अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO)
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO)
इस अभिकरण की स्थापना प्रथम विश्व युद्ध के बाद 11 अप्रैल, 1919 को की गई थी। यह राष्ट्र संघ का अंग था।
बाद में यह एक पृथक संस्था बन गई और राष्ट्र संघ की समाप्ति के बाद भी कार्य करती रही 1945 में इसे संयुक्त राष्ट्र संघ के साथ संबंद्ध कर इसका पुनर्गठन किया गया। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) का मुख्यालय जेनेवा मे है ।
कार्य एवं उद्देश्य
(i) सुनिश्चित कला कि श्रमिकों को जीवन निर्वाह के लिए पूरी मजदूरी प्राप्त हो,
(ii) मजदूरों के लिए प्रर्यापण भोजन तथा आवास का प्रबंध हो,
(iii) मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा के लिए आवश्यक कदमों को उठाना तथा स्त्रियों और बच्चों के शोषण के विरुद्ध आवाज उठाना
(iv) मजदूरों की चिकित्सा तथा अवकाश संबंधी मामलों में हितों के संवर्द्धन हेतु प्रयास करना,
(v) मजदूरों को संगठन बनाने के अधिकारों के लिए प्रोत्साहित करना,
(vi) मजदूरों की कार्य की अवधि आदि मामलों पर नजर रखना,
(vii) ILO को इसके उल्लेखनीय कार्यों और उपलब्धियों के लिए वर्ष 1969 का शांति का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)
स्वास्थ्य संबंधित कार्यों को सम्पादित करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) नींव 1946 ई. में संयुक्त राष्ट्र संघ की आर्थिक एवं सामाजिक परिषद् द्वारा न्यूयार्क में आयोजित एक सम्मेलन में पड़ी।7 अप्रैल, 1948 को इस संगठन की स्थापना की गई। 7 अप्रैल पूरे विश्व में विश्व स्वास्थ्य दिवस’ के रूप में मनाया WHO का मुख्यालय जेनेवा (विट्जरलैंड) में है।
उद्देश्य तथा कार्य
– वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य के उच्चतम संभव स्तर की प्राप्ति में सहायता करना,
. – रोग निवारण तथा नियंत्रण संबंधी कार्यक्रम चलाना,
– स्वास्थ्य सेवाओं का विकास करना,
– अंतरिक्ष स्वास्थ्य कार्यों से संबंधित संभवकारी प्राधिकरण के रूप में कार्य करना,
. – पर्यावरणीय स्वास्थ्य का संवर्द्धन,
– स्वास्थ्य सेवाओं के शोध व स्वास्थ्य कार्यक्रमों का विकास,
– जैव प्रौद्योगिकी का विकास,
– मातृत्व एवं बाल स्वास्थ्य को बढ़ावा देना,
– संक्रामक रोगों की रोकथाम,
– परिवार नियोजन को प्रोत्साहन,
– दवाओं और टीकों का उत्पादन व गुणवत्ता नियंत्रण तथा शोध को प्रोत्साहन देना, आंकड़ों का संग्रहण विश्लेषण एवं वितरण, रोग के लक्षणों, बीमारियों के उपचारों के संबंध में तुलनात्मक अध्ययन करना,
WHO द्वारा विगत कुछ वर्षों से इन्फ्लूएंजा, पोलियो मैलिटिस, हैजा, मलेरिया एवं पोलियो आदि रोगों का प्रभावी तरीकों में विशेषकर विकासशील देशों में निदान के संदर्भ में उल्लेखनीय कार्य किए गए हैं।
वर्तमान में विश्व स्वास्थ्य संगठन के 193 सदस्य देश है।
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विशेष : कोविड-19 को लेकर जो रुख WHO रहा वह पूरे विश्व में आलोचना का विषय बना । कोरोना वायरस को लेकर जो सूचनाएं इस संगठन द्वारा प्रारंभ में दी गईं वह चीन को स्पोर्ट करने वाली थी, यह भी कहा गया कि कोरोना वायरस ह्युमन टु ह्युमन नहीं फैलता । चीन के कोरोना नियंत्रण के प्रयासों को प्रशंसनीय बताया । जबकि आज पूरी दुनिया में इस वायरस के प्रकोप से हाहाकार मचा हुआ है । इसलिए पूरी दुनिया का विश्वास WHO से कम हुआ है, संयुक्त राज्य अमेरिका ने अपने डोनेशन को पूरी तरह से रोक देने की धमकी भी दी है ।
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अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अभिकरण (IAEA)
(International Atomic Energy Agency)
अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (International Atomic Energy Agency) की स्थापना 29 जुलाई, 1957 में की गई थी।
न्यूयार्क में एक अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में वर्ष 1956 में इस एजेंसी के संविधान का अनुमोदन किया गया था। 1957 में संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्य राष्ट्रों ने एक समझौता सूत्र स्वीकार किया, जिसके अनुसार इसे एक स्वायत्त अंतर्राष्ट्रीय संगठन की स्थिति प्रदान की गई। अतः इसे न तो संयुक्त राष्ट्र का सहायक अंग कहा जा सकता है और न उसका विशिष्ट अभिकरण।
IAEA का मुख्यालय वियना (ऑस्ट्रिया) में है।
उद्देश्य तथा कार्य–
– नाभिकीय अनुसंधान एवं विकास में सहायता करना है
– आण्विक ऊर्जा के संबंध में स्वास्थ्य एवं सुरक्षा मानदंडों की स्थापना करना
– एक सुरक्षोपाच कार्यक्रम का प्रशासन तथा संचालन करता, ताकि
– आण्विक (परमाणु)खनिजों और तकनीकों का सैन्य उपयोग न हो पाए,
– वैश्विक शाति, स्वास्थ्य तथा समृद्धि के लिए नाभिकीय ऊर्जा के योगदान को विस्तारित और प्रोत्साहित करना।
अंतर्राष्ट्रीय दूर संचार उपग्रह संगठन (INTELSAT)
अंतर्राष्ट्रीय दूर संचार उपग्रह संगठन (International Telecommunication satellite organisation)
की स्थापना 1964 में हुई थी। इंटेलसेट का मुख्यालय वाशिगठन डीसी (USA) में स्थित है। वर्तमान में विश्व के 140 देश इसके सदस्य हैं।
उद्देश्य तथा कार्य
वाणिज्यिक उपग्रहीय प्रणाली के अंतरिक्षीय खंड का व्यवस्थापन, विकास, निर्माण, कार्यसंचालन, डिजाइन आदि को सुनिश्चित करना तथा परिभाषित आधार प्रदान करना।