मैक्स प्लैंक,जिन्होंने दुनिया को दी क्वांटम थ्योरी

मैक्स प्लैंक,जिन्होंने दुनिया को दी क्वांटम थ्योरी

जर्मनी के भौतिकविद् मैक्स प्लैंक ने 14 दिसंबर 1900 को भौतिकी की दुनिया में क्रांति ला दी। उन्होंने पहली बार बताया कि ऊर्जा छोटे-छोटे पैकेट्स में उत्सर्जित होती है, जिन्हें उन्होंने ‘क्वांटा’ कहा। उस समय की पारंपरिक भौतिकी के अनुसार ऊर्जा केवल तरंग जैसी लगातार बहने वाली होती थी। लेकिन प्लैंक ने दिखाया कि कुछ परिस्थितियों में ऊर्जा कणों की तरह व्यवहार करती है। हालाँकि प्लैंक को शुरू में खुद भी अपने इस नए सिद्धांत को पूरी तरह समझा नहीं आया, लेकिन उनका योगदान भौतिकी की दिशा बदलने वाला साबित हुआ। बाद में आइंस्टीन, बोहर, श्रोडिंगर, हाइजेनबर्ग और अन्य वैज्ञानिकों ने इसे आगे बढ़ाया और क्वांटम थ्योरी को विकसित किया। इस खोज से कई अनसुलझी समस्याओं का समाधान हुआ, जैसे ठोस पदार्थों में गर्मी का व्यवहार और परमाणु स्तर पर प्रकाश का अवशोषण। प्लैंक के इस योगदान के लिए उन्हें 1918 में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार भी मिला।

बेटे को हिटलर की हत्या की साजिश में फांसी हुई दूसरी तरफ प्लैंक का निजी जीवन दुखों से भरा हुआ रहा। 1909 में उनकी पहली पत्नी की मौत हो गई। बड़ा बेटा प्रथम विश्व युद्ध में मारा गया। वहीं उनकी दोनों बेटियों की मौत प्रसव के दौरान हुई। द्वितीय विश्व युद्ध में उनका घर जल गया और उनके दूसरे बेटे को हिटलर की हत्या की साजिश में फांसी दे दी गई। फिर भी प्लैंक 87 वर्ष की उम्र तक जर्मनी में विज्ञान के पुनर्निर्माण में योगदान देते रहे। उनका निधन अक्टूबर 1947 में हुआ। उनके सम्मान में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने प्लैंक मिशन शुरू किया, जो ब्रह्मांडीय माइक्रोवेव पृष्ठभूमि विकिरण का अध्ययन कर रहा है।

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