व्योम मित्र( मानव रोबोट) : गगनयान योजना
व्योम मित्र( मानव रोबोट) : गगनयान योजना
भारत का पहला मानव-सहित अंतरिक्ष मिशन गगनयान 2021-22 के दौरान उड़ान भरेगा, अंतरिक्ष में भेजने से पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) सभी प्रासंगिक प्रौद्योगिकियों में महारत हासिल करने के लिए दो मानव-रहित मिशन भेजेगा ।
इसरो ने 22-24 जनवरी, 2929- को बैंगलुरू में एक- तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान एक महिला रोबोट अंतरिक्ष यात्री ‘व्योम मित्र’ का अनावरण किया। ‘मानव अंतरिक्ष उड़ान और अन्वेषण वर्तमान चुनौतियाँ और भविष्य के रुझान’ नामक इस कार्यक्रम में व्योम मित्र आकर्षण का केंद्र था। इसरो के मानव सहित अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम के तहत गगनयान पहला यान होगा जिसे शक्तिशाली जीएसएलवी एमके-lll रॉकेट द्वारा प्रक्षेपित किया जाएगा।
गगनयान कक्षीय कैप्सूल में एक सेवा मॉड्यूल और एक चालक दल मोड्यूल है। वर्तमान गगनयान योजना के अंतर्गत दो मानव-रहित और एक मानव-सहित उड़ान शामिल हैं। पहली मानव-रहित उड़ान दिसंबर 2020 में और दूसरी जुलाई 2021 में प्रस्तावित है। दो सफल मानव-रहित उड़ानों के बाद, पहला मानव-सहित मिशन दिसंबर 2021 में निर्धारित किया गया है।
समानव अंतरिक्ष यान को या तो चालक दल द्वारा या दूर से भू-स्टेशनों द्वारा संचालित किया जा सकता है. और यह स्वायत भी हो सकता है। समानव अंतरिक्ष यान 5-7 दिनों के लिए पृथ्वी की निम्न कक्षा में परिक्रमा करेगा और फिर उसका चालक दल मॉड्यूल सुरक्षित रूप से धरती पर वापस लौटेगा।
गगनयान मिशन का मुख्य उद्देश्य प्रौद्योगिकी प्रदर्शन है। मिशन का दूसरा उद्देश्य देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के स्तर में वृद्धि करना है। मगनयान एक-अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने का अग्रदूत होगा। मानव-रोबोट व्योम मित्र मूल रूप से एक मानव की सूरत वाला रोबोट है। उसके पास सिर्फ सिर, दो हाथ और धड़ है, निचले अंग नहीं हैं।
किसी भी रोबोट की तरह, एक मानव-रोबोट के कार्य उससे जुड़े कंप्यूटर सिस्टम द्वारा संचालित किए जाते हैं। कृत्रिम बुद्धि (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस AI ) और रोबोटरिक्स के विकास के साथ मानव-रोबोटो को ऐसे कार्यों के लिए तेज़ी से इस्तेमाल किया जा रहा है जिनमें बार-बार एक-सी क्रियाएं करनी होती हैं, जैसे कि रेस्तरां में सर्वेंट । इसरो की योजना 2022 तक किसी इंसान को अंतरिक्ष में भेजने की है। वह एक क्रू मॉडयूल और रॉकेट सिस्टम विकसित करने में जुटा है जो अंतरिक्ष यात्री की सुरक्षित यात्रा और वापसी सुनिश्चित कर सके। भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को व्योमनॉट्स के नाम से संबोधित किया जाएगा। जिन अन्य देशों ने अंतरिक्ष में मनुष्यों को सफलतापूर्वक भेजा है, उन्होंने अपने रॉकेट और नाविक पुनःप्राप्ति तंत्र (क्रू रिकवरी सिस्टम) के परीक्षणों के लिए जानवरों का इस्तेमाल किया था, जबकि इसरो अंतरिक्ष में मानव को ले जाने और वापसी के लिए अपने जीएसएलवी एमके – III रॉकेट की प्रभावकारिता का परीक्षण रोबोट का उपयोग करके सुनिश्चित करेगा । यह रोबोट विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र, तिरुवनंतपुरम की रोबोटिक्स प्रयोगशाला में विकासाधीन है।
इसरों का जीएसएलवी एमके IIl रॉकिट इस समय सुधार के दौर से गुज़र रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह मनुष्य को अंतरिक्ष में ले जाने के लिए सुरक्षित है। इसकी पहली मानव-रहित उड़ान की योजना दिसंबर 2020 में निर्धारित है। क्रू मॉड्यूल प्रणाली भी यिकासाधीन है, और अगले कुछ महीनों में इसके लिएइसरो कई नए परीक्षण करने का प्रयास करेगा । इसरो को अपनी अंतरिक्ष परियोजनाओं के लिए रोबोटिक सिस्टम बनाने का खासा अनुभव है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पहले से ही कई अंतरिक्ष मिशनों के मूल में है । उदाहरण के लिए, अंतरिक्ष यानों और प्रक्षेपण यानों में उन्मुखीकरण, गति, उपांगों की तैनाती, दूरी आदि का स्वतः मूल्यांकन, प्रसंस्करण संग्रहित निर्देशों के माध्यम से किया जाता है। इसरो का मानव रोबोट 2022 में अंतरिक्ष यात्रियों के अस्तित्व और सुरक्षित यात्रा के लिए बने क्रू मॉड्यूल का परीक्षण करने में सक्षम होगा।
व्योम मित्र रोबोट-का उपयोग एक-प्रयोग के रूप में किया जा रहा है। यह मानव-रहित अंतरिक्ष उड़ान में मानव शरीर के अधिकांश कार्य करेगा व्योम मित्र बातचीत करने, जवाब देने और वापस रिपोर्ट करने के लिये व्यवहार करेगा यह अंतरिक्ष यात्रियों को भी पहचान सकता है, उनसे बातचीत कर सकता है और उनके प्रश्नों का मनुष्य जैसा उत्तर दे सकता है।
व्योम मित्र, जिनका मानव-अंतरिक्ष उड़ान के लिए पहले.जमीन पर परीक्षण किया जाएगा. मूलभूत कृत्रिम बुद्धि और।रोबोटिक्स प्रणाली पर आधारित होगा एक बार पूरी तरह।से विकसित होने के बाद, व्योम मित्र मानव-रहित उड़ान के लिए ग्राउंड स्टेशनों से भेजे गए सभी निर्देशों को अंजाम देने।में सक्षम होंगे इनमें सुरक्षा तंत्र और स्विच पैनल का।संचालन करने की प्रक्रियाएं शामिल होंगी। प्रक्षेपण और कक्षीय मुद्राओं को प्राप्त करना, मापदंडों के माध्यम से.।मॉड्यूल की निगरानी, पर्यावरण पर प्रतिक्रिया देना, जीवन।सहायता प्रणाली का संचालन, चेतावनी निर्देश जारी करना. कार्बन डाईऑक्साइड कनरतरों को बदलना, स्विच चलाना, क्रू माड्यूल की निगरानी, वॉयस कमांड प्राप्त करना, आवाज़।के माध्यम रे प्रतिक्रिया देना-आदि-कार्य मानव रोबोट के लिए सूचीबद्ध किए गए हैं। व्योम मित्र आवाज के अनुसार।होंठ हिलाने में सक्षम होगा। ये प्रक्षेपण, लैंडिंग और मानव मिशन के कक्षीय चरणों के दौरान अंतरिक्ष यान की सेहत।जैसे पहलुओं से सम्बंधित ऑडियो जानकारी प्रदान करने में अंतरिक्ष यात्री के कृत्रिम दोस्त की भूमिका निभाएंगे।
व्योम मित्र अंतरिक्ष उड़ान के दौरान क्रू मॉड्यूल में होने वाले बदलावों को पृथ्वी पर वापस रिपोर्ट भी करेंगे, जैसे ऊष्मा विकिरण का स्तर, जिससे इसरो को क्रू मॉडयूल में आवश्यक सुरक्षा स्तरों को समझने में मदद मिलेगी और अंततः समानव उड़ान कर सकेंगे ।
डमी अंतरिक्ष यात्रियों वाले कई अंतरिक्ष मिशन रहे हैं । कुछ मिशनों में व्योम मित्र जैसे रोबोट का उपयोग भी किया जा चुका है। हाल ही में रिप्ले नामक एक अंतरिक्ष यात्री एफीजी को ड्रैगन क्रू कैप्सूल पर स्पेरा एक्स फाल्कन रॉकेट द्वारा मार्च 2619 में अंतर्राष्ट्रीय-अंतरिक्ष स्र्टेशन पर भेजा गया था। रिप्ले को नासा के लिए 2020 में अंतरिक्ष में मानव भेजने के लिए स्पेस एक्स की तैयारी के एक हिस्से के रूप में बनाया गया था।
एयरबस द्वारा अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर सिमोन (CIMON, क्रू ईंटरएक्टिव मोबाइल कंपेनियन) नामक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रोबोट वॉल को तैनात किया गया था । अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर एक फलोटिंग कैमरा, रोबोट-इंट-बॉल (INL-ball) को जापान एयरीस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (जैक्सा) द्वारा तैनात किया गया था ।