“स्टार्ट अप इण्डिया, स्टैण्ड अप इण्डिया
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के एम-वॉलेट एप्लीकेशन एसबीआई बडी (SBI Buddy)
भारत के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक एसबीआई (SBI) के मोबाइल वॉलेट एप्लीकेशन का नाम एसबीआई बडी है (SBI Buddy) तथा इसे 18 अगस्त को लाँच किया गया। एम-वॉलेट सेवा लगभग बचत बैंक खाते जैसी सेवा जिसका इस्तेमाल मोबाइल फोन के द्वारा किया जाता है। हालांकि इसमें जमा किए गए पैसे के एवज में ब्याज तो नहीं मिलता है लेकिन इसके द्वारा तमाम तरह के भुगतान तथा ऑनलाइन सेवाओं का लाभ उठाया जा सकता है। SBI Buddy का इस्तेमाल SBI के खाताधारक तथा गैर-खाताधारक दोनों कर सकेंगे। इसके द्वारा पंजीकृत ग्राहकों को पैसा हस्तांतरित किया जा सकेगा, मूवी की टिकट, फ्लाइट बुकिंग, रेल बुकिंग, होटल बुकिंग तथा ऑनलाइन शॉपिंग आसानी से की जा सकेगी। इसके सबसे बड़ी खासियत है कि इसे देश की 13 विभिन्न भाषाओं में लाँच किया गया है। इसके अलावा इसमें बिल आदि चुकाने की रिमाइण्डर सुविधा, ऑनलाइन रिचार्ज सुविधा तथा तमाम यूटिलिटीज़ के बिल आसानी से भुगतान करने की सुविधा भी रहेगी। SBI ने इस एम-वॉलेट एप को एक्सेंच्योर (Accenture) और मास्टरकार्ड (MasterCard) के सहयोग से तैयार किया है। SBI Buddy को लाँच कर SBI ऐसे एम-वॉलेट सेवा उपलब्ध करा रहे अन्य संचालकों की कतार में आ खड़ा हुआ है। इनमें से प्रमुख हैं – आईसीआईसीआई बैंक की “पॉकेट्स” (ICICI Bank’s Pocket), एचडीएफसी बैंक की “पेज़ैप” (HDFC Bank’s PayZapp) तथा पेटीएम (Paytm)। इससे SBI को तेजी से बढ़ रहे एम-वॉलेट वर्ग में व्यवसाय हासिल होगा तो दूसरी ओर इससे तमाम ऐसी ऑनलाइन कम्पनियों की उस प्रवृत्ति पर लगाम लगने की उम्मीद है जिसमें वे “App” के द्वारा ही व्यवसाय करने को तवज्जो दे रहे हैं।
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इलाहाबाद उच्च न्यायालय का ऐतिहासिक आदेश
इलाहाबाद उच्च न्यायालय (उत्तर प्रदेश) उच्च न्यायालय (High Court) ने 18 अगस्त 2015 को दिए अपने ऐतिहासिक आदेश में राज्य में प्राथमिक विद्यालयों (Primary Schools) की स्थिति को सुधारने के उद्देश्य से कहा कि नौकरशाह, चुने हुए जनप्रतिनिधि, न्यायपालिका से जुड़े लोग तथा ऐसे समस्त कर्मी जो राज्य सरकार से वेतन प्राप्त करते हैं, को अपने बच्चों को सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में भेजना होगाl
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपना यह ऐतिहासिक आदेश उमेश कुमार सिंह नामक याची तथा अन्य याचियों द्वारा दायर याचिका के सम्बन्ध में दिया जिसमें वर्ष 2013 और 2015 में सरकार द्वारा संचालित प्राथमिक तथा जूनियर हाई स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को चुनौती दी गई थी। न्यायालय ने उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों की खस्ताहाल स्थिति को संज्ञान में लेते हुए कहा कि प्रदेश में स्कूलों की स्थिति में तभी सुधार आयेगा जब उच्च अधिकारी, जनप्रतिनिधि तथा अन्य सरकारी कर्मचारी अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजेंगे। यह आदेश देने वाले न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल (Justice Sudhir Agarwal) ने यह भी कहा कि इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ उपयुक्त दण्डात्मक कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाय तथा ऐसे लोगों द्वारा अपने बच्चों की प्राइवेट शिक्षा पर होने वाले खर्च के बराबर राशि सरकारी खजाने में जमा कराई जानी चाहिए। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को इस आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कर अगले सत्र से इसे प्रभाव में लाने का निर्देश भी दिया। इस सम्बन्ध में राज्य सरकार द्वारा की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भी देने को कहा गया है।
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“स्मार्ट वॉल्ट” (‘Smart Vault’)
देश के अग्रणी निजी बैंक आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) द्वारा 18 अगस्त 2015 को लाँच की गई अपनी तरह की पहली पूर्णतया स्वचालित डिज़िटल लॉकर सेवा (fully automated digital locker service) हैl ICICI बैंक की “स्मार्ट वॉल्ट” (‘Smart Vault’) सुविधा देश की अपनी तरह की पहली लॉकर सेवा है जिसमें ग्राहकों को बैंक बंद होने के बाद तथा छुट्टियों पर भी अपना लॉकर ऑपरेट करने की सुविधा प्रदान की जायेगी। इस सेवा के तहत बहु-स्तरीय सुरक्षा प्रणाली (multi-layer security system) उपलब्ध कराई गई है जिसमें लॉकर ऑपरेट करने के लिए बायोमीट्रिक पहचान (biometric identification) तथा पिन ऑथेन्टिकेशन (PIN authentication) जैसी सुरक्षा ग्राहकों को प्रदान की जायेंगी। खास बात यह होगी कि ग्राहक बिना किसी बैंक स्टाफ की निगरानी के अपने लॉकर को संचालित कर सकेगा जिसके लिए अत्याधुनिक रोबोटिक प्रणाली (robotic system) लगाई गई है। ये रोबोट ग्राहक के चयनित समय पर पूरे लॉकर परिचालन में मदद प्रदान करेगा।
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एण्ड्रॉयड 6.0 मार्शमेलो
गूगल (Google) ने अपने लोकप्रिय एण्ड्रॉयड मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम के सबसे नए वर्ज़न को नाम दिया है – एण्ड्रॉयड 6.0 मार्शमेलो (Marshmallow)। इसके नाम की घोषणा 17 अगस्त को डेव बर्क (Dave Burke) ने की, जो कम्पनी के वाइस प्रेसीडेण्ट इंजीनियरिंग हैं। खास बात यह है कि इस नए एण्ड्रॉयड वर्ज़न का नाम भी पूर्व के नामों की तरह से मीठे स्वादिष्ट प्रोडेक्ट्स के नाम पर रखा गया है। उल्लेखनीय है कि एण्ड्रॉयड के अलावा अन्य लोकप्रिय वर्ज़न्स के नाम हैं – किट्कैट – KitKat (4.4), जेलीबीन – JellyBean (4.1) और आइस क्रीम सेण्डविच- Ice Cream Sandwich (4.0)। लेकिन एण्ड्रॉयड लॉलीपॉप की तरह मार्शमेलो (Marshmallow) में बहुत सारे आकर्षक नए फीचर्स तो नहीं होंगे लेकिन इसमें एण्ड्रॉयड को अधिकाधिक स्थायित्व (stability) प्रदान करने तथा प्रदर्शन और बेहतर करने पर जोर दिया जायेगा। हालांकि इसमें एण्ड्रॉयड पे (Android Pay), टैप ऑन नॉओ (Tap on Now), फिंगरप्रिंट स्कैनर सपोर्ट, USB टाइप-C, आदि जैसी सुविधाएं प्रदान की जायेंगी। इसके अलावा इसमें 64-बिट ARMv8 आर्किटेक्चर को सपोर्ट करने की सुविधा भी मिल सकेगी।
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1 करोड़ की बिक्री हासिल करने वाला देश का पहला स्कूटर ब्राण्ड एक्टिवा (Activa)
हॉण्डा के स्कूटर एक्टिवा (Honda Activa) ने उस समय अपना नाम देश के ऑटोमोबाइल इतिहास में लिखा लिया जब अगस्त 2015 के दौरान इसकी बिक्री 1 करोड़ का जादुई आँकड़ा पार कर गई। इसके साथ ही Activa देश का पहला स्कूटर ब्राण्ड है जिसने यह आँकड़ा पार करने में सफलता हासिल की है। वर्तमान में एक्टिवा की देश के स्कूटर बाजार में लगभग 59% की हिस्सेदारी है। पिछले वित्तीय वर्ष में इसकी लगभग 21 लाख इकाइयाँ बिकी थी। 2001 में हॉण्डा मोटरसाइकिल एण्ड स्कूटर इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड (HMSI Pvt. Ltd.) द्वारा लाँच किया गया एक्टिवा आज देश के वाहन बाजार का सबसे लोकप्रिय नाम बनकर उभरा है। जुलाई 2015 के दौरान HMSI देश की पहली कम्पनी बनी थी जिसने मात्र एक माह में 2.5 लाख से अधिक स्कूटर बेचे थे।
“स्टार्ट अप इण्डिया, स्टैण्ड अप इण्डिया” (“Start-up India, Stand up India”) नामक एक नया अभियान
देश के 69वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी “स्टार्ट अप इण्डिया, स्टैण्ड अप इण्डिया” (“Start-up India, Stand up India”) नामक एक नया अभियान शुरु करने की घोषणा की–नए उभरते व्यवसायों (Start-ups) को बैंकों द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान करना नए उद्यमियों तथा रोजगार-सृजन की प्रक्रिया को अधिकाधिक प्रोत्साहन देना l
इस वर्ष के स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सम्बोधन का केन्द्र बिन्दु “स्टार्ट अप इण्डिया, स्टैण्ड अप इण्डिया” था। प्रधानमंत्री द्वारा की गई घोषणा के अनुसार इस अभियान के तहत नए उपक्रमों को अधिकाधिक सहायता प्रदान करने की कोशिश तो की ही जायेगी लेकिन इसके अलावा भारत की लगभग 1.25 लाख बैंक शाखाओं में से प्रत्येक से अपेक्षा की जायेगी कि वह कम से कम एक दलित अथवा आदिवासी उद्यमी को और एक महिला उद्यमी को वित्त-पोषण प्रदान कर व्यवसाय खड़ा करने के लिए प्रेरित करे। “स्टार्ट अप इण्डिया, स्टैण्ड अप इण्डिया” अभियान के द्वारा केन्द्र सरकार देश में उद्यमिता तथा उद्यम विकास को एक नया आयाम देने की कोशिश करना चाहती है जिससे देश में इन स्टार्ट-अप्स का मजबूत संजाल खड़ा किया जा सके।
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अब केन्द्रीय कृषि मंत्रालय का नया नाम “कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय”
प्रधानमंत्री ने अपने स्वतंत्रता दिवस सम्बोधन में अहम घोषणा करते हुए कहा कि अब केन्द्रीय कृषि मंत्रालय (Agriculture Ministry) का नया नाम “कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय” (“Agriculture and Farmers’ Welfare Ministry”) किया जायेगा। इस घोषणा से सरकार की मुख्य मंशा देश के कृषि क्षेत्र के साथ-साथ कृषकों की स्थितियों पर भी ध्यान देने की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में कृषि पैदावार बढ़ाना एक अहम मुद्दा है और किसानों की स्थितियों को सुधारे बिना ऐसा करना संभव नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि स्वतंत्रता पूर्व ब्रिटिश भारत में जून 1871 में राजस्व, कृषि एवं वाणिज्य विभाग की स्थापना तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने की थी। सन 1881 में राजस्व एवं कृषि विभागों को अलग-अलग विभागों के रूप में स्थापित किया गया था। लेकिन सन 1923 में शिक्षा एवं स्वास्थ्य को इन विभागों में जोड़कर शिक्षा, स्वास्थ्य एवं भूमि नामक एक नया विभाग पुन: अस्तित्व में लाया गया था। फिर पुन: 1945 में कृषि, स्वास्थ्य एवं भूमि को तीन अलग-अलग विभागों के रूप में मान्यता प्रदान की गई और अंतत: 1947 में भारत की स्वतंत्रता के पश्चात कृषि विभाग को कृषि मंत्रालय में तब्दील कर दिया गया था।
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बैंक बोर्ड ब्यूरो (BBB) – इन्द्रधनुष
केन्द्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा 14 अगस्त 2015 को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSU Banks) की कायापलट के लिए घोषित सात-सूत्रीय रणनीति (7-pronged strategy) को “इन्द्रधनुष” (“Indradhanush”) नाम दिया गया है इसके तहत बैंकों के उच्च पदेन अधिकारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया को चुस्त-दुरुस्त करने, बैंकों के प्रमुखों की नियुक्ति के लिए बैंक बोर्ड ब्यूरो (Bank Board Bureau – BBB) की स्थापना करने, बैंकों के पुनर्पूँजीकरण (recapitalization) के उपाय शुरू करने तथा गैर-निष्पादित परिसम्पत्तियों (NPAs) को कम करने के प्रभावी उपाय सुनिश्चित करने का प्रयास प्रमुख रूप से किया जायेगा। चूंकि इसमें कुल सात रणनीतियों पर जोर दिया गया है इसलिए इसे “इन्द्रधनुष” नाम दिया गया है। इन रणनीतियों में एक अहम रणनीति बैंकों की होल्डिंग कम्पनी की स्थापना को लेकर भी है। लेकिन उससे पहले अस्थाई प्रकृति के बैंक बोर्ड ब्यूरो (BBB) की स्थापना किए जाने का प्रस्ताव रखा गया है। उल्लेखनीय है कि “इन्द्रधनुष” रणनीति की घोषणा के साथ केन्द्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के ढांचे में सुधार से सम्बन्धित पी.जे. नाइक समिति (P.J. Naik Committee) की अधिकतर सुझावों को स्वीकार कर लिया है। लेकिन सरकार ने समिति के उस सुझाव को मानने से इंकार कर दिया है जिसमें इन बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी 50% से कम करने की बात कही गई थी।
5-वर्षीय कंदर्प शर्मा और उसकी आठ-वर्षीया बहन ऋत्विका सबसे कम आयु के पर्वतारोही बन गए
मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थित लिटिल एंजेल्स हाई स्कूल के छात्र
5-वर्षीय कंदर्प शर्मा और उसकी आठ-वर्षीया बहन ऋत्विका अगस्त 2015 वे नेपाल स्थित कालापत्थर चोटी पर सफलतापूर्वक चढ़ने वाले सबसे कम आयु के पर्वतारोही बन गए हैं 5,380 मीटर की ऊँचाई पर स्थित कालापत्थर चोटी (Kalapathar Peak) अमेरिका, यूरोप तथा अंटार्टिका की सबसे ऊँची चोटियों से अधिक ऊँचाई पर स्थित है। मात्र 5 वर्ष के कंदर्प शर्मा (Kandarp Sharma) तथा उनकी बड़ी बहन ऋत्विका शर्मा – Ritvika Sharma (8 वर्ष) इस चोटी पर फतेह हासिल करने वाले सबसे कम आयु के पर्वतारोही बन गए हैं। ये मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थित लिटिल एंजेल्स हाई स्कूल के छात्र हैं। ये दोनों अपने माता-पिता के साथ माउण्ट एवरेस्ट के बेस कैम्प्स पर भी पहुँचे थे।
RBI के 80-साल लम्बे इतिहास में सर्वाधिक लाभांश
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने अगस्त 2015 के दौरान केन्द्र सरकार को लगभग 66,000 करोड़ रुपए का लाभांश (dividend) प्रदान किया जोकि RBI के 80-साल लम्बे इतिहास में सर्वाधिक लाभांश है।
RBI की आय के तीन सबसे महत्वपूर्ण साधन हैं – 1) रेपो परिचालन (Repo operations) से होने वाली आय जिसके तहत वह देश के वाणिज्यिक बैंकों को लघु-कालिक ऋण प्रदान करता है 2) सरकारी प्रतिभूतियों (Govt. Securities) से होने वाली आय जिसके लिए भिन्न स्तरों की कूपन दर (coupon rates) तय होती है तथा ३) अमेरिकी ट्रेज़री बिल (US Treasury bill) जैसे तमाम सॉवरिन बाण्ड्स (sovereign bonds) को धारण करने से होने वाली आय। उल्लेखनीय है कि प्रति वर्ष अपने लाभ का कुछ हिस्सा रखने के बाद RBI केन्द्र सरकार के कोष में काफी बड़ी धनराशि लाभांश (dividend) के रूप में हस्तांतरित कर देता है। इस वर्ष का लाभांश 66,000 करोड़ रुपए से कुछ अधिक था जोकि पिछले वर्ष के मुकाबले 22% अधिक है तथा RBI के 80-वर्ष के इतिहास में प्रदत्त सर्वाधिक लाभांश है। RBI के लाभांश की मात्रा को ऐसे समझा जा सकता है कि पिछले चार वर्षों में उसका लाभांश भी लगभग चार गुना बढ़ गया है। सरकारी खजाने में प्राप्त यह धन सरकार के लिए काफी बड़ी राहत बन कर आया है क्योंकि सरकार इससे अपने राजकोषीय घाटे को कम करने की दिशा में बढ़ सकेगी और अर्थव्यवस्था में अधिक तरलता प्राप्त हो सकेगी।
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निजी बैंक से सम्बन्धित दो अधिकारियों को सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों की कमान
देश के बैंकिंग क्षेत्र में एक बड़े बदलाव की ओर कदम बढ़ाते हुए केन्द्र सरकार ने 14 अगस्त 2015 को निजी बैंक से सम्बन्धित दो अधिकारियों को सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों की कमान प्रदान की। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में निजी क्षेत्र के योग्य अधिकारियों को नियुक्त कर केन्द्र सरकार देश की कुल जमा (total deposits) में लगभग 70% तक की हिस्सेदारी रखने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSU Banks) के बोर्डों को पेशेवर बनाकर उन्हें अधिकाधिक कार्यकुशल बनाना चाहती है। दो सार्वजनिक बैंकों में नियुक्त किए गए ये दो अधिकारी हैं– पी.एस. जयकुमार (बैंक ऑफ बड़ौदा) और राकेश शर्मा (कैनरा बैंक)l
केन्द्रीय वित्त मंत्रालय ने 14 अगस्त 2015 को देश के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सुधार का बिगुल फूँकते हुए घोषणा की कि अब से केन्द्र सरकार सार्वजनिक बैंकों को अधिग्रहणों (acquisitions) और विलय (mergers) से दूर नहीं रखेगी तथा उचित परिस्थितियों के अनुसार यह बैंक भी ऐसी गतिविधियों का हिस्सा बन सकेंगे। वहीं वित्त मंत्रालय ने 1969 में बैंकों के राष्ट्रीयकरण (Bank Nationalization) के बाद पहली बार दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की कमान निजी क्षेत्र से आए अधिकारियों को प्रदान की। ये दो बैंक हैं – बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) और कैनरा बैंक (Canara Bank) तथा इनके अध्यक्ष के रूप में कमान प्राप्त करने वाले ये दो अधिकारी हैं पी.एस. जयकुमार (P.S. Jayakumar) और राकेश शर्मा (Rakesh Sharma), जो अभी तक निजी क्षेत्र से सम्बद्ध थे। उल्लेखनीय है कि देश के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सुधार के कदम लगभग एक साल से उठाए जाने शुरू हुए हैं। अगस्त 2014 में सिण्डीकेट बैंक (Syndicate Bank) के अध्यक्ष तथा प्रबन्ध निदेशक (CMD) एस.के. जैन की भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तारी के बाद यह सुधार प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसके तहत अपनी तरह की पहली पहल के तहत देश के सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों के प्रमुखों की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बैठक हुई तथा इसके बाद 22 बैंकों ने वित्त मंत्रालय को अलग-अलग प्रज़ेन्टेशन प्रस्तुत किए।
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भारत मे बीमा क्षेत्र की नियामक संस्था IRDA ने 13 अगस्त 2015 को बैंकों द्वारा बीमा उत्पादों की बिक्री से सम्बन्ध नीति में महत्वपूर्ण परिवर्तन की घोषणा की
नए बैंकएश्योरेंस दिशानिर्देशों के तहत भारतीय बीमा नियामक प्राधिकरण (IRDA) ने 13 अगस्त को बीमा क्षेत्र के तीन संवर्गों – जीवन बीमा (Life Insurance), साधरण बीमा (General Insurance) तथा सिर्फ स्वास्थ्य बीमा (Standalone Health Insurance) के लिए अधिकतम नौ बीमा कम्पनियों के साथ करार करने की छूट प्रदान कर दी। हालांकि बैंकों के लिए ऐसा करार करने की कोई बाध्यता नहीं होगी तथा वे अपनी सुविधानुसार इस दिशानिर्देश का अनुपालन कर सकेंगे। अभी तक बैंकों को सिर्फ एक बीमा कम्पनी के साथ करार करने की अनुमति थी जिसके तहत वे बीमा पॉलिसियों का विपणन कर सकते थे। उल्लेखनीय है कि बैंकएश्योरेंस (Bancassurance) ऐसी व्यवस्था है जिसके तहत बैंक अपने नेटवर्क का इस्तेमाल करते हुए बीमा पॉलिसियों का विपणन कर सकते हैं तथा उनकी भूमिका एक बीमा एजेंट जैसी होती है। इससे बैंकों को अपनी आय में एक अतिरिक्त आयाम जोड़ने का मौका मिल जाता है। यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि IRDA पिछले काफी समय से बैंकएश्योरेंस नीति में खुलापन लाने की कोशिश कर रहा था लेकिन बीमा क्षेत्र से जुड़े सभी पक्षों की एक राय न बन पाने के कारण यह मामला फँसा हुआ था।
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साइकिल उद्योग का पुरोधा थे ओ.पी. मुंजाल
ओ.पी. मुंजाल (ओम प्रकाश मुंजाल) को भारतीय साइकिल उद्योग का पुरोधा भी कहा जाता है तथा उन्हें पंजाब के लुधियाना (Ludhiana) को देश के साइकिल उद्योग का हब बनाने का श्रेय भी दिया जाता है। उन्होंने अपने तीन भाइयों – बृजमोहन लाल मुंजाल, दयानंद मुंजाल और सत्यानंद मुंजाल के साथ मिलकर अमृतसर (Amritsar) में साइकिल के पुर्जों को बनाने की इकाई की स्थापना वर्ष 1944 में की थी। लेकिन 1947 में देश के बँटवारे के साथ उनके उद्यम को भारी नुकसान झेलना पड़ा और वे लुधियाना आ गए। यहाँ 1956 में उन्होंने हीरो साइकिल्स (Hero Cycles) के नाम से देश का पहला साइकिल बनाने का कारखाना स्थापित किया। हीरो साइकिल्स का काम तेजी से रफ्तार पकड़ने लगा और 1986 में इस उपक्रम ने विश्व में सर्वाधिक साइकिल बनाने का गीनिज़ बुक रिकॉर्ड भी बनाया। आज हीरो साइकिल विश्व का सबसे बड़ा साइकिल उत्पादन उपक्रम है तथा यहाँ प्रतिदिन लगभग 19,000 साइकिलों का निर्माण होता है। बाद में हीरो समूह ने मोटरसाइकिल समेत तमाम क्षेत्र में भी अपनी सफलता के झण्डे गाड़े। ओ.पी. मुंजाल जुलाई 2015 तक हीरो साइकिल्स के चेयरमैन थे तथा स्वास्थ्य कारणों के चलते उन्होंने यह कमान अपने पुत्र पंकज मुंजाल (Pankaj Munjal) को सौंप दी थी।
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सुमित्रा महाजन के बड़े भाई तथा वरिष्ठ वकील अरुण पी. साठे SEBI का सदस्य नियुक्त किया गया
सुमित्रा महाजन के बड़े भाई तथा वरिष्ठ वकील अरुण पी. साठे (Arun P. Sathe) को हाल ही में भारतीय पूँजी बाजार की नियामक संस्था SEBI के बोर्ड का सदस्य नियुक्त किया गया है। इस पद पर उनकी नियुक्ति अगले तीन वर्ष के लिए की गई है। उनकी नियुक्ति इस लिए विवादों में आ गई है क्योंकि कथित तौर पर उनका सम्बन्ध RSS से रहा है तथा 1989 में उन्होंने मुम्बई उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता सुनील कुमार के खिलाफ भाजपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव भी लड़ा था लेकिन वे हार गए थे। उल्लेखनीय है कि भाजपा के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार पर पहले भी कई राजनीतिक नियुक्तियाँ करने का आरोप लग चुका है जिसमें से पुणे स्थित फिल्म एण्ड टेलीविज़न इंस्टीट्यूट ऑफ इण्डिया (FTII) के अध्यक्ष के रूप में गजेन्द्र चौहान की नियुक्ति अत्यंत विवादित हो चुकी है।