10वीं-12वीं सप्लीमेंट्री परीक्षा फार्म जमा होना शुरु| फेल छात्रों को ‘रुक जाना नहीं’ में शामिल करेंगे

2.20 लाख विद्यार्थी देंगे सप्लीमेंट्री परीक्षा, बोर्ड की 5 करोड़ की अतिरिक्त कमाई

मध्यप्रदेश । एमपी बोर्ड ने दो साल बाद अचानक परीक्षा शुल्क बढ़ा दिया है। इससे बोर्ड की तो अतिरिक्त कमाई हो रही है, लेकिन विद्यार्थियों पर भार पड़ रहा है। 10वीं और 12वीं परीक्षा के रिजल्ट जारी होने के बाद जिन विद्यार्थियों को सप्लीमेंट्री आई है, उन्हें परीक्षा फॉर्म भरना है। इस साल प्रति विषय 150 रुपए बढ़ा दिए गए हैं। प्रदेश में करीब 2.20 लाख विद्यार्थीयों को सप्लीमेंट्री देना है। किसी को एक विषयमें तो किसी को दो विषय में है। 

औसत निकाला जाए तो बोर्ड की पांच करोड़ की अतिरिक्त और कमाई होगी। इंदौर जिले में ही करीब 45 लाख रुपए की अतिरिक्त कमाई हो जाएगी।

इस साल प्रदेश में 7.35 लाख विद्यार्थियोंशने 10वीं व 12वीं की परीक्षा दी थी। इनमें से 2.20 लाख विद्यार्थियों को सप्लीमेंट्री आई। जिले में करीब 88 हजार 566 विद्यार्थियों ने बोर्ड परीक्षा दी थी। करीब 20 हजार विद्यार्थियों को सप्लीमेंट्री आई है। एमपी बोर्ड एक या दो विषय में फेल छात्रों की सप्लीमेंट्री परीक्षा लेता है। इसके फॉर्म 1 से 20 मई तक भरे जाएंगे। 12वीं की सप्लीमेंट्री परीक्षा 8 जून और 10वीं की परीक्षा 10 जून से शुरू होगी।एडमिट कार्ड 1 जून से ऑनलाइन मिलेंगे। बोर्ड ने इस बार परीक्षा फॉर्म भरने के लिएवप्रति विषय 500 रुपए कर दिए गए हैं। यानी,दो विषय के लिए 1000 रूपए देने हैं। 

2022:और 2023 में सप्लीमेंट्री परीक्षा शुल्क प्रतिविषय 350 रुपए शुल्क था। अब विद्यार्थियों पर अतिरिक्त बोझ आ गया है। बता दें कि इस साल 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा कीवमुख्य परीक्ष का शूल्क भी 1200 रुपए कर दिया गया था, जबकि 2022 व 2023 मेंशुल्क 900 रुपए था। यानी, प्रति विद्याथीं की अतिरिक्त कमाई 300 रुपए अतिरिक्त लिए गए, जिससे बोर्ड को प्रदेश से 22 करोड़ की अतिरिक्त कमाई हुई थी। इस मामले में राज्य शिक्षा केंद्र इंदौ रके एक अधिकारी का कहना है कि एमपी बोर्ड को शासन से परीक्षा के लिए कोई बजट नहीं मिलता है। वहीं, इस बार मूल्यांकनकर्तओं व पर्यवेक्षकों के मानदेयषमें 35 से 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई। इसके चलते परीक्षा शुल्क बढ़ाना पड़ा।

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