MPPSC : प्रिलिम्स परीक्षा का परिणाम जुलाई के अंत में, मुख्य परीक्षा 9 सितम्बर को,पीएससी के इतिहास में इस बार सबसे कम आवेदन

MPPSC : आज हो रही  प्रिलिम्स परीक्षा का परिणाम जुलाई के अंत में मुख्य परीक्षा 9 सितम्बर को 

पीएससी के इतिहास में इस बार सबसे कम आवेदन

110 पदों के लिए आज ( 23 जून 2024)हो रही MPPSC प्रिलिम्स का परिणाम आ सकता है । सितंबर में मुख्य परीक्षा । जानकारी के अनुसार परीक्षा के करीब महीने भर में रिजल्ट जारी होगा। इसके बाद मुख्य परीक्षा 9 सितंबर से शुरू होगी। पीएससी प्रशासन की तैयारी है की जुलाई अंत तक प्री का रिजल्ट जारी कर दिया जाए । उसके बाद मेंस के लिए आर्वेदन की प्रक्रिया शुरू होगी। पीएससी के इतिहास में इस बार सबसे कम आवेदन आए हैं। यह संख्या पहली बार दो लाख से कम पर पहुंची है। जबकि पद भी सबसेकम 110 ही हैं। अगर तीन सप्ताह के भीतर पदों की बढ़ोतरी नहीं होती है तो फिर नए पद नहीं जुड़ पाएंगे। परीक्षा में 15 डिप्टी कलेक्टर के, 22 पद डीएसपी, 7 पद अतिरिक्त सहायक विकास आयुक्त तथा 10 पद वाणज्यिक कर निरीक्षक के हैं।

एमपी पीएससी की राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा-2024 रविवार को दो शिफ्ट में हो रही है। इसके लिए इंदौर में 88 सेंटर बनाए गए हैं।इन सेंटरों पर इन्दौर में 33 हजार से ज्यादा अभ्यर्थीं शामिल होंगे।

जबकि भोपाल में 42 सेंटरों पर16600 अभ्यर्थी शामिल होंगे। प्रदेश के सभी 55 जिलों में यह परीक्षा आयोजित की जा रही है। इसमें 1लाख 83 हजार अभ्यर्थी शामिल होंगे। महज 110 पदों के लिए हो रही इस परीक्षा को लेकर पीएससी प्रशासन ने सभी तैयारी पूरी कर ली है।ऑब्जर्वर भी बनाए गए हैं। पीएससी ने अभ्यर्थियों से कहा है कि कोई भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, पर्स, स्मार्टवॉच, टोपी, चश्मा या अन्य सामग्री

लेकर या फहनकर न आएं। परीक्षा के सेंटर पर निर्धारित समय पर पहुंचना होगा। पिछले दो साल से पीएससी परीक्षा को लेकर बेहद सख्ती कर रहा है, ताकि किसी भी स्थिति में अभ्यर्थी की जगह कोई फजी व्यक्ति परीक्षा न दे सके। नकल को लेकर भी पीएससी प्रशासन सख्ती कर रहा है। जब अभ्यर्थी सेंटर पर पहुंचेंगे तो सबसे पहले मेटल डिटेक्टर से जांच होगी। फिर इ्यूटी पर तैनात पर्यवेक्षक खुद चेकिंग करेंगे। इसके बाद दो बार हस्ताक्षर वैरिफेकशन होगा। इसके बाद फोटो से चेहरा मिलान भी होगा।गेट पर ही अभ्यर्थी को निर्धारित ओरिजनल आईडी भी दिखाना होगा।

पीएससी की इस परीक्षा में भी सैंटरों पर जेमर लगाए गए हैं। अगर परीक्षा दे रहे किसी अभ्यर्थी को लेकर कोई भी आशंका होती है तो तुरंत पर्यवेक्षक इसकी सूचना मुख्यालय को देते हैं। फिर वहां से विशेषज्ञ पहुंचकर पड़ताल कर कार्रवाई करते हैं।

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