साबुन कठोर जल में कार्य क्यों नहीं करते ?

साबुन (Soap)

2000 वर्ष  पूर्व रोम के व्यक्तियों को साबुन का ज्ञान था। वे बकरी के चर्बी करेंज की लकड़ी के राख से साबुन बनाते थे। उच्च वसीय अम्लों के सोडियम व पोटेशियम लवणों को साबुन कहते है।

साबुन का अणु दो सिरों वाला होता है, जिसमे एक सिरे की बंधुता जल के साथ होती जबकि दूसरा सिरा जलविरागी अर्थात् जल को प्रतिकर्षित करनेवाला होता है। जब साबुन को किसी मैले पृष्ठ पर लगाया जाता है, तो उसके अणुओं के जलविरागी सिरे धूल व चिकनाई के कणों से जुड़कर उन्हें पृष्ठ से हटा देते हैं,जिन्हें फिर धोकर अलग कर दिया जाता है।

जब वसा (वसा अम्लो के ग्लिसरिल एस्टरों) को जलीय सोडियम हाइडॉक्साइड विलयन के साथ गर्म किया जाता है तो साबुन (Soaps) बनते है। यह अभिक्रिया साबुनीकरण अभिक्रिया कहलाती है।

वसा + सोडियम हाडड़ॉक्साइड  ➡️ साबुन + ग्लिसराॅल.

 (Types of Soaps)

1, प्रसाधन साबुन (Toilet Soaps): ये उत्तम प्रकार के वसा एवं तेलों से बनाये जाते है तथा इनमें से क्षार के आधिक्य को निकाल दिया जाता है। इन्हें अकर्षक बनाने के लिए इनमें रंग और सुगंध भी डाले जाते है।

2. पानी में तैरने वाले साबुन (Floating Soaps): इन्हें बनाने के लिए इन्हें सख्त होने से पहले वायु के छोटे बुलबुले विस्पन्दित किए जाते है।

3. पारदर्शी साबुन (Transparent Soaps): ये साबुन को एथेनॉल (एथिल ऐल्कोहॉल) में घोलकर पुन: विलयक के आधिक्य को वाध्पित करके बनाए जाते

4. औषध-साबुन (Medicated Soaps): इनमें औषधिय गुण वाले पदार्थ डाले जाते हैं 

5. दाढ़ी बनाने वाले साबुन (Shaving Soaps): जल सूखने से रोकने के लिएनइनमें ग्लिसरॉल होता है। इन साबनों में राजिन नामक गोंद डाली जाती है जिससे सोडियम रोजिनेट बनाता है जो अच्छी तरह झाग बनाता है।

6.धुलाई के साबुन (Laundary Soaps): इनमें पूरक जैसे सोडियम रोजिनेट,सोडियम सिलिकेट, बोरेक्स और सोडियम कार्बोनेट होती है।

7. साबुन पाउडर और मार्जन साबुन (Soap Powders and Scouring Soaps); इनमें कुछ साबुन, मार्जक (अपघर्षों) जैसे कि झामक चूर्ण (Powdered Pumice) या बारीक रेत तथा सोडियम कार्बोनेट और ट्राइसोडियम फॉस्फेट जैसे बिल्डर होते है।

৪. दानेदार साबुन (Soap Granules); ये सूखे हुए छोट-छोटे साबुन के बुलबुले होते है।

आदर्श साबुन की विशेषताएँ (Characteristice of a Good Soap)

1. इसमे मुक्त क्षार नहीं होना चाहिए।

2. यह ऐल्कोहॉल में विलेय होनी चाहिए।

साबुन व डिटर्जेंट  में अंतर

साबुन 

1. कठोर जल से कपड़े धोने के लिए यह उपयुक्त नहीं होता, क्योंकि ca++ व  Mg++ आयन इससे संयोग करके सफेद व चिकना अवक्षेप बनाते है।

2 यह कम आर्द्रता गुण वाला होता है ।

3.इसकी अधिकता नदियों में किसी प्रकार का प्रदूषण नहीं करती है,यह जैव निम्नकरणीय पदार्थ है।

4. इसे बनाने के लिये कच्चा पदार्थ पेट्रोलियम से प्राप्त होते है।

डिटर्जेंट

1. कठोर जल में कपड़े धोने के काम में यह आता है, अपमार्जक कठोर जल में उपस्थित ca++ व Mg++ आयनों के साथ कोई  अविलेय अवक्षेप नहीं बनाते हैं।

2. इसमें साबुन की अपेक्षा अधिक आद्रता गुण पाया जाता है।

3. इसकी अधिकता नदियों में प्रदूषण

 उत्पन्न करती है, क्योंकि जैव निम्नकरणीय पदार्थ है।

 4. इसे बनाने के लिये कच्चा माल वनस्पति तेल होता है।

——————–

साबुन कठोर जल में कार्य क्यों नहीं करते ?

(Why soaps does not work in hard water?)

साबुन कठोर जल में उपस्थित कैल्सियम व मैग्नीशियम आयनों से अभिक्रिया करके क्रमशः अघुलनशील कैल्सियम और मैग्नीशियम साबुन बनाते हैं। ये मलफेन (Scum) की तरह पानी से अलग हो जाते है तथा कपड़ों पर चिपचिपेvपदार्थ की तरह चिपक जाता है। कठोर जल में घुले बाल इस चिपचिपे पदार्थ|(अवक्षेप) के कारण कान्तिहीन लगते है।

1. सामान्यता सोडियम साबुनों की अपेक्षा पोटैशियम साबुन मुलायम होते है।

2. अम्लीय माध्यम से साबुन जल अपघटित होकर संगत अविलेय दीर्घ श्रृंखला युक्त वसा अम्ल देते है, तथा इस प्रकार अपने शोधन प्रभाव को खो देते हैं।

अपमार्जक (Detergents)

नहाने का साबुन व कपड़ा धोने के साबुन में अंतर

नहाने का साबुन

1. यह उत्तम किस्म के तेल व वसाओं से बनाया जाता है।

2. इसमें मुक्त क्षार नहीं रहता है।

3. यह सुगंधित होता है।

4. इसमें पूरक पदार्थ (Filling|Materials) नहीं मिले रहते है।

कपड़ा धोने का साबुन

1. यह निम्न किस्म के तेल व वसाओं से बनाया जाता है।

2. इसमें मुक्त क्षार उपस्थित रहता है।

3. इसमें अच्छी गंध नहीं रहती है।

4. इसमें पूरक पदार्थ मिले रहते है।

■■■

You may also like...

error: Content is protected !!