बड़ा बदवाव : फिजियोथेरपी, आक्युपेशनल थेरेपी सहित अधिकांश एलाइड- हेल्थकेयर कोर्सेस में दाखिला अब नीट (NEET) के जरिए ही

देश में पैरामेडिकल और अलाइड हेल्थ की पढ़ाई को मेडिकल स्टैंडर्ड के बराबर लाने की दिशा में बड़ा बदलाव हो गया है। नेशनल कमीशन फॉर अलाइड एंड हेल्थ केयर प्रोफेशंस (एनसीएएचपी) ने आदेश जारी कर स्पष्ट किया कि 2026-2027 सत्र से फिजियोथेरपी, आक्युपेशनल थेरेपी सहित अधिकांश एलाइड- हेल्थकेयर कोर्सेस में दाखिला अब नीट के जरिए ही होगा। अब तक बिना नीट चल रहे इन टेक्निकल कोर्सेस में यह बदलाव क्वालिटी बढ़ाने की दिशा में सबसे कड़ा कदम माना जा रहा है। इससे पहले एलाइड और हेल्थकेयर कोर्सेस एमबीबीएस-बीडीएस जैसी राष्ट्रीय परीक्षा व्यवस्था से बाहर थे। अब पहली बार पूरा पैरामेडिकल सेक्टर नीट आधारित दाखिला प्रणाली में आ जाएगा।

आयोग ने बताया कि 13 करिकुलम जारी हो चुके हैं और बाकी प्रक्रिया में हैं। हर करिकुलम में दाखिले का पहला आधार नीट रखा गया है, ताकि एडमिशन मेडिकल की तरह एक समान और राष्ट्रीय स्तर पर नियंत्रित हो सके। आयोग ने समीक्षा में पाया कि अलाइड और हेल्थकेयर कोर्सेस में भी प्रवेश प्रक्रिया ढीली रहने से क्वालिटी पर वही जोखिम पैदा हो रहा था। सेंट्रल और स्टेट बोडों को निर्देश दिए गए हैं कि वे स्कूलों को सूचित कर दें।

– बीएससी मेडिकल रेडियोलॉजी एंड इमेजनिंग टेक्नोलॉजी(एमआरआईटी), बीएससी रेडियोथेरेपी टेक्नोलॉजी, लैबटेक्नोलॉजी, एनेस्थिसिया टेक्नोलॉजी, ओटी टेक्नोलॉजी सहित कई अलाइड कोसेंस अब नीट आधारित हो जाएंगे।

10 कैटेगरी में 64 कोसेंस राष्ट्रीय स्तर पर एक ही समय और एक जैसे सिलेबस से संचालित होंगे।

लेने वाले 5 लाख मप्र पैरामेडिकल काउंसिल प्रतिवर्ष लगभग 225 कॉलेज की 52 कोर्स संचालन की अनुमति देती है और प्रदेशसे हर साल करीब 50हज़ार छात्र तैयार होते हैं।पूरे देश में इन कोर्सेंसमें एडमिशन लेने वालों की संख्या 5 लाख से ज्यादा है।

नए नोटिफिकेशनके बाद सभी राज्यों में एक जैसा करिकुलम,फैकल्टी क्वालिफिकेशन और इन्फ्रास्ट्रक्चर नियम लागू होंगे।

इससे सिस्टम में पारदर्शिता आएगी

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