latif Jamel Poverry Action Iab) की स्थापना की थी।
फ्रांसीसी-अमेरिकी महिला एस्थर डफ्लो (अभिजीत बनरजी की पत्नी) मेसाच्युचेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के अर्थशास्त्र विभाग में प्रोफेसर हैं। 46 वर्षीय डफ्लो अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार के 50 वर्षों के इतिहास में इस पुरस्कार से सम्मानित की जाने वाली सबसे युवा अर्थशास्त्री हैं।
इससे पूर्व USA अर्थशास्त्री केनेथ जे. ऐरो (KenethI Arrow) को 51 वर्ष की आयु में वर्ष 1972 में यह पुरस्कार प्राप्त हुआ था। इसके अधिरिक्त एस्थर डफ्लो अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाली दूसरी महिला हैं ।
उल्लेखनीथ है कि अमेरिका की ‘एलिनॉर ऑस्ट्राम’ (Elinor 0strom) अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार (वर्ष 2009 में) से सम्मानित की जाने वाली प्रथम महिला थी।
अभिजीत बनर्जी-एस्थर डफ्लो ऐसे 5वें विवाहित दम्पति (Married Couple) हैं, जिन्होंने एक-साथ एक ही विधा में नोबेल पुरस्कार जीता है।
इस दृष्टि से शेष 4 विवाहित दम्पति हैं-
(1) पियरे क्यूरी- मैरी क्यूरी (वर्ष 1903. भौतिक विज्ञान)
(2) फ्रेडरिक जोलियट-इरीन जोलियट-क्यूरी (वर्ष 1935, रसायन विज्ञान)
(3) कार्ल फर्डिनेंड कोरी-गर्टी थेरेसा कोरी (वर्ष 1947, चिकित्सा विज्ञान)
(4) एडवर्ड आई. मोसर- मे ब्रिट मोसर
(वर्ष 2014, चिकित्सा विज्ञान)
* ज्ञातव्य है कि स्वीडन के विवाहित युगल गुन्नार म्यर्डल अल्वा म्यर्डल भी नोबेल पुरस्कार विजेता हैं, लेकिन अलग-अलग वर्षों में दो अलग-अलग विधाओं में इन्होंने यह पुरस्कार जीता है।
* वर्ष 2019 के अर्थशास्त्र के क्षेत्र के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने वाले तीसरे व्यक्ति अमेरिका के माइकल क्रेमर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं।
* इन तीनों विजेताओं के मध्य कुल पुरस्कार राशि बराबर-बराबर (प्रत्येक को एक-तिहाई हिस्सा) बांटी जाएगी।
नोबेल शांति पुरस्कार, 2019
1 अक्टूबर, 2019 को ओस्लो, नॉर्वे र्थित द नॉर्वेजियन नोबेल इंस्टीट्यूट’ (The Norwegian Nobel Institute) द्वारा वर्ष 2019 के नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा की गई।
* इस वर्ष यह पुरस्कार इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद अली को प्रदान किया जाएगा। उन्हें यह पुरस्कार शांति एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोग को प्राप्त करने के उनके प्रयासों और विशेष रूप से, पड़ोसी देश इरीट्रिया के साथ सीमा संबंधी विवाद का समाधान करने की उनकी निर्णायक पहल क लिए प्रदान किया गया ।
नॉर्वजियन नोबेल समिति द्वारा जारी वक्तव्य में कहा गया है कि, इस वर्ष का पुरस्कार ऐसे सभी हितधारकों के प्रति आभार व्यक्त करने का एक माध्यम है, जो इथियोपिया तथा पूर्वी एवं उत्तर-पूर्वी अफ्रीकी क्षेत्रों में शांति और सुलह/मैत्री के लिए कार्य कर रहे हैं।
साहित्य के क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार, 2018 एवं 2019
(10 अक्टूबर, 2019 को स्टॉकहोम स्थित ‘द स्वीडिश एकेडमी’ द्वारा वर्ष 2018 एवं वर्ष 2019 हेतु साहित्य (Iiterature) के क्षेत्र के नोबेल पुरस्कार की घोषणा की गई। . ज्ञातव्य है कि वर्ष 2018 में साहित्य के नोबेल पुरस्कार की घोषणा नहीं की गई थी।
वर्ष 2019 हेतु साहित्य-का नोबेल पुरस्कार ऑस्ट्रियाई लेखक “पीटर हैंडके’ (Peter ilandke) को प्रदान किया जाएगा। उन्हें भाषायी सरलता के साथ मानवीय अनुभवों की परिधि एवं विशिष्टता का अन्वेषण करने के प्रभावशाली कार्य हेतु पुरस्कृत किया जाएगा।
वर्ष 2018 हेतु साहित्य के नोबेल पुरस्कार से पोलैंड की लेखिका ओल्गा टोकार्कजुक (Olgn Tokarcaak) को पुरस्कृत किया जाएगा। उन्हें अत्यधिक जुनून के साथ जीवन के एक स्वरूप की तरह सीमाओं को लांघने का प्रतिनिधित्व करने वाली एक कथात्मक परिकल्पना हेतु पुरस्कृत किया । साहित्य के नोबेल पुरस्कार के इतिहास में टोकार्कजुक 15वीं महिला है. जिन्हें यह पुरस्कार प्राप्त हुआ है।
ज्ञातव्य है कि वर्ष 2018 में उन्हें उनके।उपन्यास ‘फ्लाइट्स’ (Flights) के लिए ‘इंटरनेशनल बुकर प्राइज’ से सम्मानित किया गया था।
रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार, 2019
9अक्टूबर, 2019 को स्टॉकहोम, स्वीडन स्थित ‘द रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज’ द्वारा वर्ष 2019 हेतु रसायन विज्ञान (Chemistry) के क्षेत्र के नोबेल पुरस्कार की घोषणा की गई।
* इस वर्ष यह पुरस्कार तीन वैज्ञानिकों यथा- जॉन बी. गुडइनफ, एम. स्टैनली विटिंघम तथा अकीरा योशिनो को संयुक्त रूप से प्रदान किया इन तीनों वैज्ञानिकों को यह पुरस्कार लीथियम आयन बैटरी के विकास में इनके योगदान हेतु प्रदान किया।
नोबेल पुरस्कार समिति द्वारा जारी वक्तव्य में कहा गया है कि अपने कार्य के माध्यम से इन तीनों वैज्ञानिकों ने एक बेतार ( Wireless) तथा जीवाश्म ईधन मुक्त समाज की नींव रखी । उल्लेखीय है कि हल्की, रिचार्ज की जा सकने वाली ( Rechargeable) तथा शक्तिशाली लीथियम आयन बैटरी का उपयोग आजकल मोबाइल फोन, लैपटोप तथा इलेक्ट्रिक वाहनों तक मे किया जाता है।
* सर्वप्रथम 1970 के दशक में स्टैनली विटिघम ने टाइटैनियम डाइसल्फाइड को केम्योड ( Catwde) तथा चाल्विक लीथियम (Metallic Litithum) को ऐनोड (Anmde) के रूप में प्रयुक्त कर-एक बेटरी-का विकास किया, जिसका विद्युत विभव (Electrne Potential) लगभग 2 वोल्ट था।
इसके बाद वर्ष 1980 में जॉन बी गुडइनफ ने केथोड के रूप में टाइटैनियम डाइसल्फाइड के स्थान पर कोबाल्ट ऑक्साइड का प्रयोग कर एक ऐसी बैटरी का विकास किया, जिसका विद्युत विभव स्टैनली विटिंघग द्वारा विकसित बैटरी की तुलना में लगभग दोगुना (4 वोल्ट) था।
हालांकि उपर्युक्त दोनों वैज्ञानिकों द्वारा विकसित बैटरी का व्यावसायिक रूप से उपयोग संभव नही था ऐसा इसलिए क्योकि ऐनोड के रूप में अत्यधिक अभिक्रियाशील धात्विक लीथियम के प्रयोग के कारण ऐसी बैटरियां अत्यधिक विस्फोटक साबित हो सकती थी।
इस समस्या का समाधान जापानी वैज्ञानिक अकीरा योशिनो ने निकाला। इन्होंने ऐनोड के रूप में धात्विक लीथियम के स्थान पर पेट्रोलियम कोक का उपयोग-कर वर्ष 1985 में व्यावसायिक- रूप से व्यवहार्य पहली लीथियम- आयन बैटरी का आविष्कार किया ।
उत्लेखनीय है कि 97 वर्षीय जॉन बी. गुडइनफ नोवेल पुस्स्कार (किसी भी क्षेत्र में) से सम्मानित किए जाने वाले सबसे उम्रदराजहव्यक्ति हैं। इससे पूर्व यह रिकॉर्ड अमेरिकी वेज्ञानिक आर्थर एश्किन के नाम था, जिन्हें 96 वर्ष की आयु में वर्ष 2018 में भौतिक विज्ञान के क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था।
भौतिक विज्ञान का नोवेल पुरस्कार, 2019
2019 को स्वीडन स्थित ‘द रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज’ द्वारा वर्ष 2019 हेतु भौतिक विज्ञान’ (Physics) के क्षेत्र के नोबेल पुरस्कार की घोषणा की गई
इस वर्ष यह पुरस्कार “ब्रह्माण्ड में पृथ्वी की उत्पत्ति और ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति के संबंध में नई समझ विकसित करने में योगदान” हेतु कुल तीन वैज्ञानिकों को प्रदान किया जाएगा।
प्रिंसटन विश्वविद्यालय, अमेरिका से संबद्ध कनाडाई मूल के वैज्ञानिक जेम्स पीबल्स (James Pecbles) को ‘भौतिक ब्रह्याण्ड विज्ञान Physicat Cosmology) में सैद्धांतिक खोजों हेतु वर्ष 2019 को भौतिक विज्ञान का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इनके अतिरिक्त स्विस वैज्ञानिक द्वय मिशेल मेयर (Michel Mayor) तथा डिडिएर क्यूलोज (Didier()uuloz) को एक सूर्य- जैसे तारे की परिक्रमा कर रहे एक बहिग्रर्ह (Exoplanet) की खोज लिए संयुक्त रूप से वर्ष 2019 हेतु भौतिक विज्ञान का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
9 मिलियन स्वीडिश क्रोनर की कुल पुरस्कार राशि का आधा हिस्सा जेम्स पीवल्स को प्राप्त होगा, जबकि शेष आधी राशि मिशेल मेयर तथा खिडिएर क्यूलोज में बराबर बराबर वितरित की जाएगी।(प्रत्येक को कुल राशि का ¼ भाग)
* उत्लेखनीय है कि मिशेल मेयर तथा जिडिएर क्यूलोज ने अक्टूबर, 1995 में पहली बार सौर प्रणाली के बाहर किसी ग्रह की खोज करने में सफलता प्राप्त की थी । 51 पेगासी बी (51Pcgasi b) नामक यह ग्रह ‘मिल्की-वे (Milky Way) आकाशगंगा में एक सूर्य-जैसे तारे की परिक्रमा कर रहा है। इस खोज ने खगोल विज्ञान के क्षेत्र में एक नई क्रांति का आरंभ किया और तब से अब तक मिल्की-वे में 4000 से अधिक बर्हिग्रहों की खोज की जा चुकी है।
चिकित्सा विज्ञान का नोवेल पुरस्कार, 2019
* 7 अक्टूबर, 2019 को स्वीडन में वर्ष 2019 हेतु चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र के नोबेल पुरस्कार की घोषणा की गई । इस वर्ष यह पुरस्कार चिकित्सा क्षेत्र के तीन वैज्ञानिकों को संयुक्त रूप से प्रदान किया जाएगा।
ये तीन वैज्ञानिक हैं –
(1) विलियम जी. काएलिन जूनियर (अमेरिका)
(2) सर पीटर जे. रेटक्लिफ (यूनाइटेड किंगडम)
(3) ग्रेग एल. सेमेंजा (अमेरिका)
इन तीनों वैज्ञानिकों ने यह खोज है कि कोशिकाएं किस प्रकार ऑक्सीजन की उपलब्धता को महसूस और उसके प्रति अनुकूलन करती हैं। इन तीनों ही वैज्ञानिकों को ऑक्सीजन के बदलते स्तर की प्रतिक्रियास्वरूप जीनों की गतिविधि को विनियमित करने वाली आणविक मशीनरी की पहचान करने के उनके कार्य हेतु पुरस्कृत किया जाएगा।
इन तीनों चिकित्सा विज्ञानियों द्वारा की गई खोज शरीर क्रिया विज्ञान (Physiology) हेतु अत्यन्त महत्वपूर्ण है तथा इससे एनीमिया, कैंसर तथा बहुत से ऐसे रोगों के उपचार हेतु नई रणनीतियां बनाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इस पुरस्कार के तहत विजेताओं को कुल 90 लाख स्वीडिश क्रोनर (प्रत्येक को एक तिहाई राशि) की धनराशि प्रदान की जाएगी।
वर्ष 1901 से ही प्रति वर्ष अलफ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि (Death Anniversary) पर 10 दिसंबर को आयोजित समारोह में विजेताओं को नोबेल पुरसकारों का वितरण किया जाता है नोबेल शांति पुरस्कार के अतिरिक्त शेष सभी नोबेल पुरस्कार स्टॉकहोम (स्वीडन) में प्रदान किए जाते हैं, जबकि नोबेल शांति पुरस्कार ओस्लो, नॉर्वे में प्रदान किया जाता है।
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