14 तरह के साइबर फ्रॉड के शिकार बन रहे लोग

14 तरह के साइबर फ्रॉड के शिकार बन रहे लोग

देश में साइबर फ्रॉड के केस लगातार बढ़ रहे हैं। इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीनकाम करने वाली इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सर्ट-इन) ने एक रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट में उन 14 तरीकों को हाईलाइट किया गया है जिनसे स्वकैमर लोगों को शिकार बना रहे हैं –

1. जॉब स्कैमः यह स्कैम इस साल देश में सबसे ज्यादा देखने को मिला । इसमें स्कैमर फर्जी नौकरियों की भर्ती के मैसेज भेजते हैं। लोग लिंक्स पर क्लिक कर आवेदन कर देते हैं। इसके बाद ठग फीस के तौर पर पैसे ऐंठ लेते हैं।

2. फिशिंग स्कैमः इसमें ठग नामचीन कंपनियों और सरकारी विभागों के नाम व लोगो का इस्तेमाल कर मैसेज भेजते हैं। जैसे केवाईसी करें वर्ना अकाउंटबंद हो जाएगा। फर्जीं लिंक पर जानकारी देते ही जालसाज लोगों के बैंक खाते खाली कर देते हैं।

3. टेक सर्पोर्ट स्कैमः स्कैमर टेक्निकल सपोर्ट देने वाली फर्जी वेबसाइट के जरिए ठगी करते हैं। इन वेवसाइट पर क्लिक करने के बाद स्कैमर कॉल कर झांसा देते हैं कि उनके सिस्टम में वायरस है। वे लोगों को लिंक पर क्लिक करवाकर,सिस्टम तक पहुंच प्राप्त कर के और जानकारी एकत्र करके धोखा देते हैं।

4. इमोशनल मैनिपुलेशन स्कैमः स्कैमर इसमें डेटिंग एपया सोशल मीडिया पर फेक प्रोफाइल बनाते हैं। इमोशनल संबंध बनाने के बाद स्कैमर आपात स्थिति बताता है, जैसे मेडिकल इमरजेंसी। इसमें झांसा देकर ठगी की जाती है।

5. इन्वेस्टमेंट स्कैमः इसमें स्कैमर सोशल मीडिया का इस्तेमालकर पोंजी स्कीम में इन्वेस्ट करनेषपर बड़े रिटन देने का झांसा देते हैं। झांसे में आकर लोग इन्वेस्टमेंट कर देते हैं। कुछ समय तक ब्याज मिलता है, उसके बाद कंपनी बंदकर ठग संपर्क खत्म कर देते हैं।

6. लकी डरॉ स्कैमः इसमें स्कैमर लॉटरी या लकी ड्रॉ प्राइज विनर का मैसेज भेजते हैं। इसमें प्राइजमनी का लालच होता है। लोगों से उस राशि को हासिल करने केलिए स्कैमर राशि का 5 से 10 फीसदी टैक्स के रूप में देने के लिए कहते हैं।

7. लोन व कार्ड स्कैमः स्कैमर वेबसाइट और सोशल मीडिया पर दस्तावेजों में पर्सनल लोन व क्रेडिट कार्ड बनाने का दावा करतेहैं। संपर्क करने पर स्कैमर काम करवाने के लिए फीस देने को कहते हैं। जैसे ही रकम जमा होती है स्कैमर संपर्क खत्म कर देते हैं।

8.फेक चैरिटी अपील स्कैमः स्कैमर प्राकृतिक आपदा के नाम पर ठगी करते हैं। इसमें मदद के लिए दान की जाती है। स्कैमर लोगों की सहानुभूति का फायदा उठाकर क्राउड फंडिंग कर पैसे ठग लेते हैं। इसमें गरीब के इलाज में मदद के नाम पर भी ठगी की जाती है।

9. डिजिटल अरेस्टः स्कैमर पुलिस या कस्टम अधिकारी बनकर फोन करते हैं। वे लोगों को मनी लॉन्डिंग या ड्रगकंसाइनमेंट जैसे आरोप में शामिल होने का दावा करते हैं। जिसके बाद लोग डरकर स्कैमर को पैसे भेज देते हैं।

10. गलती से पैसे भेजने का स्केमः ऐसे मामलों में स्कैमर लोगों के पास रुपए प्राप्त होने का फर्जीशमैसेज भेजते हैं। फिर कुछ देर बाद आपात स्थिति को हवाला देते हैं ।

11. पार्सल स्कैमः स्कैमर लोगों को कॉल कर झांसा देते है की ड्रग्स पाए जाने पर उनका सामा जांच ऐजेन्सी से जब्त कर लिया है। पैसा भरना पड़ेगा। लोग डरकर स्कैमर को पैसे भेज देते हैं। छानबीन बिना पैसे भेजने के चलते लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं।

12. सोशल मीडिया बदनामीःस्कैमर किसी लड़की की मदद से लोगों को शिकार बनाते हैं। इसमेंषलोगों की आपत्तिजनक वीडियोकॉल की रिकार्डिंग कर ली जातीषहै। बाद में बदनामी की धमकीषदेकर रिकार्डिंग के सहारे स्कैमर उन्हें निशाना बनाकर ठगी करते हैं।

13. कैश ऑन डिलिवरी स्कैमः स्कैमर असली शापिंग एप जैसी मिलती-जुलती फर्जी वेबसाइट बनाते हैं। यहां से खरीदारी करने पर लोगों के पास फर्जी या गलत प्रोडक्ट पहंचता है। जैसे मोबाइल खरीदने पर पत्थर।

14. फोन स्कैमः यह स्कैम अक्सर सब्सिड़ी जैसे मामलों में शामिल होता है। स्कैमर केवाईसी के नाम पर सरकारी अधिकारी बनकर कॉल करते हैं और दस्तावेज जमा करने को कहते हैं। जानकारी हासिल करते ही स्कैमर अपने शिकार का बैंक खाता खाली कर देते हैं।

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