कुत्ते के काटने से नहीं, चाटने से भी हो सकता है रेबीज?
कुत्ते के काटने से नहीं, चाटने से भी हो सकता है रेबीज?
यूपी के बदायूं में 2 साल के अदनान की मौत रेबीज से हो गई। हैरानी की बात ये रही कि उसेकुत्ते के काटने से नहीं, चाटनेसे भी हो सकता है रेबीज?
रेबीज क्या है? यह कितना घातक है?

रेबीज एक वायरल इंफेक्शन है जो संक्रमित कुते, बिल्लीयों अन्य स्तनधारियों की लार से फैलता है। यह सीधे मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम पर हमला करता है। एक बार लक्षण दिखने लगे तो मृत्यु तक की आशंका बनती है।
काटे बिना रेबीज कैसे फैल सकता है?
संक्रमित कुत्ते या जानवर की लार खुले घाव, खरोंच या मुंह-आंख जैसी जगहों से शरीर में पहुंच जाए तो भी रेबीज का स्क्रमण हो सकता है। यानी केवल काटना ही खतरा नहीं है, चाटने से भी संक्रमण संभव है।
ऐसे मामलों में तुरंत क्या करना चाहिए?
घाव या चोट को तुरंत 15-20 मिनट तक बहते पानी और साबुन से धोएं। तुरंत स्वास्थ्य केंद्र में जाकर एंटी-रेबीज वैक्सीन लगवाएं। डॉक्टर के निर्देशानुसार इम्युनोग्लोबुलिन (एंटीबॉडी) भी लगवाना जरूरी हो सकता है।
क्या भारत में रेबीज़ बड़ा संकट है?
हां, डब्ल्यूएचओ के अनुसार, दुनिया में होने वाली कुल रेबीज मौतों में 36% केवल भारत में होती हैं। इनमें ज्यादातर बच्चे शामिल होते हैं।
लोगों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
आवारा कुत्तों या पालतू जानवरों को रेबीज वैक्सीन जरूर लगवाएं। बच्चों को सिखाएँ कि घायल होने या जानवरों द्वारा काटे, चाटे जाने पर तुरंत माता-पिता को बताएं। रेबीज वैक्सीन को लापरवाही से कभी न टालें, यही एकमात्र बचाव है।
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