अर्थ ऑवर डे : 2007 में सिडनी से हुई थी शुरुआत

पहली बार इस दिन एक घंटे तक गैर जरूरी लाइट्स बंद रखते हैं लोग

इस साल दिल्ली में इससे 206 मेगावॉट बिजली कीबचत हुई दुनियाभर में क्लाइमेट चेंज के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कई कैंम्पेन चलाएं जा रहे हैं। ऐसा ही एक कैंम्पेन है अर्थ ऑवर डे। यह दुनिया के सबसे बड़े कैम्पेन में से एक है, जिसमें करोड़़ों लोग हिस्सा लेते हैं। इसकी शुरुआत 2007 में  WWF यानि वल्ड वाइड फंड फॉर नेचर नाम की सामाजिक संस्था ने की थी। हालांकि इस कैंपेन की तैयारी 2004 में ही शुरू हो गई थी। 2004 में क्लाइमेट चेंज पर हुई कुछ रिसर्चेज पब्लिश हुई, जिसमें ऊर्जा उपभोग को लेकर कई चिंता जताई गई। इन्हं रिसर्चेज के बाद WWF  आस्ट्रेलिया ने इस मुद्दे पर बड़े स्तर पर लोगों को जागरूक करने की योजना बनाई।

साल में अर्थ ऑवर डे की योजना बनाई गई। wwF ने इस आइडिया को फैयरफैक्स मीडिया और सिडनी की मेयर क्लोवर मूरी को बताया, जो इवेंट के लिए तैयार हो गए। 180 देशों में मनाया जाता है। इस दिन की शुरुआत 2007 में ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर से हुई थी। पहला अर्थ ऑवर डे 31 मार्च को मनाया गया, जिसमें 22 लाख से ज्यादा लोगों ने कैंम्पेन मैं हिस्सा लिया। कैंम्पेन की शुरुआत ग्रासरूट लेवल पर हुई थी। लेकिन धीरे-धीरे यह दुनिया में फैल गया। इसके बाद 2008 में हुए अर्थ ऑवर डे में 35 देशों ने हिस्सा लिया। आज अर्थ ऑवर डे दुनिया से 180 से ज्यादा देशों में मनाया जाता है।

2009 में भारत में मना था पहला अर्थ ऑवर डे

भारत ने 2009 में अपना पहला अर्थ ऑवर डे मनाया था। 2010 में भारत के 128 शहरों के 70 लाख से ज्यादा लोग अर्थ ऑवर कैंम्पेन में शामिल हुए। इस साल दिल्ली में अर्थ ऑवर की वजह से 206 मेगावॉट बिजली की बचत हुई।

क्या होता है अर्थ ऑवर ?

अर्थ ऑवर डे हर साल मार्च के आखिरी शनिवार को मनाया जाता है। इस दिन दुनियाभर के नागरिकों से न सिर्फ एक घंटे के लिए गैरजरूरी लाइट्स को बंद रखने की अपील की जाती है,बल्कि सौर ऊर्जा को भी अपनाने की सलाह दी जाती है। अर्थ ऑवर डे मनाने के पीछे wwF संस्था का उद्देश्य प्रकृति को नुकसान से बचाना और लोगों को क्लाइमेट चेंज रोकने के लिए कदम उठाने के लिए प्रेरित करना है।

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