संयुक्त राष्ट्र संघ(UNO)

संयुक्त राष्ट्र संघ (UNITED NATIONS ORGANISATION)

संयुक्त राष्ट्र संघ की रूप-रेखा का निर्माण करने के लिए बड़े राष्ट्रों के प्रतिनिधियों का सम्मेलन 21 अगस्त,1944 को वॉशिगठन के डम्बार्टन ऑक्स भवन में आयोजित किया गया जो 7 अक्टूबर, 1944 ई. तक चला।

संयुक्त राष्ट्र संघ की कार्य करने वाली भाषाएं दो हैं अंग्रेजी और के अनुसार संचालित होता है इस पर विचार करने और उसे अनुमोदित करने की जिम्मेदारी महासभा की है। इसका नियमित बजट महासभा तत्कालीन सोवियत रूस के क्रीमिया प्रदेश के याल्टा नगर में 4 फरवरी, 1944 ई. को ब्रिटिश प्रधानमंत्री चर्चिल, सोवियत राष्ट्रपति स्टालिन तथा अमेरिकी राष्ट्रपति रूजवेल्ट का एक शिखर सम्मेलन हुआ, जिसमें भावी सुरक्षा परिषद् के मतदान प्रणाली पर निर्णय लिया गया। संयुक्त राष्ट्रसंघ की स्थापना 24 अक्टूबर, 1945 को हुई। संयुक्त राष्ट्र संघ के संस्थापक सदस्य देशों की संख्या 51 थी। 26 जून, 1945 को अधिकार पत्र पर केवल 50 राष्ट्रों के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किए थे। बाद में इस पर हस्ताक्षर कर पोलैंड 51वां संस्थापक देश बना था। • संयुक्त राष्ट्र संघ का मुख्यालय न्यूयार्क शहर में स्थित है। इसका भवन 17 एकड़ जमीन पर 39 मंजिल का है, जो मैनहट्टन द्वीप में जो भूमि जौनडी रॉकफेलर ने दान दी थी, उसी में संयुक्त राष्ट्र का सचिवालय है।

• संयुक्त राष्ट्र संघ का मुख्य कार्यालय 1952 ई. में बनकर तैयार हुआ। इसमें महासभा की प्रथम बैठक अक्टूबर 1952 में आयोजित की गई। संयुक्त राष्ट्र संघ के ध्वज की पृष्ठभूमि हल्की नीली है और उस पर श्वेत रंग से राष्ट्रसंघ का प्रतीक बना है। यह प्रतीक है दो जैतून की वक्राकार शाखाएं जो उपर से खुली हैं और उनके बीच विश्व का मानचित्र बना है।

UNO की कार्य करने वाली भाषाएं दो हैं- अंग्रेज़ी और फ्रेंच  । अन्य भाषाएं जिन्हें संयुक्त राष्ट्रसंघ की मान्यता प्राप्त हैं चीनी,रूसी, अरबी तथा स्पेनिश।
संयुक्त राष्ट्र का बजट महासचिव द्वारा प्रस्तावित किया जाता है। वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका संयुक्त राष्ट्र के व्यय का. 25%, जापान 20%, जर्मनी 9.85%, फ्रांस 6.54%, इटली 5.43% यूके 5. 09% कनाडा 2.73% रूसी संघ 1.07% तथा भारत 0.3% का  योगदान करता है।

 संयुक्त राष्ट्र संघ का चार्टर

संयुक्त राष्ट्र का चार्टर वह पत्र है, जिस पर 50 देशों के हस्ताक्षर द्वारा संयुक्त राष्ट्र संघ स्थापित हुआ। यद्यपि चार्टर को संयुक्त राष्ट्र का संविधान माना जाता है, तथापि वास्तव में यह एक संधि है।
इस चार्टर पर आवश्यक 50 हस्ताक्षर 26 जून, 1945 को हुए पर संयुक्त राष्ट्र वास्तव में 24 अक्टूबर, 1945 को स्थापित हुआ,जब मुख्य संस्थापक देशों चीन गणराज्य, सं. रा. अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और सोवियत संघ ने इस पत्र को स्वीकृत किया। इस चार्टर का संगठन कुछ-कुछ संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान जैसा है। चार्टर का प्रारंभ एक प्रस्तावना से होता है। शेष चार्टर अध्यायों में विभाजित है, जो संक्षेप में निम्नवत् हैं–

अध्याय 1 : संयुक्त राष्ट्र के उद्देश्य जिसमें अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा प्रमुख है।

अध्याय 2 : संयुक्त राष्ट्र संघ का सदस्य बनने संबंधी शत।

अध्याय 3-5: संयुक्त राष्ट्र के अलग-अलग अंगों और संस्थाओं तथा उनके अधिकारों का विवरण।

अध्याय 6 : सुरक्षा परिषद का अंतर्राष्ट्रीय संघर्षों को जांचने और उन्हें सुलझाने का अधिकार।

अध्याय 7 : संघर्षों को सुलझाने के लिए सुरक्षा परिषद् क आर्थिक, सामरिक एवं राजनयिक योगयताएं।

अध्याय 12 एवं 13 : उपनिवेशों को स्वतंत्र करने का प्रबंध


अध्याय 14 : अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के अधिकार।

अध्याय 15 : सचिवालय के अधिकार।

अध्याय 16 एवं 17 : संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के पहले के अंतर्राष्ट्रीय  कानूनों का संयुक्त राष्ट्र के साथ जुड़ने की प्रक्रिया।

अध्याय 18 एवं  19 : चार्टर में संशोधन एवं सुदृढीकरण की प्रक्रिया।

संयुक्त राष्ट्र संघ के अंग

1. महासभा (General assembly)

2. सुरक्षा परिषद् (Security council)

3. आर्थिक एवं सामाजिक परिषद् (Economic and ancialcouncil)

5. अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय (International court of Justice)

4. प्रन्यास परिषद् (Trusteeshipcouncil) (कार्यरत वर्तमान में नहीं)

6. सचिवालय (Secreteriat)

उपर्युक्त में से अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय नीदरलैंड के हेग में स्थित है। शेष सभी अंग संयुक्त राष्ट्र के न्यूयार्क स्थित मुख्यालय में है।

1. महासभा (General Assembly)

इस ‘विश्व की लघु संसद’ भी कहा जाता है। इसमें सभी सदस्य देशों के प्रतिनिधि सम्मिलित होते हैं। प्रत्येक देश इसमें पांच प्रतिनिधि भेज सकता है, परंतु उसका वोट केवल एक ही होता है।

• महत्त्वपूर्ण प्रश्नों जैसे शान्ति और सुरक्षा से जुड़े मुद्दे, नए सदस्यों के प्रवेश और बजट निर्णय के लिए दो तिहाई बहुमत की जरूरत होती है।  महासभा का नियमित सत्र सितंबर माह के तीसरे मंगलवार को प्रारंभ होकर दिसंबर के मध्य तक चलता है।

प्रत्येक नए सत्र की शुरूआत पर महासभा एक नए अध्यक्ष, 21 उपाध्यक्ष और महासभा के सात मुख्य समितियों के अध्यक्ष का चुनाव करती है। नियमित सत्र के अलावा महासभा की सुरक्षा परिषद् के आग्रह पर विशेष सत्र आयोजित किए जा सकते हैं।

• सुरक्षा परिषद् की संस्तुति पर अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीश, नए देशों को सदस्यता, महासचिव की नियुक्ति, राष्ट्रसंघ का बजट पारित करना आदि महासभा के कार्य हैं।

2. सुरक्षा परिषद (Security Council)

• संयुक्त राष्ट्र के घोषणा पत्र के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय शांत और सुरक्षा बनाए रखना सुरक्षा परिषद की मुख्य जिम्मेदारी है। इसी कारण इसे लोकप्रिय रूप में ‘दुनिया का पुलिस मैन’ भी कहा जाता हैं।

यह संयुक्त राष्ट्र का मुख्य अंग और एक प्रकार से उसकी कार्यपालिका है। इसमें 15 सदस्य होते है, जिनमें 5 स्थायी सदस्य और 10 अस्थायी सदस्य है।

 5 स्थायी सदस्य हैं- अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन । अस्थायी सदस्यों का निर्वाचन महासभा अपने दो तिहाई बहुमत से दो वर्षों के लिए करती है।

सुरक्षा परिषद के प्रत्येक सदस्य का एक बोट होता है। प्रक्रिया संबंधी मामलों में निर्णय के लिए 15 में से 9 सदस्यों द्वारा सकारात्मक मतदान अनिवार्य होता है। इसमें पांचों स्थायी सदस्यों द्वारा सकारात्मक मतदान आवश्यक होता है। पांचों स्थायी सदस्यों की सहमति को महान शक्तियों की आम सहमति और वीटो (निषेधाधिकार) शक्ति के रूप में जाना जाता है।

यदि कोई स्थायी सदस्य किसी निर्णय से सहमत नहीं है तो वह नकारात्मक मतदान करके अपने वीटो के अधिकार का उपयोग कर सकता है। इस दशा में 15 में से 14 सदस्य देशों के समर्थन के बावजूद प्रस्ताव स्वीकृत नहीं होते हैं।

• यदि कोई स्थायी सदस्य किसी निर्णय का समर्थन नहीं करता है और उस निर्णय को रोकना भी नहीं चाहते है, तो वह मतदान की प्रक्रिया के दौरान अनुपस्थित रह सकता है।

• सोवियत संघ (रूस) ने वीटो का प्रयोग सुरक्षा परिषद् में सर्वाधिक बार किया है।

अमेरिका ने वीटो का उपयोग सर्वप्रथम मार्च 1971 ई. में रोडेशिण के प्रश्न पर किया था।

चीन ने सर्वप्रथम वीटो का प्रयोग अगस्त 1972 में बांग्लादेश के विश्व संस्था में प्रवेश के प्रश्न पर किया था। वर्तमान में सुरक्षा परिषद् के पुनर्गठन पर विचार चल रहा है। भारत भी सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता की प्राप्ति हेतु प्रयासरत् है ।

3.  आर्थिक एवं सामाजिक परिषद्  (Economic and Social council)

. वर्तमान में आर्थिक एवं सामाजिक परिषद् की सदस्य संख्या 54 है। प्रारंभ में सदस्यों की संख्या 18 थीं। 1966 में इसे 27 कर दिया गया और 1973 5 संशोधन के बाद इसकी सदस्य संख्या 54 कर दी गई इसके सदस्यों का कार्यकाल 3 वर्ष का होता है।

यह एक स्थायी संस्था है, परंतु इसके एक तिहाई सदस्य प्रतिवर्ष पदमुक्त होते हैं। अवकाश ग्रहण करने वाला सदस्य पुनः निर्वाचित हो सकता है। परिषद् में प्रत्येक सदस्य राज्य का एक ही प्रतिनिधि होता है। इसमें निर्णय साधारण बहुमत से होता है।

आर्थिक एवं सामाजिक परिषद् की बैठकें वर्ष में दो बार होती है। अप्रैल में न्यूयार्क में तथा जुलाई में जेनेवा में। परिषद् अपना कार्य विभिन्न प्रकार के आयोगों, स्थायी समितियों तथा विशेष संस्थाओं के माध्यम से पूरा करती है। कुछ प्रमुख आयोग निम्नवत् है-

(i) मानवीय अधिकार आयोग (वर्तमान में मानवाधिकार परिषद्)

(ii) संयुक्त राष्ट्र बल संकट कोष (UNICEF)

(iii) यूनेस्को (UNESCO)

(iv) आर्थिक और रोजगार आयोग

(v) जनसंख्या और यातायात आयोग

4. प्रन्यास परिषद् (Trusteeship Council)

प्रन्यास परिषद् के अन्तर्गत अत्यंत पिछड़ी अवस्था तथा आदिम व्यवस्था वाले देशों के देखरेख की जिम्मेदारी उस समय तक के लिए कुछ विकसित देशों को सौंपी गई थी, जब तक कि इन देशों को आत्मनिर्भरता न प्राप्त हो जाए।जिन देशों को न्यास का भार सौंपा गया था, वे थे. ऑस्ट्रेलिया , न्यूजीलैंड, अमेरिका और ब्रिटेन। प्रन्यास परिषद् में 12 सदस्यों की व्यवस्था की गई थी।
नवंबर 1994 में अमेरिका द्वारा प्रशासित प्रशांत द्वीप पलाऊ के स्वतंत्र होने के साथ ही प्रन्यास परिषद् का कार्य समाप्त हो गया तथा इस परिषद् को वर्तमान में समाप्त करने का फैसला किया गया है।

 संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद

• इसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 15 मार्च, 2006 को को गई थी। इसने पूर्ववर्ती मानवाधिकार आयोग का स्थान लिया है। इसका कार्य मानवाधिकार से जुड़े मामलों को देखना तथा उन पर सिफारिशें करना है। इसके 47 सदस्य होते हैं जिनका निर्वाचन तीन वर्षों के लिए होता है। कोई देश लगातार दो बार से अधिक इसका सदस्य नहीं हो सकता है।

47 सदस्यों में से 13 अफ्रीका, 13 एशिया, 6 पूर्वी यूरोप, 8 लैटिन अमेरिका और कैरिबियाई देशों तथा 7 पश्चिमी यूरोप तथा अन्य से निर्वाचित होते हैं। भारत वर्ष 2010 के समूह में शामिल है, अर्थात वह नई 2007 में इसका सदस्य निर्वाचित हुआ था और वर्ष 2010 तक इसका सदस्य रहेगा।

अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय (International court of Justice)

अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय की स्थापना हेग (नीदरलैंड) में 3 अप्रैल 1946 को की गई थी।
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के संविधान में पांच अध्याय तथा 70 अनुच्छेद हैं। इसमें न्यायधीशों की संख्या 15 रखी गई है। इनकी नियुक्ति ५ वर्षों के लिए होती है। प्रत्येक वर्ष के पश्चात् 5 न्यायाधीश अवकाश ग्रहण करते हैं।
कोई भी दो न्यायाधीश एक देश के नहीं हो सकते। न्यायाधीश अपने में से ही एक अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष को तीन वर्षों के लिए चुनते हैं।
न्यायालय की सरकारी भाषाएं अंग्रेजी तथा फ्रेंच हैं।

इस न्यायालय में भारत के नागेन्द्र सिंह अध्यक्ष के रूप में तथा आर. एस. पाठक न्यायधीश के रूप में कार्य कर चुके हैं।

वर्तमान में नवीन अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय का गठन संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख अभिकरण के रूप में किया गया है।

6. सचिवालय (Secretariat)

सचिवालय संयुक्त राष्ट्र संघ के दिन-प्रतिदिन के कार्यों को निपटाता है।

• सचिवालय का प्रमुख महासचिव होता है, जिसे महासभा द्वारा सुरक्षा परिषद् की सिफारिश पर 5 वर्ष की अवधि के लिए नियुक्त किया जाता है। महासचिव को दोबारा भी नियुक्त किया जा सकता है। • घोषणा पत्र के अनुसार महासचिव संगठन का मुख्य प्रशासनिक अधिकारी होता है।

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