CDS (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ )
CDS (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ )
रक्षा सुधार की तरफ एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में , 15 अगस्त , 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने थल सेना , नौसेना और वायु सेना के बीच बेहतर समन्वय के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ( CDS ) का एक नया पद गठित करने की घोषणा की । सीडीएस का पद तीनों सेनाओं के प्रमुखों से ऊपर का होगा । यह संयुक्तता ( Jointness ) एवं तीनों सेनाओं के एकीकरण की दिशा में देश का सबसे बड़ा उच्च स्तरीय सैन्य सुधार है । भारत में रक्षा प्रबंधन के दृष्टिकोण से यह निर्णय दूरगामी प्रभाव वाला कदम साबित हो सकता है ।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ क्या है ?
सीडीएस एक उच्च सैन्य कार्यालय है जो तीनों सेवाओं के कार्य की देखरेख और समन्वय का कार्य करेगा । साथ ही यह प्रधानमंत्री को तीनों सेवाओं के लिए दीर्घकालिक रक्षा योजना और प्रबंधन पर एकल – बिंदु सलाह प्रदान करेगा । सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के कारण अभियानों में ‘ जॉइंटमैनशिप ‘ संभव हो सकेगी । जॉइंटमैनशिप से आशय है , ‘ साझा रणनीति व कार्यप्रणाली के साथ एकीकृत सैन्य संचालन ‘ । भारत के एक परमाणु हथियार संपन्न देश होने के नाते ‘ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ‘ , परमाणु मामलों पर प्रधानमंत्री के सैन्य सलाहकार के रूप में भी काम करेगा ।
उन्नत सेनाओं वाले अधिकांश देशों में इस तरह के पद हैं , हालांकि विभिन्न देशों में उनके अधिकार व शक्तियाँ परस्पर भिन्न – भिन्न हैं । आवश्यकता संचालन के दृष्टिकोण से , वर्तमान में सैन्य संघर्ष की अवधारणा । भूमि , वायु और समुद्र से परे अंतरिक्ष , साइबर , इलेक्ट्रॉनिक और सूचना के क्षेत्र तक फैल गई है ।
अपनी युद्ध रणनीतियों में इन रक्षा क्षेत्रों को शामिल करने के लिए एवं प्रभावी रक्षा तैयारी हेतु भारतीय थल सेना , वायु सेना और नौसेना की जॉइंटमैनशिप की आवश्यकता है । सशस्त्र बलों की हथियार आवश्यकताओं को भी प्राथमिकता देने की आवश्यकता है । साथ ही स्पष्ट रूप से परिभाषित राष्ट्रीय रक्षा रणनीति के आधार पर उनके संसाधन का अनुकूलतम आवंटन भी आवश्यक है ।
सीडीएस , तर्कसंगत रक्षा अधिग्रहण निर्णयों में योगदान करने के साथ – साथ तीनों सैन्य सेवाओं के बीच क्षमताओं के अतिरेक को रोकने तथा उपलब्ध वित्तीय संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग सुनिश्चित करने में मदद करेगा । कमेटी के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया जाता है । वर्तमान में चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी ( Caso ) के अध्यक्ष एयर चीफ ।मार्शल बीरेंद्र सिंह धनोआ है ।
कारगिल समीक्षा समिति
सीडीएस के पद का पहला प्रस्ताव 29 जुलाई , 1999 को गठित ‘ कारगिल समीक्षा समिति ‘ ( Kargil Review Committee KRC ) की रिपोर्ट से आया । डॉ . के . सुब्रह्मण्यम की अध्यक्षता वाली इस समिति की रिपोर्ट 15 दिसंबर , 1999 को प्रस्तुत की गई थी तथा संसद में इसकी सिफारिशें 23 फरवरी , 2000 को पेश की गई । इस समिति की रिपोर्ट में ‘ रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों के बीच सर्वोच्च निर्णय लेने की संरचना तथा राष्ट्रीय सुरक्षा प्रबंधन के संपूर्ण पहलुओं के पुनर्गठन की बात कही गई ।
> केआरसी रिपोर्ट और सिफारिशों का अध्ययन करने वाले ‘ ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स टास्क फोर्स ‘ ने सुरक्षा संबंधी मंत्रिमंडलीय समिति को सीडीएस पद गठित करने की शिफारिश की ।
> केंद्र सरकार ने वर्ष 2002 के अंत में ‘ एकीकृत रक्षा स्याफ ( IDS ) का सृजन किया , जिसे सीडीएस सचिवालय के रूप में काम करना था । हालांकि , पिछले 17 वर्षों में , यह सैन्य प्रतिष्ठान के अंतर्गत एक अस्पष्ट विभाग के रूप में मौजूद है ।
रक्षा और सुरक्षा पर नरेश चंद्र समिति
• केआरसी रिपोर्ट के एक दशक बाद 2011 में , सरकार ने रक्षा एवं सुरक्षा पर नरेश चंद्र समिति का गठन किया । इस 14 – सदस्यीय समिति ने एक अपेक्षाकृत कम शक्तिशाली पद ( Permanent Chairman of Chiefs of Staff Committee ) का सुझाव दिया । हालांकि कारगिल समीक्षा समिति ने प्रत्यक्ष तौर पर सीडीएस की सिफारिश नहीं की थी ; इसकी सिफारिश ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स टास्क फोर्स द्वारा की गई थी ।
इसने तीनों सेनाओं के बीच अधिक समन्वय की आवश्यकता को रेखांकित किया , जो कारगिल संघर्ष के शुरुआती दौर में काफी खराब था । दिसंबर 2016 में प्रस्तुत ‘ डीबी शेकतकर समिति ‘ द्वारा भी सीडीएस के पद की सिफारिश की गई ; यह समिति द्वारा की गई कुल 99 सिफारिशों में से एक था ।
एकीकृत थिएटर कमांड
• सीडीएस को भविष्य में ‘ थिएटर कमांड ‘ के निर्माण की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है । थिएटर कमांड का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण अमेरिकी सेना है जिसमें थिएटर कमांड तीनों सेनाओं की संपत्तियों व कर्मियों को एकीकृत करता है । वर्ष 2016 में , चीन ने भी अपने सैन्य , पुलिस और अर्धसैनिक बलों को 5 थिएटर कमांड में में एकीकृत किया ; जबकि इसके पहले चीन में 7 क्षेत्रीय कमानें थीं ।
एकीकृत थिएटर कमांड से आशय एक कमांडर के तहत भौगोलिक क्षेत्रों के आधार पर तीन सेवाओं के एकीकृत कमांड से है । थिएटर कमांड का कमांडर बिना बाधा के थल सेना , वायुसेना और नौसेना के सभी संसाधनों का इस्तेमाल करने में सक्षम होता है । थिएटर कमांड के तहत सैनिक , अपनी व्यक्तिगत सैन्य सेवाओं ( यथा – थल सेना , वायुसेना या नौसेना ) के प्रति जवाबदेह नहीं होते ।