रसायन विज्ञान – Q & A
रसायन विज्ञान
126. क्या
कारण है
कि हाइड्रोजन
से भरे
हुए गुब्बारे
वायुमण्डल में
जाने से
बड़े होते
जाते हैं?
क्योंकि वायुमण्डल में ऊपर जाने पर वायुमण्डलीय दाब कम होता जाता है । इसलिए गुब्बारों का आयतन ऊपर उठने के कारण बढ़ता जाता है।
127. गैसों की कोई निश्चित आकृति नहीं होती है, क्यों?
गैसीय अवस्था में गैस के अणु सदैव अनियमित गति करते रहते हैं। इसी कारण गैसों की कोई निश्चित आकृति नहीं होती है।
128. क्या कारण है कि शरीर पर स्प्रिट लगाने पर ठण्डक महसूस होती है?
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि स्प्रिट का क्वथनांक बहुत कम होता है जिससे यह साधारण ताप पर ही शरीर का ताप लेकर हवा में उड़ जाती है। इससे शरीर का ताप कम हो जाता है और हमें ठंडक महमूस होती है।
129. क्या कारण है कि जंग लगने पर लोहे का वजन बढ़ जाता है?
नमी की स्थिति में लोहा वायुमण्डल से ऑक्सीजन अवशोषित करता है तथा अभिक्रिया के पश्चात् आयरन ऑक्साइड का।निर्माण करता है। अतः बढ़ा हुआ वजन वायुमण्डल से अवशोषित ऑक्सीजन के वजन के बराबर होता है जिससे जंग लगने पर लोहे का वजन बढ़ जाता है।
130. गरम करने पर अधिकांशतः कुछ ठोस पदार्थ द्रव अवस्था में परिवर्तित हो जाते हैं, क्यों?
ठोस पदार्थ को गरम करने पर इसके अणुओं में अनियमित गति।होने लगती है। इस गति के कारण पदार्थ के अणु एक-दूसरे से दूर भागने लगते हैं। अतः यह पदार्थ जिस बर्तन में रखे जाते हैं उनके अणु उस बर्तन का आकार ग्रहण कर लेते हैं। यही पदार्थ की द्रव अवस्था है।
131. क्या कारण है कि निरन्तर ऊष्मा देने पर वाष्पन की अवस्था में तापक्रम में कोई परिवर्तन नहीं होता है?
क्योंकि जब द्रव को उबालते हैं तो उसका ताप तब तक स्थिर रहता है जब तक द्रव पूर्णतया वाष्व अवस्था में नहीं आ जाता हैं। इसलिए इस अवस्था में जब द्रव को जो ऊष्मा दी जाती है वह अणुओं की गतिज ऊर्जा को न बढ़ाकर आंतरिक स्थितिज ऊर्जा में वृद्धि करती है। यह वाण्पन की गुप्त ऊष्मा है।
132. चीनी का शर्बत
मिश्रण क्यों
है?
चीनी का
शर्बत पानी
तथा चीनी
के मिलाने
से बनता
है। शर्बत
में चीनी
के अवयव
घुले होते
हैं, जिसको
गर्म करके
पुनः प्राप्त
किया जा
सकता है
व मिश्रण
में भौतिक
परिवर्तन भी
किया जा
सकता है
।
188. क्या कारण है कि जब अमोनियम वलोराइड को एक परखनली में गर्म करते हैं तो परखनली के मुंह पर एक श्वेत पदार्थ जमा हो जाता है?
अमोनियम
व्लोराइड को
गर्भ करने
पर यह
ऊर्ध्वपातित
(Sublime) हो जाती
है तथा
ऊर्ध्वपातित (Sublime) होकर
ठण्डे भागों
पर जमा
हो जाता
है। जिससे
हमें परखनली
के मुँह
पर श्वेत
पदार्थ जगा
हुआ दिखाई
देता है।
134. क्या कारण है कि सोडियम धातु अत्यधिक अभिक्रियाशील है, जबकि सोडियम आयन अभिक्रियाशील नहीं है?
सोडियम धातु का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2,8,1 है । अतः सोडियम धातु के बाह्यतम कोश में उपरिथित इलेक्ट्रॉनों की संख्या एक है, जिसे त्यागने की प्रबल प्रवृत्ति होती है इसी कारण यह अत्यधिक क्रियाशील होती है। जबकि सोडियम आयन (Na+) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2,8 है। इसी कारण सोडियम आयन अक्रिय है।
135. पृथ्वी में भू–क्रोड काफी अत्यधिक मात्रा में क्यों पाये जाते हैं?
भू-क्रोड अर्थात् लोहे तथा निकिल के लिए प्रति न्यूकिलिऑन बन्धन ऊर्जा काफी अधिक होने से काफी स्थायी तत्व हैं, जिसके फलस्वरूप यह भू-क्रोड में काफी अत्यधिक मात्रा में पाये जाते हैं।
136. क्या कारण है कि दूध और जल आपस में मिल जाते हैं परन्तु तेल और जल नहीं मिलते हैं?
क्योंकि कि पानी और दूध के आपास में मिल जाने को मुख्य कारण यह पानी और दूध के अणुओं का एक समान होना अतः पानी व दूध में उपस्थित अणु में काफी सघनता से जुड़ जाते हैं और पानी व दूध का समांग मिश्रण बन जाता है परन्तु जब तेल और जल को मिलाया जाता है तो उनके अणुओं में आकारिक असमानता होती है जिसके कारण इनके अणु आपस में मिल नहीं पाते हैं और तेल व पानी का समांग मिश्रण नहीं बनता।
137. आयरन पर जंग लगना रासायनिक परिवर्तन क्यों है?
आयरन पर जंग लगना रासायनिक परिवर्तन इसलिए माना जाता है क्योंकि इसकी आयरन वायूमण्डल में उपस्थित ऑक्सीजन से।अभिक्रिया करती है व अभिक्रिया के पशचात नवीन यौगिक हाइड्रेटेड फैरिक ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाती है।
188. क्या कारण है कि वैद्युत अपघट्यों के विलयन में विद्युत धारा प्रवाहित हो जाती है जबकि विद्युत अनअपघट्यों के विलयन में विद्युत धारा प्रवाहित नहीं होती है?
वैद्युत अपघट्य में घनात्मक तथा ऋणात्मक आयन उपस्थित रहते हैं, जिससे वैद्युत धारा का प्रवाह होता है। जबकि वैद्युत अनअपघट्यों में घनारमक व ऋणात्मक आयन अनुपस्थित होते हैं जिससे विद्युत का संचालन नहीं हो पाता है।
189. गर्म लोहे पर ठंडा पानी डालने से बुलबुला क्यों उठने लगता है?
क्यों कि जब गर्म लोहे पर हम पानी डालते हैं तो लोहे के सम्पर्क में आने वाला पानी का अंश तुरन्त वाष्प में परिवर्तित हो जाता हैं। परन्तु ऊपर का पानी द्रव अवस्था में ही-रहता है। अतः जब वाष्प इरा ऊपरी तल के पानी से निकलती है तो बुलबुले बनने लगते हैं।
139. क्या कारण है कि कॉपर विद्युत अनअपघट्य(unelectrolytic) होते हुए भी विद्युत् का चालक होता है?
कॉपर धातु में विद्युत का संचालन मुक्त इलेक्ट्रानों के कारण होता है। इसी कारण यह वैद्युत अनअपघट्य होते हुए भी वैद्युत का उत्तम चालक है
140. क्या कारण है कि ग्लूकोस, चीनी आदि सहसंयोजक होते हुए भी जल में अत्यधिक विलेय हैं?
क्योंकि ग्लूकोस, चीनी जल के साथ हाइड्रोजन बन्ध बनाते हैं जिसके फलस्वरूप ये जल में अत्यधिक विलेय हैं।
141. क्या कारण हो सकता है कि जब हम सोडियम क्लोराइड में विद्युत धारा प्रवाहित करते हैं तो वह अपघटित हो जाता है?
सोडियम क्लोराइड वैद्युत अपघट्य है। अतः जब हम सोडियम क्लोराइड की गलित अवस्था में विद्युत धारा प्रवाहित करते हैं तो Na तथा CF आयनों में विभक्त हो जाते हैं तथा ये आयन विपरीत आवेशित इलेक्ट्रोडों की तरफ आकर्षित होकर अनआवेशित हो जाते हैं।
142. क्या कारण है कि लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में डुबाने पर उस कील पर कॉपर की तह जम जाती है?
विद्युत रासायनिक श्रेणी में आयरन तथा सिल्वर का स्थान कॉपर से ऊपर व नीचे है। अर्थात् आयरन काॅपर से अधिक सक्रिय धातु है तथा काॅपर सिल्वर की अपेक्षा अधिक सक्रिय है। अतः आयरन कॉपर से अधिक सक्रिय होने के कारण काॅपर को कॉपर सल्फेट में परिवर्तित कर देता है जिसके कारण लोहे की कील पर कॉपर की तह जम जाती है।
143. धुआं ऊपर उठता
है, क्यों?
वायु गर्म
होने पर
फैलती है
व हल्की
होती है
। जब
किसी स्रोत
से धुआं
निकलता है
तो उस
स्रोत के
चारों ओर
फैली हवा
उस स्रोत
से गर्म
होकर हल्की
हो जाती
है। अतः
यह गर्म
हवा ही
उस स्रोत
से निकले
धुएँ को
ऊपर की
ओर ढकेलती
है।
144. क्या कारण है कि नाभिक के चारों ओर चक्कर लगाने वाले इलेक्ट्रॉन नाभिक में नहीं गिरते हैं?
नाभिक के चारों ओर वृतीय गति करते हुए इलेक्ट्रॉन भिन्न ऊर्जा स्तर के कक्ष में चक्कर लगाते हैं जिससे उनके घूमने का पथ छोटा नहीं होता है और वे नाभिक में गिरते नहीं हैं।
145. क्या कारण है कि फोटोग्राफिक प्लेट को काले कागज में लपेटकर साधारण प्रकाश में रखने पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, परन्तु जब इस कागज से लिपटे हुए प्लेट को यूरेनियम के निकट रखते हैं तो वह प्रभावित होकर काली पड़ जाती है?
क्योंकि यूरेनियम एक रेडियाऐक्टिव तत्व है, जिससे रेडियोएक्टिव किरणें (अल्फा,बीटा व गामा ) उत्सर्जित हो ती रहती हैं। इन किरणों की बेधन क्षमता इतनी तीव्र होती है कि ये कागज में से निकल कर फोटोग्राफिक प्लेट को प्रभावित कर सकती हैं। जिससे प्लेट काली पड़ जाती है। इसके विपरीत साधारण प्रकाश की किरणें काले कागज को बेध नहीं सकती हैं, इसलिए प्लेट अभ्रभावित रहती है।
146. क्या कारण है कि किसी पदार्थ का रेडियोएक्टिव क्षय होने की दर को भौतिक अथवा रासायनिक विधि द्वारा परिवर्तित नहीं किया जा सकता है?
क्योंकि रेडियोएक्टिव क्षय होने की दर नाभिकीय प्रक्रम(redeoactive process) ।
147. तीसरी आवर्त में सोडियम से क्लोरीन की ओर जाने पर परमाणु का आकार छोटा हो जाता है, क्यों?
क्योंकि तीसरे आवर्त में सोडियम से क्लोरीन की ओर जाने पर संयोजकता इलेक्ट्रॉन कोश की संख्या अधिक होती जाती है और परमाणु त्रिज्या कम होती जाती है। अतः इसी कारण परमाणु का आकार छोटा होता जाता है।
148. क्या कारण है कि CO-2 गैस आग बुझाने में सहायक होती है परन्तु किसी भी कार्बनिक पदार्थ के जलने पर कार्बन वायुमण्डल की ऑक्सीजन से क्रिया करके CO-2 उत्पन्न करता है तो इस उत्पन्न कार्बन डाइऑक्साइड से आग बुझती नहीं है?
जलती हुई गैस की आग को बुझाने के लिए CO-2 गैस का प्रयोग करते हैं, परन्तु यह आवश्यक है कि इस गैस की आग का सम्पर्क आक्सीजन से न हो। इसके विपरीत किसी कार्बनिक पदार्थ का जलने पर उत्पन्न CO, गैस हवा में मिश्रित हो जाती है तथा जलने वाले पदार्थ को वायुमण्डल में उपस्थित ऑक्सीजन से सम्पर्क हो जाता है। इसी कारण कार्बनिक पदार्थ की आग को उपन्न CO, गैस नहीं बूझा पाती है।
149. कठोर जल साबुन के साथ झाग नहीं देता है, क्यों?
प्रकृति में पाये जाने वाले वे जल जिसमें कैल्शियम व मैग्नीशियम के बाइ-कार्बोनेट, क्लोराइड तथा सल्फेट लवण विलेय होते हैं उसे कठोर जल कहते हैं। यह जल साबुन में पर्याप्त फेन नहीं देता है, क्योंकि इस जल में उपरिथित लवण साबुन के साथ अभिक्रिया करके एक अविलेय यौगिक बना देते हैं। अतः इसी कारण कठोर जल में साबुन झाग नहीं देता है।
150. क्या कारण है कि माचिस को जलाने पर इसमें से गंध आती है?
दियासलाई की तिली में सुगमता से जलने वाला पदार्थ सल्फर का प्रयोग करते हैं। जिससे माचिस जलाने पर सल्फर जलने लगती है तथा उसके जलने के पश्चात् सल्फर डाइऑक्साइड गैस उत्पन्न हो ती है। अतः हमें गैस की गंध आती है।
151, क्या कारण हो सकता है कि जब जलती हुई मोमबत्ती के थोड़ा ऊपर कांच का गिलास रखते हैं तो अन्दर जल की बूंदे जम जाती हैं?
क्योंकि मोम जल कर कार्बन डाइ-ऑक्साइड तथा जलवाष्प देता है जो गिलास के ठण्डे भागों में बूंद के रूप में संघनित(condensed)हो जाता है।
152. क्या कारण है कि प्राकृतिक जल शुद्ध नहीं होता है?
प्राकृतिक जल हमें पृथ्वी पर स्थित झरनों, झीलों, कुओं तथा वर्षा के कारण प्राप्त होता है। जिसमें कई प्रकार की अशुद्धियां होती हैं। जैसे-धूल-कण, धुले हुए लवण तथा कीटाणुओं आदि।
153. सामान्य वायु की तुलना में जल में घुली वायु में ऑक्सीजन की अधिकता होती है, ऐसा क्यों?
क्योंकि ऑक्सीजन की जल में विलेयता नाइट्रोजन की अपेक्षा अधिक होती है।
154. क्या कारण है कि दहन क्रिया वायु में धीमी किन्तु ऑक्सीजन में प्रबल होती है?
क्योंकि
में उपस्थित
नाइट्रोजन अक्रिय
होती है
जो दहन
वायु क्रिया
को कम
कर देती
है, परन्तु
ऑक्सीजन में
अवरोधक तत्व
नहीं होते
हैं। इसलिए
दहन प्रबलता
से होता
है।
155. कठोर जल पीने हेतु हानिकारक नहीं होते हैं, क्यों?
क्योंकि कठोर जल में उपस्थित लवण शरीर के पोषण के लिए आवश्यक होते हैं। इसी कारण कठोर जल पीने हेतु हानिकारक नहीं होते हैं।
156. क्या कारण है कि नहाने या कपड़े धोने में कठोर जल का प्रयोग नहीं किया जा सकता है?
क्योंकि कठोर जल साबुन के साथ आसानी से झाग नहीं देता इसीलिए शरीर अथवा कपड़ों की सफाई के लिए इसको उपयोग करना उचित नहीं माना जाता है।
18. क्या कारण है कि मछली तथा अन्य जलीय पौधे तालाब के जल में तो रह सकते हैं परन्तु आसुत जल से भरे बन्द जार में नहीं रह पाते व मर जाते हैं?
क्योंकि तालाब के जल में ऑक्सीजन उपस्थित होती है जिससे जलीय जीव-जन्तु श्वसन करते हैं, परन्तु आसुत जल से भरे बन्द जार में विलेय ऑक्सीजन नहीं होती है। इसी कारण जलीय जीव-जन्तु श्वसन नहीं करने के कारण मर जाते है?
l68. क्या कारण है
कि चाय
की केतली
के तले
में लवणों
की परत
जम जाती
है?
क्योंकि जल
में कैल्सिगम
तथा मैग्नीशियम
के कार्बोनेट,
सल्फेट एवं
क्लोराइड उपस्थित
होते हैं।
जब हम
चाय बनाने
के लिए
पानी गर्म
करते हैं
तो जल
में उपस्थित
लवण की
केतली के
अन्दर के
भागों में
परत बन
जाती है।
158, ऐसा क्यों होता है कि जल की अस्थायी कठोरता को दूर करने के लिए उबालते हैं, परन्तु स्थायी कठोरता को उबालकर दूर नहीं किया जा सकता?
क्योंकि जल की अस्थाई कठोरता उसमें कैल्सियम व मैग्नीशियम के बाइ-कार्बनेट की उपस्थिति के कारण होती है, परन्तु जल की स्थायी कठोरता कैल्सियम व मैग्नीशियम के क्लोराइड व सल्फेट लवणों की उपरिथिति के कारण होती है। अतः जब हम अस्थायी कठोरता वाले जल को गर्म करते हैं तो उनमें उपस्थित कैल्सियम व मैग्नीशियम के बाइ-कार्बोनेट लवणी कार्बोनेट लवणी में बदल जाते हैं, जिन्हें छानकर दूर किया जा सकता है। परन्तु स्थायी कठोरता वाले जल को गर्म करने पर इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। इसी कारण जल को उबालने पर अस्थायी कठोरता दूर हो जाती है, परन्तु स्थायी कठोरता नहीं।
160. ऐसा क्यों होता है कि तेल में जल की बूंदे मिल जाने पर जब हम उसे गर्म करते हैं तो चटकता है, परन्तु उसमें नमक डालने पर चटकपन समाप्त हो जाती है?
क्योंकि जल का क्वथनांक तेल की तुलना में कम है। अतः जब हम जल से मिले हुए तेल को गर्म करते हैं तो जल का क्वथनांक कम होने के कारण यह पहले ही वाष्प में परिवर्तित हो जाता है। यह वाष्प तेजी से बनती है जिस कारण तेल में चटकने की आवाज आती है। परन्तु जब हम नमक मिलाते हैं तो यह जल को अवशोषित कर लेता है। जिसके फलस्वरूप तेल में चटकने की आवाजें समाप्त हो जाती हैं।
161. हीरे का प्रयोग
ड्रिलिंग उपकरणों
में क्यों
होता है?
प्रकृति में
पाये जाने
वाले सभी
पदार्थों में
हीरा सबसे
कठोर पदार्थ
होता है।
अत्यधिक कठोर
धातु होने
के कारण
इसका प्रयोग
अधिकांशतः कठोर
पदार्थों को
काटने में
होता है।
162. विद्युत उपकरणों में ग्रेफाइट का प्रयोग होता है, क्यों ?
ग्रेफाइट की संरचना ऐसी होती है कि प्रत्येक कार्बन परमाणु त्रिकोणीय ढंग से व्यवस्थित तीन अन्य कार्बन परमाणुओंं से सह-संयोजक बंध द्वारा जुड़ा रहता है। अतः तीन सह-संयोजक बन्ध बनाने के लिए कार्बन के तीन संयोजी इलेक्ट्रान भाग लेते हैं तथा चौथा संयोजी इलेक्ट्रॉन बन्ध बनाता है। इसी कारण ग्रेफाइट इलेक्ट्रॉन की गतिशीलता के कारण ग्रेफाइट विद्युत का चालक होता है।
163. क्या कारण है कि कार्बन मोनोआक्साइड (CO) गैस प्राणघातक होती है?
ऐसा इसलिए होता है क्यों कि कार्बन मोनोऑक्साइड गैस जीवों के रूधिर में उस स्थान पर जुड़ती है जहां पर ऑक्सीजन की मात्रा अधिक तीव्र होती है। जिसके फलस्वरूप वायु कोष्ठकों में कार्यरत मोनोआॅक्साइड का सिर्फ 0.5 मिली मरकरी की वायु दबाव होने पर भी इनमें बहते हुए रधिर में उपस्थित हीमोग्लोबिन की 50% मात्रा श्वसन के लिए हानिकारक हो जाती है।
164. कोल गैस प्राणघातक क्यों होती है?
क्योंकि कोल गैस में कार्बन मोनोऑक्साइड की लगभग 8% मात्रा होती है।
185, लकड़ी का कोयला जल के ऊपर कैसे तैरता है?
लकड़ी का कोयला सरन्ध्रमय ठोस पदार्थ होता है। जिसके कारण रन्धरी में वायु भरी होती है। अतः इसी कारण यह जल के ऊपर तैरती है।
166. क्या कारण है कि द्रव पैट्रोलियम गैस (LPG) में एक विशेष प्रकार की गन्ध आती है?
द्रव पैट्रोलियम गैस में ऐथिल मरकेप्टन यौगिक मिला देते हैं, क्यों कि सिलेण्डर में गैस बहुत ही उच्च दाब के द्वारा भरी जाती है और किसी कारण से सिलेन्डर से रिसाव होने पर इस गैस के रिसाव को रोका जा सके ।
167, क्या कारण है कि हीरे का गलनांक उच्च होता है?
क्योंकि हीरा एक परमाणवीय क्रिस्टल है, जिसकी संरचना प्रबल सह-संयोजक बन्ध के कारण होती है अतः इनको विघटित करने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है । इसी कारण हीरे का गलनांक अधिक होता है।
168. क्या कारण है कि कार्बन डाइआॅक्साइड को शुध्क बर्फ कहते हैं?
क्योंकि
ठोस कार्बन
डाइऑक्साइड श्वेत
हिम जैसा
पदार्थ है
और वायु
में बिना
पिघले वाष्पित
हो जाता
है।
——