लोकटक झील के सरंक्षण हेतु कमेटी का गठन
लोकटक झील के सरंक्षण हेतु कमेटी का गठन
केन्द्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने मणिपुर की सुप्रसिद्ध लोकटक झील (Loktak Lake) के संरक्षण के लिए एक चार सदस्ययी कमेटी का गठन किया धा. जिसने अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को 15 नवंबर को सौंप दी। पर्यावरण मंत्रालय दह्वारा बनाई गई टीम ने लोकटक झील के संबंध में जानकारी इकट्ठा करने हेतु 7 से 9 नवंबर, 2016 तक मणपुर का दौरा किया। इस टीम ने लोकटक झील के प्रबंधन और संरक्षण के संबंध में उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी प्राप्त की और इस झील के इर्द-गिद रहने वाले स्थानीय निवासियों से भी मुलाकात की। इस टीम में डा. आर. दलवना सलाहकार केन्द्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, श्री एन.पी. वशिष्ठ डीआईजी केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, डा. एच. के. बंडोला (H.K. Badhula) सिक्कीम स्थित जी.बी. पंथ नेशनल इंस्टीट्यूट के प्रभारी, श्री चंदन सिंह उप निदेशक, राष्ट्रीय नदी संरक्षण निदेशालय शामिल थे। लोकटक झील के पर्यावरण से हो रही छेड़छाड़ के संबंध में केंद्र सरकार से काफी शिकायतें की गई थी। इन शिकायतों की वास्तविकता की जानने के लिए ही केंद्र सरकार ने यह कदम उठाया। इस टीम ने केंद्र और राज्य सरकारों से विभिन्न कार्यों के लिए मिल रही धन राशि के सही उपयोग के संबंध में भी आकलन किया। इसके अलावा लोकटक झील के लिए ऐसे क्या कदम उठाए जाएं जिससे इस झील को मौजूदा स्वरूप में बचाए रखा जा सके, इस पर भी विचार किया गया।
केंद्र सरकार लोकटक झील को यूनेस्को वर्ल्ड हैरिटेज साइट के तौर पर दर्ज कराना चाहती है और इसके लिए इस झील के प्रबंधन और संरक्षण के लिए तमाम कदम उठाए जाने हैं। केंद्रीय टीम ने लोकटक झील पर पर्यटन को बढ़ावा देने के हिसाब से भी अपने सुझाव मंत्रालय के समक्ष प्रस्तुत किया।
लोकटक झील
■ लोकटक झील इम्फाल से 53 किलोमीटर दूर मणिपुर के बिशनुपुर जिले में है। दुनिया में इस झील को तैरती हुई झील के नाम से भी जाना जाता है इस झील में बने प्राकृतिक द्वीप देखने लायक है। इन्हें ‘फुमदी’ कहा जाता है।
इन द्वीपों में सबसे बड़ा द्वीप 40 स्क्वायर किलोमीटर में फैला है। इन फुमदियों पर स्थानीय मछुआरे रहते हैं। प्रकृति के सुंदर नजारों पर तैरती. लोकटक झील मणिपुर को आर्थिक रूप से भी मजबूत बनाती है। इस झील से राज्य की हाइड्रोपॉवर जनरेशन के लिए पानी दिया जाता है ।
■ लोकटक झील भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। इसका कारण है इस झील पर तैरता दुनिया का इकलौता फ्लोटिंग नेशनल पार्क, इसे कीबुल लामजो के नाम से जाना जाता है। यह पार्क झील के बीच में स्थित है। इस नेशनल पार्क को विश्व से विलुप्त होते संगाई हिरनों का आखरी प्राकृतिक घर कहा जाता है। संगाई मणिपुर का राज्य पशु भी है।
■ इस जंगल में कई जानवर हैं जैसे कछुए, सांपों में कोबरा और वाइपर, कुछ कम दिखने वाली बिल्लियां मार्बल्ड कैट और एशियन गोल्डन कैट। यहां पर घूमने आने वाले लोगों को कई बार हिमालय का काला भालू ओर सन भालू भी दिख जाता है।
■ इस जंगल में पक्षियों की भी कई प्रजातियां हैं जैसे चकवा, चील, पूर्वी हिमालय का किंगफिशर, उत्तरी पहाड़ी मैना, पूर्वी जंगली कौआ, उत्तर भारतीय काला ड्रोंगो स्पॉटबिल बतख और भी कई।