राज्य सेवा परीक्षा – 2025 : सस्पेंस बढ़ा, मुख्यपरीक्षा की अनुमति कब मिलेगी यही तय नहीं
राज्य सेवा परीक्षा – 2025 : सस्पेंस बढ़ा, मुख्य
परीक्षा की अनुमति कब मिलेगी यही तय नहीं
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की राज्य सेवा परीक्षा 2025 पर सस्पेंस खत्म होने के बजाय बढ़ गया है। अभ्यर्थियों को फिलहाल और इंतजार करना पड़ेगा। 9 नवंबर को हाई कोर्ट में सुनवाई होना थी, लेकिन एमपी पीएससी का नंबर ही नहीं आया। अब पीएससी को अगली तारीख का इंतजार है।
सुनवाई के दौरान पीएससी मुख्य परीक्षा करवाने की अनुमति मांगेगा। लेकिन, अब यह तय हो चुका है कि इस साल यह परीक्षा नहीं हो पाएगी। अब संभवतः अगले साल फरवरी-मार्च या उससे भी देरी से यह परीक्षा हो पाएगी। वहीं, दूसरी तरफ पीएससी के सामने अब राज्य सेवा परीक्षा -2023 भी सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। इसके इंटरव्यू दो माह पहले ही हो चुके हैं, लेकिन चयन सूची अधर में है। यह मामला भी कोर्ट में है। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है। जब तक कोर्ट की तरफ से कोई फैसला नहीं आ जाता, तब तक यह चयन सूची जारी नहीं होगी। पीएससी के ओएसडी डॉ. रवींद्र पंचभाई का
कहना है, कोर्ट की तरफ से जैसे ही तारीख मिलेगी, पीएससी अपना पक्ष रखेगा।
158 पदः प्री का रिजल्ट आ चुका, मुख्य परीक्षा चार माह पहले निरस्त हो चुकी
दरअसल, राज्य सेवा परीक्षा 2025 में कुल 158 पद हैं।
मुख्य परीक्षा 9 जून को होना थी, लेकिन कोर्ट के निर्देश के
बाद निरस्त कर दी गई। अब यह परीक्षा कब होगी, इस पर
सस्पेंस और गहरा गया है। साथ ही इस साल परीक्षा होने
की संभावना पूरी तरह खत्म हो गई है। अगले साल मुख्य
परीक्षा होगी और उसके बाद महीने भर से ज्यादा का समय
रिजल्ट जारी होने में लगेगा। उसके बाद इंटरव्यू की
आवेदन प्रक्रिया होगी। फिर इंटरव्यू होंगे। संभवतः इसमें
काफी समय लग सकता है।
800 अभ्यर्थियों ने दिए थे इंटरव्यू, अब सभी को चयन सूची का इंतजार
वहीं, राज्य सेवा परीक्षा 2023 के 229 पदों के लिए 7 जुलाई से 3 सितंबर तक इंटरव्यू हो चुके हैं, लेकिन चयन सूची अटकी हुई है। इंटरव्यू में 800 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। इसमें 87 प्रतिशत को मुख्य भाग में 204 पदों के लिए 659 अभ्यर्थियों को बुलाया गया था। 13 प्रतिशत हिस्से यानी प्रावधिक भाग के 25 पदों के लिए 141 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए चुना था। मुख्य परीक्षा से जुड़ा मामला कोर्ट में होने से पहले ही रिजल्ट घोषित होने में 9 माह की देरी हुई थी। परीक्षा 11 से 16 मार्च 2024 तक आयोजित की गई थी। रिजल्ट दिसंबर अंत में आया था। दरअसल, 2023 के मामले में कई अभ्यर्थियों ने अपनी याचिका में परीक्षा नियम 2015 को लेकर आपत्ति जताई थी। उनका तर्क था कि यह नियम संविधान के विरुद्ध है। यदि किसी उम्मीदवार ने किसी स्तर पर आरक्षित वर्ग को मिलने वाली किसी भी छूट का लाभ लिया है तो उसे फिर अंतिम मेरिट तक अपनी कैटेगरी में ही रहना होगा और वह अंकों के आधार पर मेरिट से अनारक्षित कैटेगरी में नहीं आ सकते हैं। इसी पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मुख्य परीक्षा पर रोक लगा दी थी।

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