दूरदराज के इलाकों में न्याय पहुंचाने के लिए स्थापित की जाती है खंडपीठ,हाई कोर्ट की एक क्षेत्रीय शाखा होती है, जो हाई कोर्ट के स्थान के अलावा किसी अन्य शहर या क्षेत्र में न्यायिक कार्य करती है। इसका उद्देश्य यह है कि दूरदराज के इलाकों के लोगों को न्याय के लिए हाई कोर्ट तक न जाना पड़े। खंड पीठ स्थानीय मामलों की सुनवाई करती है। भारत में कुल 25 उच्च न्यायालय हैं। इनकी अलग-अलग 15 खंडपीठ हैं।एक हाई कोर्ट की भौगोलिक स्थिति और आबादी के हिसाब से एक से ज्यादा खंडपीठ भी हो सकती है।
पीठों की स्थापनाकी प्रक्रिया क्या है?
भारत के संविधान के अनुच्छेद 214 में राज्य में एक हाई कोर्ट होने का प्रावधान है। जबकि राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 की धारा 5 में राज्यों में हाई कोर्ट से दूर के इलाकों में पीठ स्थापित करने का प्रावधान भी है। किसी राज्य में हाई कोर्ट की नई पीठ की स्थापना का निर्णय राज्य सरकार, राज्यपाल और हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की सहमति के बाद लिया जाता है। इसके बाद ही केंद्र सरकार उस प्रस्ताव पर विचार करती है।
पीठ स्थापना की शर्तें क्या हैं?
1981 में हाई कोर्ट ने जसवंत सिंह आयोग का गठन किया गया। आयोग ने 1983 में अपनी सिफारिशों में कहा था कि किसी जगह पीठ बनाने से पहले वहां की आबादी, क्षेत्रफल, दुरी,वहां पहुंचने के साधन, मामलों और स्थानीय वकीलों की संख्या देखनी चाहिए। अभी राज्य सरकार को पीठ के लिए जमीन, इमारत और बाकी जरूरी सुविधाएं देनी होती हैं और खर्चा भी उठाना होता है। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस तय करते हैं कि पीठ का रोज का काम कैसे चलेगा।