सौरमंडल के बाहर से आए एक कथित धूमकेतु को लेकर हो रही है चिंता

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के खगोल भौतिक विज्ञानी एवी लूब ने हाल ही में एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि लोगों को 29 अक्टूबर से पहले छुट्टी ले लेनी चाहिए। पता नहीं उसके बाद क्या होगा? दरअसल उनका यह ट्वीट एक अत्यंत तेज और रहस्यमय धूमकेतु 3।/ATLAS के संदर्भ में है, जो वैज्ञानिकों में जिज्ञासा और अध्ययन का केंद्र बना हुआ है।

लूब का मानना है कि यह धूमकेतु की जगह कोई ‘असाधारण’ वस्तु हो सकती है। क्या है यह 3I/ATLAS और क्यों यह
दुनियाभर के वैज्ञानिकों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है,

3I/ATLAS एक आकाशीय पिंड है जो हमारे सौर मंडल के बाहर से आया है। पहली बार यह जुलाई 2025 में चर्चा में आया Asteroid Terrestrial-impact Last Alert System यानी ATLAS ने इसकी खोज की। इसीलिए इसके नाम में एटलस है। वहीं सर्वे सिस्टम का नाम है ’31’ क्योंकि यह अब तक ज्ञात तीसरा इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट यानी हमारे सौर मंडल से बाहर दूसरी जगह से आया पिंड है। इस तरह नाम और दर्जा मिलकर इसे बहुत खास बना देते हैं। इसके पहले 2017 में ओउमुआमुआ और 2019 में 2 आई/ बोरिसोव का पता चला था।

दूसरे सौर मंडल के इतिहास के बारे में जानकारी दे सकता है। ऐसे पिंड यह संकेत देते हैं कि ब्रह्मांड में विविधता कितनी है।
BI / ATLAS की संरचना में उन सामान्य बर्फ धूल संरचनाओं से कुछ अलग है जो अभी तक धूमकेतुओं में मिलती रही हैं। इसके अलावा, चूंकि यह सौर मंडल से बाहर से आया है, इसका अध्ययन हमें बताएगा कि ‘जैसा हमें सौर मंडल मिला है, क्या अन्य सौर मंडल भी वैसे ही होते हैं या अलग ?

■ क्या यह धूमकेतु के अलावा अन्य कोई वस्तु भी हो सकती है?
हावर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एवी लूब ने कहा है कि यह वस्तु 2.10 लाख किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही है। इसमें निकेल और अमोनिया कार्बन गैस जैसी असामान्य रासायनिक पहचान मिली है, जो कुछ पर्यवेक्षकों के अनुसार औद्योगिक उत्पत्ति का संकेत देती है। कुछ लोगों का मत है कि इसकी ट्रैजेक्टरी, आकार-प्रकार व्यवहार आदि कुछ असामान्य’ हैं, जिससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि हो सकता है यह सिर्फ प्राकृतिक पिंड न हो, बल्कि कोई तकनीकी वस्तु जैसे- स्पेसशिप वैज्ञानिकों में इस पिंड को लेकर चर्चा इसलिए है क्योंकि यह हमें या किसी दूसरी सभ्यता की भेजी हुई चीज हो।

कॉमेट सी / 2020 एफ 3: इसे 2020 में खोजा गया था। इसे बिना किसी उपकरण के सीधे आंखों से भी देखा गया था और काफी चर्चा में रहा क्योंकि यह काफी चमकदार था।

99942 अपोफिस : वैसे तो इसे 2004 में देखा गया था, लेकिन 2020 में फिर चर्चा में आया क्योंकि शुरुआत में2029 में इसके पृथ्वी से टकराने की आशंका के कारण इसे हैजार्डस एस्ट्रॉइड कहा गया था। हालांकि बाद में नासा ने कहा कि यह पृथ्वी से सुरक्षित दूरी से गुजरेगा।

(152830)Dinkinesh: तहत की गई थी। यह पहला ज्ञात डुअल-कॉन्टैक्ट बायनरी एस्ट्रॉयड है यानी दो छोटे पिंड एक दूसरे से जुड़े हुए पाए गए। इस खोज ने क्षुदग्रहों के बनने और टकराने की नई अवधारणाओं को जन्म दिया।

2024 एमके : यह क्षुद्रग्रह, 2024 में पृथ्वी से बेहद कम दूरी से गुजरा था इसके चलते चर्चा में आया। यह करीब 120 से 260 मीटर व्यास का है।

4660 Nereus: इस क्षुद्रग्रह की कक्षा पृथ्वी के पास से गुजरती है। चक्कर लगाने की अवधि, कक्षा की निकटता व आकार भविष्य इसकी खोज नवंबर 2023 में नासा के लूसी मिशन के में अंतरिक्ष मिशनों व खनन के नजरिए से चर्चा में हैं।

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