मप्र में कैडर रिस्ट्रिक्शन : हिंदी-अंग्रेजी जानने वालों को प्राथमिकता

मध्यप्रदेश सरकार अफसरों से लेकर कर्मचारियों के संवर्गों में कैडर रिस्ट्रक्शन करने जा रही है। इसका मुख्य मकसद केवल पदों की संख्या कम या ज्यादा करना नहीं,बल्कि कर्मचारियों और अफसरों की स्किल डेवलपमेंट पर जोर देना है। इसके तहत नई भर्तियों में हिंदी और अंग्रेजी दोनों जानने वाले उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाएगी।

सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है कि केंद्र की योजनाओं और कोर्ट के आदेश ज्यादातर अंग्रेजी में पहले कर्मचारियों को इन्हें समझने और लागु करने के लिए भाषा और कानून का ज्ञान होना जरूरी था। अब एआई टूल और उन्नत ट्रांसलेशन सॉफ्टवेयर के माध्यम से यह तेज और स्वचालित हो गया है, इसलिए भत्तों और पुरस्कारों में बदलाव किया गया है। पहले, जिन कर्मचारियों को हिंदी और अंग्रेजी आती थी, उन्हें150 रुपये प्रति माह विशेष भत्ता मिलता था। अब इसे बंद कर दिया गया है। इसके अलावा, नौकरी के दौरान उच्च डिग्री हासिल करने पर मिलने वाला इंक्रीमेंट और उत्तकृष्ट कार्य के लिए सुशीलचंद्र वर्मा पुरस्कार 2019 के बाद से बंद कर
दिया गया। सरकारी सूत्रों के अनुसार, तकनीकी बदलाव और डिजिटल टूल्स के आने के बाद इन भर्तों की आवश्यकता कम हो गई थी। सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव अजय कटेसरिया अनुसार, कैडर रिस्ट्रिक्शन प्राथमिकता पर किया जाएगा, लेकिन पहले अटकी हुई पदोत्रति पुरी होगी। कर्मचारियों और अफसरों की पदोन्नति के बाद यह प्रस्ताव लागु किया जाएगा।

स्वास्थ्य विभाग : 4848 पद खत्म किए गए। इनमें सहायक संवर्ग-1, 2, 3, ड्रेसर, कंपाउंडर और स्वास्थ्य कर्मचारी शामिल हैं। अब इन पदों पर भर्ती नहीं होगी। इसके बजाए चिकित्सकों और विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती पर जोर रहेगा।

महिला बाल विकास विभाग : सहायक ग्रेड-2 के 350 से अधिक पद खत्म कर दिए गए हैं। मौजूदा कर्मचारी अपनी सेवाएं पूरी करेंगे, लेकिन रिटायरमेंट के बाद ये पद खत्म हो जाएंगे।।

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