ब्लड मून चंद्रग्रहण, आज नजर आएगा भारत में

ब्लड मून चंद्रग्रहण, नजर आएगा भारत में
7 सितंबर में लगने वाला यह साल का सबसे बड़ा चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) भारत सहित दुनिया भर के कई हिस्सों से दिखाई देगा. साल का अंतिम चंद्र ग्रहण अब से कुछ घंटों के बाद, भारत में कई जगहों से देखा जा सकेगा. नई दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, जयपुर, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और लखनऊ जैसे प्रमुख शहरों में यह पूर्ण चंद्र ग्रहण स्पष्ट रूप से दिखाई देगा. जिन क्षेत्रों में ग्रहण दिखाई देगा, वहां पारंपरिक रीति-रिवाज और धार्मिक नियम लागू होंगे.

जब धरती, सूरज और चांद एक सीधी लाइन में आ जाते हैं तो चांद पर धरती की छाया पड़ती है. इस घटना को चंद्र ग्रहण कहा जाता है. यह खास घटना सिर्फ पूर्णिमा की रात को ही होती है, क्योंकि तभी चांद पूरा दिखाई देता है.

भारत के अलावा 7-8 सितंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण दुनिया के कई हिस्सों से देखा जा सकेगा. यह खगोलीय घटना उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी हिस्सों, दक्षिण अमेरिका के पूर्वी भागों, प्रशांत और अटलांटिक महासागर, हिंद महासागर, यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका सहित आर्कटिक और अंटार्कटिका में भी नजर आएगी.

पूर्ण चंद्रग्रहण को ब्लड मून भी कहा जाता है क्योंकि इस दौरान चंद्रमा लाल रंग में दिखाई देता है. यह दुर्लभ खगोलीय घटना तब होती है जब चंद्रमा, पृथ्वी की छाया से होकर गुजरता है. परिणामस्वरूप चंद्रमा धीरे-धीरे लाल और नारंगी रंग में चमकता हुआ नजर आता है.

– जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, तो उसकी सबसे गहरी छाया, जिसे अम्ब्रा (Umbra) कहा जाता है, चंद्रमा की सतह पर पड़ती है. इसके कारण पूर्ण चंद्रग्रहण होता है. इस दौरान चंद्रमा पूरी तरह अंधेरे में नहीं छुपता, बल्कि गहरे लाल और तांबे रंग की चमक में दिखाई देता है.

7-8 सितंबर 2025 को लगने वाला पूर्ण चंद्रग्रहण एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और यूरोप के विभिन्न हिस्सों से देखा जा सकेगा. भारत में इसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, पुणे, लखनऊ, हैदराबाद और चंडीगढ़ सहित अन्य बड़े शहरों से साफ तौर पर देखा जा सकेगा.हालांकि, इसकी दृश्यता मौसम, बादल और प्रदूषण पर निर्भर करेगी.


भारत के अलावा किन देशों में दिखाई देगा चंद्र ग्रहण? – भारत के अलावा यह चंद्र ग्रहण 7-8 सितंबर को उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी हिस्से, दक्षिण अमेरिका के पूर्वी क्षेत्र, प्रशांत और अटलांटिक महासागर, हिंद महासागर, यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, आर्कटिक और अंटार्कटिका से भी देखा जा सकेगा.
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