राष्ट्रीय मिशन ‘निष्ठा'(NISHTHA)
राष्ट्रीय मिशन ‘निष्ठा‘(NISHTHA) का शुभारंभ
21 अगस्त, 2019 केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने नई दिल्ली में प्राथमिक शिक्षा का स्तर बेहतर करने के लिए राष्ट्रीय मिशन ‘निष्ठा’ (राष्ट्रीय स्कूल प्रधानाध्यापक एवं शिक्षक समग्र उन्नति पहल) का शुभारंभ किया। इसके साथ ही निष्ठा की वेबसाइट, प्रशिक्षण मॉड्यूल और एक मोबाइल एप भी लॉन्च किया। निष्ठा’ का उद्देश्यः इस व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम ‘निष्ठा’ का मूल उद्देश्य विद्यार्थियों में गहन चिंतन प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए शिक्षकों को प्रोत्साहित करना है। शिक्षकों की जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ विभिन्न पहलुओं से जुड़े उनके कौशल में वृद्धि करना है।
NISHTHA
NISHTHA- National Initiative for School Heads and Teachers Holistic Advancement
में अपनी तरह का सबसे बड़ा शिक्षक-प्रशिक्षण कार्यक्रम है। यह प्राथमिक स्तर पर लर्निंग आउटकम को बेहतर बनाने के लिए लॉन्च किया गया है। यह अपनी तरह की पहली ऐसी पहल है, जिसके तहत सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मानक प्रशिक्षण मॉड्यूल विकसित किए गए हैं। एमओओडीएलई (मॉड्यूलर ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड डायनेमिक लर्निंग एनवायरनमेंट) पर आधारित एक मोबाइल एप और लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम (एलएमएस) एनसीईआरटी द्वारा विकसित किया गया है। एलएमएस का उपयोग रिसोर्स पर्सन्स और टीचर्स के पंजीकरण. संसाधनों के प्रसार, ट्रेनिंग गैप और प्रभाव विश्लेषण, निगरानी, सलाह और प्रगति का ऑनलाइन आकलन करने के लिए किया जाएगा।
कार्यक्रम की प्रमुख विशेषताएं
इस एकीकृत कार्यक्रम की प्रमुख विशेषताएं शैक्षिक खेल और क्विज, सामाजिक-भावनात्मक शिक्षण, प्रेरक बातचीत, टीम निर्माण, स्कूल आधारित आकलन के लिए तैयारी, आंतरिक सतत फीडबैक व्यवस्था, ऑनलाइन निगरानी और सहायता प्रणाली,प्रशिक्षण की आवश्यकता और प्रभाव विश्लेषण (प्रशिक्षण से पूर्व और पश्चात) सहित गतिविधि आधारित मॉड्यूल हैं।
शिक्षकों के व्यावसायिक विकास को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल के डिजाइन और विकास पर विशेष जोर दिया गया है। सुचारु सुगमता, शिक्षकों की सहायता के लिए डिजिटल सामग्री और प्रौद्योगिकी सक्षम शिक्षण पद्धतियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए इस विशाल क्षमता निर्माण कार्यक्रम को प्रौद्योगिकी के साथ एकीकृत किया गया है।
पेडागॉजीकल मुद्दे केंद्रीत प्रोजेक्ट
शिक्षकों को लर्निंग आउटकम्स, कॉम्परटीशन बेस्ड लर्निंग एंड टेस्टिंग, लर्नर-केंद्रित पेडागॉजी, स्कूल सेफ्टी एंड सिक्योरिटी आदि से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर अपने कौशल का विकास और जागरूकता मिलेगी। इस एकीकृत कार्यक्रम का उद्देश्य लगभग 42 लाख प्रतिभागियों की पाठन क्षमता को बेहतर बनाना है, जिसके तहत सभी सरकारी स्कूलों में प्राथमिक स्तर के समस्त स्कूली शिक्षकों एवं प्रधानाध्यापकों, राज्य शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषदों एवं जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों के सदस्यों और सभी राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रखंड संसाधन समन्वयकों और क्लस्टर संसाधन समन्वयकों को कवर किया जाएगा। हालांकि, राज्य और संघ राज्य क्षेत्र प्रशिक्षण मॉड्यूल को प्रासंगिक बना सकते हैं और मूल विषयों तथा ‘निष्ठा ‘ के अपेक्षित परिणामों को ध्यान में रखते हुए अपने स्वयं के सामग्री और रिसोर्स पर्सन्स का भी उपयोग कर सकते हैं।