एनईपी(NEP) : 52 भाषाओं में अ-आ-इ-ई, गिनती पढ़ाई के लिए 200 डीटीएच चैनल

एनईपी(NEP) : 52 भाषाओं में अ-आ-इ-ई, गिनती पढ़ाई के लिए 200 डीटीएच चैनल नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी) को लागू करने की दिशा में केंद्र सरकार नए सत्र से पांच नई पहल करने जा रही है। इसमें बच्चोंको मातृ, घरेलु और क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाने पर फोकस रखा है। इसी के तहत पहली बार 52 प्रादेशिक भाषाओं में प्रवेशिकाएं तैयार की गई हैं, जिनसे बच्चे से लेकर वयस्क तक इन्हीं भाषाओं में वर्णमाला और दो अंकों तक गणित सीख सकेंगे। पहले चरण में 17 राज्यों की राजभाषा व स्थानीय भाषा में 52 प्रवेशिकाएं बनी हैं। इनमें मैसुरु के भारतीय भाषा संस्थान और एनसीईआरटी ने मिलकर बनाया है। देश में 121 भाषाएं हैं, जिन्हें स्थानीय स्तर पर लोग लिखने में इस्तेमाल करते हैं। जल्द ही देश के बाकी राज्यों की भाषाओं में प्रवेशिकाओंसभी उपलब्ध होंगी। एनसीईआरटी ने अपनी वेबसाइट पर इनका पीडीएफ और फ्लिप बुक फॉर्मेंट जारी किया है।

इस साल से क्या-क्या नया..

1. भाषाई चेनलः एक से 12वीं तक हर विषय के लिए 22 क्षेत्रीय व प्रादेशिक भाषाओं में 200 फ्री डीटीएच चैनलसहोंगे। ये बिना इंटरनेट चलैंगे। इसके लिए एनसीईआरटी ने सीबीएसई, केबीएस,सएनवीएस, एनआईओएस और राज्यों की एससीईआरटी की मदद से कंटेंट तैयार किया है। भविष्य में ये चैनल ओटीटी या

यूट्यूब पर भी उपलूब्ध होंगे।

2. प्रोफेशनल स्टैंडरड्ड: शिक्षकों की गुणवत्ता एक जैसी हो, इसके लिए प्रोफेशनल स्टैंडर्ड तैयार किए हैं। इसमें शिक्षकों के स्तर व क्षमताओं को परिभाषित किया गया है। शिक्षकों का मूल्यांकन होगा। जिस टीचर की क्षमता या गुणवत्ता मानकों से कम होगी, उन्हें ट्रेनिंग देंगे। वहीं, नेशनल मेंटरिंग मिशन में विषय विशेषज्ञों का प्लेटफॉर्म बनाया है, ताकि शिक्षक अपनी जरूरत के मुताबिक मेंटर की मदद ले सकें।

3. विद्या समीक्षा केंद्रः गजरात की तर्ज पर सभी राज्यों में कैंद्र बनेंगे। यह डिजिटल प्लेटफॉर्म होगा, जिसमें स्कूलों को बच्चों। की अटेंडेंस, सुविधाएं, एक्टिविटी, मिड-डे मील, रिजल्ट, मासिक टेस्ट आदि सभी का डेटा रियल टाइम में अपलोड करना होगा। इसके लिए राज्यों को 2 से 5 करोड़ का फंड और तकनीकी मदद दी जाएगी। उप्र. महाराष्ट्र सहित 13 राज्यों ने अपना डेटा केंद्र के साथ शेयर करना शुरू कर दिया है।

4. एक्सीलेंस सेंटरः देश के सभी 613 जिला शिक्षा व प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) 5 साल में सेंटर ऑफ एक्सीलैंस बनेंगे। टीचर्स ट्रेनंग की सुविधाओं के लिए 15 करोड़ रू. मिलेंगे। पहले चरण में 125 डाइट सुधरेंगे। इनके लिए 923 करोड जारी। यहां एक मॉडल बाल वाटिका भी बनाई जाएगी।

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