7 साल बाद भर्ती • SI भर्ती में रुझान घटा, उम्मीद 5 लाख आवेदन की थी, 500 पदों के लिए 1,53,249 आवेदन

सात साल बाद भर्ती निकली, लेकिन युवाओं का रुझान पहले की तुलना में कम दिखाई दे रहा है। हालांकि, कम आवेदन आने के बावजूद प्रतिस्पर्थी सामान्य से कम हो सकती है। 500 पदों के मुकाबले 1.53 लाख आवेदन का मतलब एक पद पर औसतन 306 दावेदार है। पिछली बार 2017 में निकली भर्ती के लिए 2,20,452 आवेदन आए थे। इस बार संख्या में लगभग 67 हजार की कमी दर्ज की गई है जानकार मानते हैं कि भर्ती लंबे समय तक न आने से बढ़ी संख्या में उम्मीदवार ओवररेज हो गए,कुछ ने नौकरी की दिशा ही बदल दी, जबकि कई अभ्यर्थियों ने तैयारी बीच में ही छोड़ दी। इस भर्ती में आयु सीमा में भी छूट नहीं दी गई। ईएसबी ने इस भर्ती के लिए प्रारंभिक परीक्षा 9 जनवरी 2026 से शुरू करने की योजना तैयार की है।

मुख्य परीक्षा : 1.53 लाख में से 5 हजार होंगे चयनित मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) ने पुलिस मुख्यालय के लिए सूबेदार/सब इंस्पेक्टर भर्ती-2025 के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी कर ली है।इस बार 500 पदों के लिए 1,53,249 आवेदन आए हैं। खास बात यह है कि इस बार चयन प्रक्रिया कठिन बनाई है। इस परीक्षा में क्वालिफाई उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा देना होगा। मुख्य परीक्षा के लिए कुल विज्ञापित पदों के 10 गुना उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा। यानी, 500 पद के लिए करीब 5 हजार उम्मीदवार ही मुख्य परीक्षा तक पहुँच पाएंगे। इनमें से 500 पदों पर सब इंस्पेक्टरों की भर्ती होगी। इस बार एमपीपीएससी के स्तर का पैटर्न बनाया हैं कि ‘लंबे गैप ने युवाओं की लय बिगाड़ी है’। अनुमान था कि 5 लाख उम्मीदवार आवेदन करेंगे। लेकिन परीक्षा का पैटर्न बदलने से उम्मीदवारों में रुझान घटा दिखाई दिया है। आवेदन कम होने से प्रतिस्पर्थी सामान्य या सामान्य से कम होगी। भर्ती प्रक्रिया को जटिल बनाकर इसका लेवल एमपीपीएससी के स्तर का बनाया है। सिलेबस बदल गया। इसके अलावा जो उम्मीदवार सालों से भर्ती कर रहे थे वे उन्हें आयु में छूट नहीं मिली।

इस भर्ती नोटिफिकेशन अक्टूबर में निकाला और 9 जनवरी से परीक्षा प्रस्तावित कर दी, इससे सिलेबस के अनुसार
तैयारी के लिए उम्मीदवारों को समय कम दिया। ऐसे में उम्मीदवारों को लगा कि वे तैयार नहीं कर पाएंगे, इसलिए उन्होंने आवेदन नहीं किए। 2017 के बाद एसआई की भर्ती नही आनेसे भी प्रतियोगी माहौल धीरे-धीरे कमजोर हुआ। यही सब कारण एक साथ इस भर्ती में दिखे, जिसका असर अभ्यर्थियों की संख्या को देखकर लग रहा है।

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