भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने टेलीकम्यूनिकेशन मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी नियमन, 2009
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने टेलीकम्यूनिकेशन मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी नियमन, 2009
(Telecommunication Mobile Number Portability Regulation, 2009) में संशोधन करने की घोषणा 25 फरवरी 2015 को की जिसके चलते पूरे देश में मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) सेवा को शुरू किया जा सकेगा
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी सुविधा के तहत सिर्फ एक दूरसंचार सर्किल के भीतर ही इस सेवा का लाभ उठाया जा सकता है। यानि किसी एक सर्किल में रहने वाला मोबाइल उपभोक्ता किसी दूसरे सर्किल में अपने मोबाइल नम्बर को पोर्ट नहीं कर सकता था। अब 3 मई 2015 से ऐसा सम्भव हो सकेगा। दूरसंचार विभाग ने MNP लाइसेंस समझौते में संशोधन करने की घोषणा 3 नवम्बर 2014 को करते हुए बताया था कि छह माह के भीतर पूरे देश में अंतर-सर्किल पोर्टेबिलिटी प्रदान करने की सुविधा शुरू कर दी जायेगी।
24 फरवरी 2015 को संसद में प्रस्तुत 14वें वित्त आयोग (14th Finance Commission) की रिपोर्ट
14वें वित्त आयोग ने अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि घरेलू वित्तीय संस्थाओं (जैसे की सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक) की देश की अर्थव्यवस्था के ढांचे में महत्वपूर्ण भूमिका है। इसके लिए आयोग ने सुझाव दिया है कि सार्वजनिक क्षेत्र की वित्तीय संस्थाओं के लिए एक अलग समिति (Financial Sector Public Enterprises Committee – FSPEC) बनाई जानी चाहिए जिसका मुख्य काम इन संस्थाओं के लिए समुचित वित्तीय एवं राजकोषीय आधार सुनिश्चित कर इनको देश की अर्थव्यवस्था में और महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार करना चाहिए। आयोग की यह सिफारिश ऐसे समय में आई है जब बेसल-तीन (Basel-III) मानकों को पूरा करने के लिए इन बैंकों को 2.84 लाख करोड़ अतिरिक्त पूँजी की आवश्यकता है। इन मानकों को पूरा करना बैंकों की प्रणाली को दुरुस्त करने और उन्हें अधिक व्यवसाय करने के लिए जरूरी है। वर्तमान में देश में सार्वजनिक क्षेत्र के कुल 27 बैंक हैं जिनमें से 21 राष्ट्रीयकृत सार्वजनिक बैंक हैं तथा 6 अन्य भारतीय स्टेट बैंक समूह से सम्बन्धित हैं।