Category: GEOGRAPHY INDIA / WORLD

लुक ईस्ट से एक्ट ईस्ट तक

‘लुक ईस्ट’ से ‘एक्ट ईस्ट’ तक  भारत की नई केन्द्र सरकार ने मई 2014 में सत्ता ग्रहण की. विदेश नीति की प्राथमिकताओं के तौर पर देखा जाए. इसमें नई सरकार की विदेश नीति में...

जर्मनी का एकीकरण

जर्मनी का एकीकरण  19वीं शताब्दी के मध्य में जर्मनी का एकीकरण यूरोप में राष्ट्रीयता की महाविजय का सूचक था. जर्मनी के एकीकरण का मुख्य नायक प्रशा का चांसलर बिस्मार्क था, किन्तु इसके लिए जर्मनी...

मृदा प्रदूषण क्या है ? एवं रोकने के उपाय

मृदा प्रदूषण क्या है? एवं रोकने के उपाय भूमि अथवा भू एक व्यापक शब्द है, जिसमें पृथ्वी का सम्पूर्ण धरातल समाहित है किन्तु मूल रूप से भूमि की ऊपरी परत, जिस पर कृषि की...

पुनर्जागरण युग के अन्य विचारक

पुनर्जागरण युग के अन्य विचारक

पुनर्जागरण युग के अन्य विचारक मॉण्टेस्क्यू शक्ति के पृथक्करण सिद्धान्त का प्रतिपादक मॉण्टेस्क्यू इंगलैण्ड के स्वतन्त्र वातावरण से बहुत अधिक प्रभावित था. जब वह फ्रांस लौटा तो इंगलैण्ड के परिमित वैधानिक राजतन्त्र का अनुमोदक...

पुनर्जागरण (Renaissance) का अर्थ एवं पृष्ठभूमि

पुनर्जागरण (Renaissance) का अर्थ एवं पृष्ठभूमि

पुनर्जागरण (Renaissance) का अर्थ एवं पृष्ठभूमि पुनर्जागरण (Renaissance) शब्द का सामान्य अर्थ होता है. फिर से जागना’ अर्थात् पुनर्जागरण से तात्पर्य उस बौद्धिक आन्दोलन से है. जिसके तहत पश्चिम के राष्ट्र मध्ययुग की प्रवृत्तियों...

अपोलो-11 मिशन के 51 वर्ष

अपोलो-11 मिशन के 51 वर्ष  पृथ्वी के इतर किसी आकाशीय पिंड पर मानव द्वारा कदम रखने की 50वीं वर्षगांठ 20 जुलाई, 2019 को मनायी गयी। उल्लेखनीय है 20 जूलाई, 1969 को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी...

बाघ प्रजातियां(TIGER species)

बाघ प्रजातियां(TIGER species)

बाघ प्रजातियां (TIGER species) पूरे विश्व में बाघ की 9 प्रजातियां रही हैं जिनमें से तीन प्रजातियां विलुप्त हो चुकी हैं। ये प्रजातियां निम्नलिखित हैं; 1. अमूर (या साइबेरियन टाइगर ): बाघ की उप-प्रजातियों...

असम का राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर

असम का राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर(Nationl register of citizens) असम देश का पहला राज्य है जहां वर्ष 1951 में नागरिकों के लिए राष्ट्रीय रजिस्टर प्रकाशित किया गया था और अब सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों एवं...

भूमिगत जल प्रबंधन

भूमिगत जल प्रबंधन (Underground Water Management) विशेषज्ञों का मानना है कि अगले कुछ दशकों बाद धरती पर पानी की जबर्दस्त किल्लत महसूस की जाएगी । जल बहुल क्षेत्र जल-विरल हो गए हैं और जल-विरल क्षेत्रों...