मोटर वाहन ( संशोधन) अधिनियम, 2019
मोटर वाहन ( संशोधन) अधिनियम, 2019
राष्ट्रपति ने देश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य से सड़क सुरक्षा के लिये कठोर प्रावधानों वाले मोटर वाहन ( संशोधन) विधेयक, 2019 को मंजूरी दे दी है।
अधिनियम में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से बेहद कठोर प्रावधान किये गए हैं एवं इसके प्रावधान 18 राज्यों के परिवहन मंत्रियों की सिफारिशों पर आधारित हैं। संसद की स्थायी समिति ने इन सिफारिशों की विस्तार से जाँच की और समिति की रिपोर्ट के आधार पर इन्हें अधिनियम में शामिल किया गया है। इस अधिनियम में केंद्र सरकार के लिये मोटर वाहन दुर्घटना कोष के गठन की बात कही गई है जो भारत में सड़क का उपयोग करने वालों को अनिवार्य बीमा कवर प्रदान करेगा। इस अधिनियम में यातायात के नियमों के उल्लघन पर भारी दंड लगाने का प्रावधान किया गया है।
अधिनियम के प्रमुख बिंदु
सड़क बुर्घटना के पीड़ितों को मुआवज्ञाः कॅद्र सरकार ‘गोल्डन अवर के दौरान सड़क बुर्घटना के शिकार लोगों का कैश लेस उपचार करने की एक योजना तैयार करेगी। अधिनियम के अनुसार, ‘गोल्डन आवर’ घातक चोट के वाद की एक घंटे की समयावधि होती है। मेडिकल देखभाल से मृत्यु से बचाव की संभावना सबसे अधिक होती है। केंद्र सरकार थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के अंतर्गत मुआवजे का दावा करने । वालों को अंतरिम राहत देने के लिये एक योजना भी बना सकती है, अधिनियम में हिट एंड रन के मामला में न्यूनतम मुआवज़े को दिया गया है:
० मृत्यु की स्थिति में मुआवजे की राशि को
25,000 से बल
2.,00,000 और गंभीर चोट की स्थिति में 12,500 से बढ़ा
50,000 किया गया है।
अनिवार्य बीमाः अधिनियम में केंद्र सरकार से मोटर वाहन दुर्घटना को बनाने की अपेक्षा की गई है। यह कोष भारत में सड़क का प्रयोग करे वाले सभी लोगों को अनिवार्य बीमा कवर प्रदान करेगा इसे निम्नलिखित स्थितियों के लिये उपयोग किया जाएगाः
० गोल्डन आवर योजना के अंतर्गत सड़क दुर्घटना के शिकार लौगं का उपचार।
০ हिट और रन मामलों में मौत का शिकार होने वाले लोगों के परिवारों को मुआवज़ा देना।
o हिट और रन मामलों में गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को मुआवज देना तथा;
০ केंद्र सरकार द्वारा विनिर्दिष्ट किये गए व्यक्तियों को मुआवज़ा देना।
इस कोष में निम्नलिखित के माध्यम से धन जमा कराया जाएगा:
० उस प्रकृति का भुगतान जिसे केंद्र सरकार द्वारा विनिर्दिष्ट किय जाए,
০ कंद्र सरकार द्वारा अनुदान या ऋण,
০ क्षतिपूर्ति कोष (हिट और रन मामलों में मुआवजा देने के लिए अधिनियम के अंतर्गत गठित मौजूदा कोष) में शेष राशि या
० केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित अन्य कोई स्रोत।
राष्ट्रीय परिवहन नीति
केंद्र सरकार राज्य सरकारों की सलाह से राष्ट्रीय परिवहन नीति बना सकती है। इस नीति में निम्नलिखित उपाय। किये जाएंगे:
सडक परिवहन के लिये एक योजनागत संरचना बनाई सकती है। परमिट देने के लिये फ्रेमवर्क विकसित किया जा सकता है। परिवहन प्रणाली की प्राथमिकताएँ विनिर्दिष्ट की जाएंगी इत्यादि।
सड़क सुरक्षा बोर्ड: अधिनियम में एक राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड का प्रावधान है जिसे कंद्र सरकार द्वारा अधिसूचना के जरिये बनाया जाएगा। बोर्ड सड़क सुरक्षा एव यातायात प्रबंधन के सभी पहलुओं पर केंद्र और राज्य सरकारों को सलाह देगा। इनमें निम्नलिखित से संबंधित सलाह
शामिल हैं:
० मोटर वाहनों का स्टैंडर्ड
० वाहनों का रजिस्ट्रेशन और लाइसेंसिंग
০ सड़क सुरक्षा के मानदंड
0 नए वाहनों की प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना
अपराध और दंड: अधिनियम में विभिन्न अपराधों के लिये दंड को बढ़ाया गया है। उदाहरण के लिये शराब या ड्रग्स के नशे में वाहन चलाने पर अधिकतम दंड 2,000 से बढ़ाकर 10,000 कर दिया गया है। अगर मोटर वाहन मैन्युफैक्चरर मोटर वाहनों के निर्माण या रखरखाव के मानदंडों का अनुपालन करने में असफल रहता है तो अधिकतम
100 करोड़ तक का दंड या एक वर्ष तक का कारावास या दोनों दिये जा सकते हैं। अगर कॉन्ट्रैक्टर सड़क के डिज़ाइन के मानदंडों का अनुपालन नहीं करता तो उसे एक लाख रुपए तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। केंद्र सरकार अधिनियम में उल्लिखित जुर्माने को हर साल
10% तक बढ़ा सकती है।
ज्ञातव्य है कि भारत, वर्ष
2015 में ब्रासीलिया सड़क सुरक्षा (Brasilia Declaration on Road Safety) घोषणा का हस्ताक्षरकर्त्ता बन गया, जिसके अंतर्गत वर्ष
2020 तक सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों का संख्या को आधा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख कारणा मे शहरीकरण की तीव्र दर. सरक्षा के पर्याप्त उपायों का अभाव, नियमों को करने में विलंब, नशीली दवाओं एवं शराब का सेवन कर लागू वाहन चलाना, तेज़ गति से वाहन चलाते समय हेल्मेट और सीट-बेल्ट न पहनना आदि हैं।