विटामिन बी कोई एक विटामिन नहीं, बल्कि आठ अलग-अलग विटामिनों का समूह है, जिनमें से हर विटामिन शरीर में अपना विशेष का करता है। यह पूरा समूह ऊर्जा उत्पादन, दिमाग की कार्य प्रणाली, मेटाबॉलिज्म और समग्र स्वास्थ्य के लिए बेहद आवश्यक है। इसलिए इन्हें रोजाना के आहार में शामिल करना जरूरी होता है।
इनके प्रकार और कार्य
B1 थायमिन
यह भोजन को ऊर्जा में बदलने में मदद करता है और नसों को आवश्यक समर्थन देता है। कमी के लक्षण… थकान, चिड़चिड़ापन, नसों में दर्द।
B2 राइबोफ्लेविन
मेटाबॉलिज्म दुरुस्त रखने में मदद करता है और त्वचा व आंखों को स्वस्थ रखता है। कमी के लक्षण… होंठ फटना, मुंह में छाले, आंखों में जलन ।
B3 नायसिन
कॉलेस्ट्रॉल संतुलित रखने, तंत्रिका तंत्र के सुचारु कार्य और बेहतर पाचन में मदद करता है। कमी के लक्षण… त्वचा पर रैशेज, दस्त, दिमाग़ में भ्रम ।
B5 पैटोथेनिक एसिड
यह हॉर्मोन निर्माण और शरीर में वसा के उपयोग में मदद करता है। कमी के लक्षण… सिरदर्द, चिड़चिड़ापन, पैरों में झनझनाहट ।
B6 पाइरिडॉक्सीन
यह दिमाग़ के विकास, मूड को संतुलित रखने और न्यूरोट्रांसमीटर के निर्माण के लिए आवश्यक है। एनीमिया, कमी के लक्षण… अवसाद, संक्रमण का जोखिम ।
B7 बायोटिन
बाल, त्वचा और नाखूनों की सेहत के लिए महत्वपूर्ण । कमी के लक्षण… बाल झड़ना, नाखून टूटना, त्वचा पर रैशेज । फोलिक एसिड / फोलेटषडीएनए निर्माण और रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में आवश्यक है। गर्भावस्था में भ्रूण विकास के लिए बेहद जरूरी है। कमी के लक्षण… थकान, एनीमिया, गर्भावस्था में जटिलताएं।
B12 कोबालामिन
यह तंत्रिका कार्य, रक्त निर्माण और दिमाग़ की सेहत के लिए आवश्यक है। कमी के लक्षण… सुन्नपन, याददाश्तकमजोर होना, चलने में दिक्कत।
शरीर को कितना चाहिए ?
इसकी जरूरत उम्र, लिंग और स्वास्थ्य स्थिति परनिर्भर करती है।
पानी में घुलने वाले विटामिन (बी-कॉम्प्लेक्स और सी)
यों तो इनकी अधिक मात्रा शरीर द्वारा बाहर निकाल दीजाती है, लेकिन बहुत अधिक मात्रा लेने से पेट दर्द, दस्त,नसों पर असर (विशेषकर बी6 ), विटामिन-सी कीअधिकता से गुर्दे में पथरी का ख़तरा होता हो सकता है।