भारतीय राष्ट्रीय खेल मैदान संघ
भारतीय राष्ट्रीय खेल मैदान संघ
भारतीय राष्ट्रीय खेल मैदान संघ (National Playing Fields AssOCiation of India) की स्थापना सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत सांसायटी के रूप में फरवरी, 2009 में की गई थी। देश में खुले स्थानों तथा खेल के मैदानों की कमी तथा मौजूदा कुछ मैदानों के अन्य कायकलापा में प्रयोग को ध्यान में रखकर खुले स्थानों और खेल मैदानों को सुरक्षा के लिए संस्थागत व्यवस्था विकसित करना आवश्यक समझा गया है। तदनुसार, युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय ने एनपीएफएआई स्थापित करने की पहल की।
एनपीएफएआई के अध्यक्ष केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री हैं और इसमें युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, राज्य सरकारों के प्रतिनिधि शामिल हैं। लब्यप्रतिष्ठित व्यक्ति जैसे एफ.एस. नरीमन, श्री बिशन सिंह बेदी, श्रीमती पी. टी उषा, श्रीमती इंदु पुरी और कमांडर नंदी सिंह तथा अन्य व्यक्ति सोसायटी के संस्थापक सदस्य हैं। एनपीएफएआई को औपचारिक रूप से 26 फरवरी, 2009 को शुरू किया गया। एनपीएफएआई के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं:
1/ खेलों और क्रीडाओं के लिए खेल के मैदानों तथा खुले स्थानों और अन्य सुविधाओं का संरक्षण, परिरक्षण, संवर्धन विकास तथा उन्नयन करना। खेल के मैदानों, प्ले ग्राउंडों, खेल पिचों तथा खुले स्थलों के संबंध में राष्ट्रीय नीति तेयार करना।
2/ राष्ट्रीय खेल प्रतिभा खोज योजना (एनएसटीएसएस)
3/ राष्ट्रीय खेल प्रतिभा खोज योजना (एनएसटीएसएस) की एक नई योजना (1) 8-12 वर्ष आयु समूह (कक्षा-पअ से अप में प्रवेश के लिए) में छात्रों में खेल प्रतिभा की पहचान करने जिनमें जन्मजात गुणवत्ता है जैसे कि मानवशास्त्रीय, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक क्षमताएं जो बिना संरचनात्मक निर्बलतओं के बगैर हों और जिला स्तरीय खेल स्कूलों/कंद्रीय खेल स्कूलों/राष्ट्रीय खेल अकादमियों इत्यादि में खेल क्षमता/प्रतिभा का पोषण करने के लिए तैयार की गई है ताकि वे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतिस्पर्धाओं में उत्कृष्टता प्राप्त कर सके। यह देश में खिलाड़ियों के पूल में वृद्धि करेगी।
हिमालयी क्षेत्र खेल उत्सव (HRSF)
खेल विभाग ने हिमालयी क्षेत्र जिसमें नेपाल और भूटान तथा जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और पूर्वोत्तर राज्यों जैसे भारतीय राज्यों में उन्नयन खेल परंपराओं के संवर्धन हेतु हिमालयी क्षेत्र खेल उत्सव ( एचआरएसएफ) तैयार किए है। एचआरएसएफ के अंतर्गत संचालित की जाने वाली खेल प्रतिस्पर्धाओं में सभी पूर्वोत्तर राज्य, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड तथा पड़ोसी देश जैसे कि नेपाल और भूटान भाग लेंगे। ये प्रतिस्पर्धाएं विभिन्न देशी खेलों तथा देश के पहाड़ी राज्यों के बीच टीम भावना और पड़ोसी देशों के साथ खेल के क्षेत्र में क्षेत्रीय सहयोग का संवर्धन करेंगी।
मणिपुर राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय
बजट 2014-15 में मणिपुर राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय के गठन की प्रस्ताव औपचारिक रूप से घोषित किया गया। मणिपुर सरकार ने प्रस्तावित विश्वविद्यालय के लिए युवा कार्यक्रम एवं खेल विभाग को मणिपुर के थोबल जिले में 336.93 एकड़ भूमि हस्तांतरित कर दी है।
एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपकरण हिंदुस्तान स्टील वर्क्स कस्ट्रक्शन्स लिमिटेड (एचएससीएल) को प्रस्तावित विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए परियोजना प्रबंधन परामर्शदाता के रूप में चुना गया है। राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय विधेयक, 2016 विधि एवं न्याय मंत्रालय में अंतिम रूप दिए जाने हेतु लंबित है। मणिपुर में राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय की स्थापना से सामान्य रूप से देश के युवाओं और विशेष कर पूर्वोत्तर क्षेत्र के उन युवाओं को अवसर प्राप्त होगा जो कोचिंग, फिजियोथैरेपी, फिटनेस, खेल प्रबंधन, खेल पत्रकारिता इत्यादि में बीपीईडी, एमपीईडी, डिप्लोमा/सर्टिफिकेट पाठयक्रम का अध्ययन करेंगे।