UPSC टॉपर: IAS बनने के लिए अनु कुमारी ने छोड़ी थी 20 लाख की नौकरी

UPSC टॉपर: IAS बनने के लिए अनु कुमारी ने छोड़ी थी 20 लाख की नौकरी

टॉपर्स सम्मेलन में अनु ने अपने एग्जाम क्लियर करने के सफर के बारे में बताया है. अनु ने कहा, ”हर वक्त इंसान आगे बढ़ने के बारे में सोचता है. मैंने भी यह सोचा और प्राइवेट नौकरी छोड़कर IAS बनने का सपना देखा. मैं अपनी नौकरी से खुश नहीं थी और अगर वह नौकरी मैं ना छोड़ती तो खुद को माफ नहीं कर पाती.”

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हरियाणा की रहने वाली अनु कुमारी ने 2017 के UPSC एग्जाम में दूसरा रैंक हासिल किया है. लेकिन कामयाबी का यह सफर तय करने का रास्ता अनु के लिए बहुत मुश्लिक रहा. IAS बनने का सपना पूरा करने के लिए अनु को अपने 4 साल के बेटे को दूर करना पड़ा था. इतना ही नहीं अनु ने इस सपने के लिए 20 साल सलाना पैकेज वाली अच्छी-खासी नौकरी को भी छोड़ा.

अनु ने अपने एग्जाम क्लियर करने के सफर के बारे में बताया है. अनु ने कहा, ”हर वक्त इंसान आगे बढ़ने के बारे में सोचता है. मैंने भी यह सोचकर प्राइवेट नौकरी छोड़कर IAS बनने का सपना देखा. मैं अपनी नौकरी से खुश नहीं थी और अगर वह नौकरी मैं ना छोड़ती तो खुद को माफ नहीं कर पाती.”

भाई ने एग्जाम देने के लिए हौसला बढ़ाया

अनु ने बताया, ”मेरे भाई को मुझपर भरोसा था और उसने मुझे बताए बिना UPSC के लिए मेरा फॉर्म भर दिया था. फिर ये भरोसा देखकर मेरे मन मैं भी नौकरी छोड़ने को लेकर कोई डर नहीं आया. हां अगर एग्जाम क्लियर नहीं होता तो मैं टीचर बनती, क्योंकि बच्चों को मेरी बात अच्छे से समझ आती है.”

मां-पापा का साथ मिला

अनु का कहना है, ”मेरे मां-पापा ने हमेशा मेरा साथ दिया. पापा ने मुझे अच्छे स्कूल में एडमिशन दिलाया. जब घर की हालात अच्छी नहीं थी तो भाई को कम फीस वाले स्कूल में एडमिशन दिलाया. लेकिन उन्होंने कभी भी मेरी पढ़ाई को किसी भी वजह से प्रभावित नहीं होने दिया.”

पढ़ाई के लिए अपनाया ये तरीका

अनु ने कहा, ”मैंने साल 2015 में चौथी रैंक हासिल करने वाली कैंडिडेट का इंटरव्यू सुना. हर दिन में एक आसंर को लिखने लगी. Mains एग्जाम के लिए भी मैं सुबह 4 बजे उठकर मैं पढ़ाई शुरू करती थी. दिन में थोड़ी देर सोती थी. दिन में 10-12 घंटे पढ़ती थी. 2016 से इंटरव्यू तक हर दिन ऐसे ही पढ़ाई करती थी.

बच्चे को छोड़ने का फैसला था सबसे मुश्किल

तैयारी के लिए अपने बेटे को दूर करने का फैसला अनु के लिए सबसे मुश्किल था. उन्होंने कहा, ”घर पर रहकर तैयारी नहीं हो पा रही थी. फिर मैंने अपने बेटे को मां के पास छोड़ने का फैसला किया और मैं अपनी मौसी के घर तैयारी करने के लिए चली गई. बेटे की याद आती थी तो रोना आ जाता था. लेकिन जिन लोगों ने मुझपर भरोसा दिखाया था उन्हें याद करके मैं अपने आप को संभाल लेती थी.

महिलाओं के लिए करेंगी काम

अनु ने बताया है कि उनका लक्ष्य महिलाओं के लिए काम करने का है. उन्होंने कहा, ”मैं हर तरह चुनौतियों से लड़ने के लिए मैं पूरी तैयार हूं. लोगों के भरोसे को पूरी तरह निभाने के लिए तैयार हूं. सब लोग मिलकर काम करेंगे तो ही देश का भला हो सकता है. बेटी-बचाओं अभियान बहुत कामयाब रहा है. इसी तरह से मिलकर लोगों के लिए काम करना है. सविधान से देश चलता है.”

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