दादरा और नागर हवेली तथा दमण और दीव (संघ राज्य क्षेत्रों का विलय) अधिनियम,2019

दादरा और नागर हवेली तथा दमण और दीव (संघ राज्य  क्षेत्रों का विलय) अधिनियम,2019

31 अक्टूबर, 2019 से जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के प्रभावी होने के पश्चात भारत में राज्यों की संख्या 28 एवं केंद्रशासित प्रदेशों की सख्या 9 हो गई थी। हालिया घटनाक्रम मे केंद्र सरकार ने दादरा और नागर हवेली तथा दमण और दीव केंद्रशासित प्रदेशों का आपस में विलय करने हेतु एक विधेयक संराद में प्रस्तुत किया, जिसने संसद द्वारा पारित होने एवं राष्ट्रपति द्वारा सहमति प्रदान किए जाने के पश्चात अधिनियम का रूप ग्रहण कर लिया है।

वर्तमान 

26 nov 2019 को गृह मंत्री अमित शाह द्वारा लोक सभा में दादरा और नागर हवेली तथा दमण और दीव (संघ राज्य क्षेत्रों का विलय) विधेयक, 2019 प्रस्तुत किया गया थ।

इस विधेयक को लोक सभा द्वारा 27 नवंबर, 2019 को एवं राज्य सभा द्वारा 3 दिसंबर, 2019 को पारित किया गया। राष्ट्रपति द्वारा 9 दिसंबर, 2019 को इस विधेयक को सम्मति प्रदान किए जाने के पश्वात यह अधिनियम के रूप में परिचर्तित हो गया।

दादरा और नागर हवेली तथा दमण और दीव (संघ राज्य क्षेत्रों का विलय) आधिनियम, 2019 वे उपबंध (Provisions) 26 जनवरी, 2020 से । प्रभावी हो गए। दादरा और नागर हवेली तथा दमण और दीव की राजधानी के रूप में ‘दमन को निर्दिष्ट किया गया है।

 उद्देश्य

वर्तमान सरकार की “न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन ” की नीति के ध्यानांतर्गत दोनों संघ राज्य क्षेत्रों की कम जनसंख्या और सीमित भौगोलिक क्षेत्र पर विचार करते हुए दादरा और नागर हवेली तथा दमण और दीव संघ राज्य क्षेत्रों का एकल संघ राज्य क्षेत्र के रूप में विलय करने का निर्णय लिया गया।

 यह मुख्यतः निम्नलिखित उद्देश्यों से प्रेरित है-

(i) कार्य दक्षता बढ़ाकर एवं कागजी कार्य में कमी लाकर दोनों

संघ राज्य क्षेत्रों के नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करना

(ii) प्रशासनिक व्यय में कमी लाना

(iii) नीतियों और योजनाओं में एकरूपता लाना

(iv) योजनाओं और परियोजनाओं की बेहतर निगरानी

(v) विभिन्न कर्मचारियों के कैडर (Cadre) का उचित प्रबंधन

विशेषताएं

संविधान में संशोधन इस अधिनियम के द्वारा रंविधान की पहली अनुसूची (First Schedule) में संशोधन किया गया।

》 ध्यातव्य है कि संविधान की पहली अनुसूची विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों को निर्दिष्ट करती है।

》  इसमें संविधान कर दो केंद्रशासित.प्रदेशों-(क) दादरा और नागर हवेली.तथा (ख) दमण और दीव के क्षेत्रों का आपस में विलय कर दिया गया।

》विलय के पश्चात “दादरा और.नागर हवेली तथा दगण और दीव” एक केंद्रशासित प्रदेश बन गया है ।

वर्तमान समय में भारत मे 28 राज्य एवं 8 केंद्र ासित प्रदेश हैं। ध्यातव्य है कि संविधान के अनुच्छेद 240(1) के तहत राष्ट्रपति को अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह, लक्षद्वीप, दादरा और नागर हवेली, दमण और दीव तथा पुडुचेरी केंद्रशासित प्रदेशों के लिए विनियम बनाने की शक्ति प्राप्त है।

》अधिनियम के द्वारा अब इस अनुच्छेद में संशोधन कर दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशो के रूप में दादरा और नागर हवेली तथा दमण और दीव को एक केंद्रशासित प्रदेश से प्रतिस्थापित किया जाएगा।

लोक सभा में प्रतिनिधित्व यह अधिनियम जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की पहली अनुसूची में संशोधन का प्रावधान करता है।

जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के अनुसार, दादरा और नागर हवेली तथा दमण और दीव प्रत्येक हेतु लोक सभा में एकएक सीट का प्रावधान है।

》जबकि अधिनियम, 2019 के अनुसार, दादरा और नागर हवेली तथा दमण और दीव केंद्रशासित प्रदेश के लिए लोक सभा के दो स्थान आवंटित रहेंगे।

उच्च न्यायालय का क्षेत्राधिकार अधिनियम, 2019 के अनुसार, दादरा और नागर हवेली तथा दमण और दीव केंद्रशासित प्रदेश बॉम्बे उच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत रहेगाबॉम्बे उच्च न्यायालय के अंतर्गत महाराष्ट्र एवं गोवा राज्य भी आते हैं।

दमण और दीव

दमण और दीव (पूर्व केंद्रशासित प्रदेश) में दो जिले नामत: दमण एवं दीव शामिल हैं। दीव गुजरात स्थित वेरावल बंदरगाह के निकट है। दीव दो पुलों के माध्यम से मुख्य भूमि से जुड़ा हुआ है। दमण जिला, मुंबई से लगभग 200 किमी. उत्तर में स्थित है। यह उत्तर, पूर्व एवं दक्षिण में गुजरात राज्य के वलसाड़ जिले से घिरा हुआ है।

नासिक से आने वाली दमण गंगा नदी दमण जिले के मध्य से गुजरती है तथा इसे दो भागों-मोती दमण और नानी दमण में बांटती है। 19 दिसंबर, 1961 को दमण और दीव पुर्तगाली शासन से स्वतंत्र हुआ था। वर्ष 1961 से 1987 तक दमण और दीव, “गोवा, दमण और दीव केंद्रशासित प्रदेश” का भाग था।

56वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1987 द्वारा गोवा को पूर्ण राज्य एवं दमण और दीव को पृथक केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया।

दादरा और नागर हवेली

दादरा और नागर हवेली पर जून, 1783 में पुर्तगालियों ने अधिकार कर लिया था। 2अगस्त, 1954 को दादरा और नागर हवेली को पुर्तगाली शासन से स्वतंत्रता प्राप्त हुई थी। वर्ष 1954-1961 तक इसका प्रशासन एक नागरिक परिषद, जिसका नाम स्वतंत्र दादरा और नागर हवेली वरिष्ठ पंचायत था, द्वारा किया गया था।

वर्ष 1961 में इसे भारत गणराज्य में समाहित कर एक केंद्रशासित प्रदेश बना दिया गया था। भौगोलिक रूप से दादरा और नागर हवेली 491 वर्ग किमी. क्षेत्र के मे विस्तृत है। यह उत्तर में गुजरात एवं दक्षिण में महाराष्ट्र।मध्य स्थल अवरुद्ध (Land Locked) क्षेत्र है। राज्य क्षेत्र के स्थापना एवं विलय के संबंध में संवैधानिक प्रावधान भारतीय संविधान के भाग-1 में अनुच्छेद । से अनुच्छेद 4 तक।संघ और उसके राज्य क्षेत्र के संबंध में प्रावधान है। अनुच्छेद 2 के अंतर्गत भारतीय संघ में नए राज्यों के प्रवेश या स्थापना का अधिकार संसद को प्राप्त है। संसद, विधि द्वारा ऐसे निबंधनों और शर्तों पर, जो वह ठीक समझे संघ में नए राज्यों का प्रवेश या उनकी स्थापना कर सकेगी।

अनुच्छेद 3 के अंतर्गत संसद नए राज्यों का निर्माण और वर्तमान राज्यो के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन कर सकती है। संसद विधि द्वारा,

(क) किसी राज्य में से उसका राज्यक्षेत्र अलग करके अथवा दो या अधिक राज्यों को या राज्यों के भागों को मिलाकर या किसी राज्यक्षेत्र को किसी राज्य के भाग के साथ मिलाकर नए राज्य का निर्माण कर सकेगी।

(ख) किसी राज्य का क्षेत्र बढ़ा सकेगी।

(ग) किसी राज्य का क्षेत्र घटा सकेगी।

(घ) किसी राज्य की सीमाओं में परिवर्तन क९ सकेगी।

(ङ) किसी राज्य के नाम में परिवर्तन कर सकेगी।

संसद साधारण बहुमत से नए राज्यों का निर्माण कर सकती है।।इस हेतु निमित विधि को अनुच्छेद 368 के अंतर्गत संविधान का संशोधन नहीं समझा जाएगा।

पहली अनुसूची में राज्यों एवं संघ शासित प्रदेशों का वर्णन किया गया है। अनुच्छेद 4 के अंतर्गत पहली अनुसूची और चौथी अनुसूची के।संशोधन तथा अनुपूरक, आनुषंगिक और पारिणामिक विषयों का उपबंध करने के लिए अनुच्छेद 2 और अनुच्छेद 3 के अधीन बनाई गई विधियों का उल्लेख है।

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