कड़कनाथ मुर्गे के जीआई टैग (भौगोलिक संकेतक) की लड़ाई मध्य प्रदेश ने जीत ली
कड़कनाथ मुर्गे के जीआई टैग (भौगोलिक संकेतक) की लड़ाई मध्य प्रदेश ने जीत ली
लाजवाब स्वाद के लिए खास पहचान रखने वाले वाले कड़कनाथ मुर्गे के जीआई टैग (भौगोलिक संकेतक) की लड़ाई भले ही मध्य प्रदेश ने जीत ली है लेकिन छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाकों में अभी भी किसान इसे अपना मानते हैं और इससे गहरा जुड़ाव रखते हैं। यही वजह है कि इस प्रजाति के मुर्गों को प्रमोट करने के लिए उन्होंने एक नायाब पहल शुरू की है। इसी के तहत छत्तीसगढ़ के बस्तर में किसानों की तरफ से शनिवार को कड़कनाथ मुर्गा और मुर्गी के अनोखे विवाह का आयोजन किया गया है।
इस अनोखे विवाह को लेकर बकायदा आमंत्रण कार्ड भेजे गए हैं। इन आमंत्रण कार्ड पर ‘कालिया’ और ‘सुंदरी’ की शादी में सबको शामिल होने का न्योता दिया गया है। हीरानार से बारात निकलेगी जो कि एसबीआई चौक पर जाकर खत्म होगी जहां पर शादी की पूरी तैयारी की गई है। आमंत्रण कार्ड के मुताबिक ‘कड़कनाथ प्रॉजेक्ट’ दंतेवाड़ा से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी इस अनोखे विवाह समारोह का हिस्सा बनेंगे।
उधर, कड़कनाथ प्रजाति को प्रमोट करने के लिए किसानों की तरफ से उठाया गया यह कदम विवादों में भी आ गया है। दरअसल, विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेताओं ने आरोप लगाया है कि प्रशासन बेवजह के दिखावे में पैसा बर्बाद कर रहा है। हालांकि कृषि विज्ञान केंद्र के डॉ. नारायण साहू ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है और कहा है कि यह आयोजन पूरी तरह से पोल्ट्री किसानों की तरफ आयोजित किया जा रहा है।
साहू ने कहा, दंतेवाड़ा आदिवासी क्षेत्र है और यहां के लोग हर मौसम में उत्सवों का आयोज करते हैं। यह मौसमी फल, मौसमी फसलों के समय भी कार्यक्रम आयोजित होते हैं। ऐसे में पहली बार हो इस तरह मुर्गे-मुर्गी की शादी का आयोजन यहां के लिए कोई अजीब बात नहीं है।
कड़कनाथ प्रजाति की मुर्गियों की घटती संख्या को देखकर हमने इस प्रजाति को प्रमोट करने के लिए यह कदम उठाया है। यह कदम इसलिए भी है ताकि लोग कड़कनाथ प्रजाति के मुर्गे-मुर्गियों के प्रति आकर्षित हों और उन्हें बढ़ावा दें।
शादी में शामिल होने के लिए 250 लोगों को निमंत्रण
लुडरु कहते हैं, मध्य प्रदेश को इस प्रजाति का जीआई टैग जरूर मिला है लेकिन आज भी यहां के लोग उसे अपना ही मानते हैं। यह उत्सव इसलिए भी है ताकि हम कड़कनाथ के प्रति अपना प्यार दिखा सकें और बता सकें कि वह जितना उनका है, उतना ही हमारा भी है।
लुडरु ने बताया कि पिछले सप्ताह कालिया और सुंदरी की सगाई हुई है। इस शादी में डीएम और पुलिस अधिकारियों के साथ 250 से अधिक लोगों को आमंत्रण भेजा गया है। इस शादी में 150 से अधिक पोल्ट्री संगठनों के लोग शामिल होंगे। सभी के सहयोग से ही इस शादी समारोह का आयोजन हो रहा है।
मध्य प्रदेश को कड़कनाथ का जीआई टैग
बता दें कि पिछले दिनों कड़कनाथ प्रजाति के जीआई टैग (भौगोलिक संकेतक) को लेकर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के बीच विवाद रहा। इस विवाद के कारण कड़कनाथ प्रजाति की भी खूब चर्चा हुई। बाद में इस लड़ाई में मध्य प्रदेश विजयी रहा और झाबुआ ज़िले को जीआई टैग मिल गया।