फ्लोरीकल्चर में आसान है कैरियर
फ्लोरीकल्चर में आसान है कैरियर
शायद ही ऐसा कोई होगा जिसे फूल पसंद न हो लगभग सभी को फुल से प्यार होता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि फूलों के प्रति प्यार को कैरियर का रूप दिया जा सकता है ..!फ्लोरीकल्चर यानी फूलों की खेती के क्षेत्र में आप अपना भविष्य संवार सकते हैं आज फूलों की खेती या बागवानी महज शौक भर के लिए किया जाने वाला काम नहीं रह गया है यह एक कैरियर क्षेत्र बन चुका है, जो फ्लोरीकल्चर के तौर पर जाना जाता है ऐसे लोग, जिन्हें फूलों, पौधों एवं प्रकृति से प्यार है, उनके लिए यह सबसे अच्छा कैरियर विकल्प है फ्लोरीकल्चर उद्योग तेजी से विकसित हो रहा है और इसमें बेहतरीन कैरियर सम्भावनाएँ भी जन्म ले रही हैं राष्ट्रीय पुष्प-कमल (नेलवो न्यूसीफेरा)-जलीय क्षेत्रों में पैदा किया जा रहा है, जिससे किसानों की आमदनी बढ़ रही है.
फ्लोरीकल्चर का सीधा अर्थ फूलों की।खेती है, लेकिन, इसे एक कार्य क्षेत्र या विषय के तौर पर देखें, तो फलोरीकल्चर कला-विज्ञान एवं तकनीक का सम्मश्रण है जलकृषि, नए परिदृश्य का निर्माण, फूलों की सजावट, उत्पादन एवं प्रबन्ध, माइक्रो प्रॉपगेशन के साथ ऑयल निकालने का काम फूलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए रिसर्च एवं मार्केटिंग इस कार्य क्षेत्र का हिस्सा है इसमें बीज एवं डंठज से अच्छी क्वालिटी के फूलों की खेती, बेमौसम फूलों का उत्पादन, फूलों के सड़ने से बचाने के तरीके, फूलों को लम्बे समय तक सुरक्षित रखने के उपाय, बड़े आकार के फूल व अधिक-से-अधिक संख्या में फूलों के उत्पादन की तकनीक फूलों की कटिंग, एक्सपोर्ट के दौरान रख रखाव आदि शामिल है जर्मनी के वैज्ञानिकी फूलों एव पौधों से अध्ययन से पता चला है कि 15 मिनट तक फूलों के निकट रहने से तनाव मुक्त एवं मन में सकारात्मक विचार आते है और बैचेनी दूर होती है आप अगर इस क्षेत्र में कैरियर बनाना चाहते हैं, तो 10वीं के बाद सर्टिफिकेट कोर्स एवं डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं।
फ्लोरीकल्चर–
झाड़ियों, लताओं आदि को कई उद्देश्यों की पूर्ति करने हेतु उगाया जाता है, जिसमें फूल सजावट, मनोरजन आध्यात्मिक महत्व हेतु, आर्थिक महत्व के लिए मालाएँ, फूल भगवान के मन्दिर में चढ़ाने, सुगंधित तेल. इत्र, पुष्प प्रसाधन, शादी मण्डप सजाने, कट फ्लावर, आदि औषधीय महत्व के लिए मृदा एवं भूमि अपरदन रोकने के लिए, पुष्पो की प्रदर्शनी के लिए, आदि आते हैं।
फूल (Flower) 3 चीजों का द्योतक है (Stands for)-(i) सुन्दरता (Beauty), व (।।) प्यार (1ove) जब ये 2 चीजें मिल जाती हैं. जो तीसरी चीज शांति (Peance/ Tranquility) अपने आप मिल जाती है। अत: ‘फ्लोरीकल्चर’ मे कैरियर की अपूर्व सम्भावनाएँ छात्रों के लिए हैं, जिसकी 21 वीं सदी में जरूरत है।
बॉटनी से 10 + 2 करने वाले अभ्यर्थियों के लिए फ्लोरीकल्चर में बैचलर डिग्री में प्रवेश का रास्ता बनाता है कुछ कॉलेज बैचलर कोर्स में एडमिशन प्रवेश परीक्षा के माध्यम से, तो कुछ स्कोर के आधार पर प्रवेश देते हैं, वैचलर डिग्री हासिल करने के थाद, इस विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स भी उपलब्ध.है फ्लोरीकल्चर के अन्तर्गत उपलब्ध कोर्सो में सर्टिफिकेट इन पलोरीकल्चर टेक्नोलॉजी’, ‘सर्टिफिकेट इन गार्डनिंग’ डिप्लोमा इन कमर्शियल फ्लोरीकल्चर’, ‘डिप्लोमा इन पलोरीकल्चर एण्ड लैडस्कैप गार्डनिंग’, ‘पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा इन फ्लोरीकल्चर’ ‘B.sc(फ्लोरीकल्चर एण्ड लैंडस्केपिंग), एमएससी (फ्लोरीकल्चर एण्ड लैंडस्केपिंग) एवं पीएच.डी आदि हैं फ्लोरीकल्चर के क्षेत्र में इन कोर्सों को करने के लिए कई शैक्षिक संस्थान है जिनमें प्रमुख हैं “नार्थ ईस्टर्न हिल यूनीचर्सिटी’ सेंटर फॉर डिस्टेंस एजुकेशन, शिलांग (मेघालय), यूनिवर्सिटी ऑफ हार्टिकल्वर साइंस, बागलकोट (कर्नाटक) डॉ यशवंत सिंह परमार उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय ‘फ्लोरीकल्वर एवं लैंडस्केप आर्किटेक्चर विभाग’, सोलन (हिमाचल प्रदेश), सैम हिग्गिनयॉटम कृषि प्रोद्यौगिकी एवं विज्ञान सस्था (सियट्स) इलाहाबाद (पूर्वनाम नैनी) (नया नाम प्रथागराज) उत्तर प्रदेश’ पंजाब कृषि विश्वविद्यालय कृषि कालेज’ लुधियाना (फजाव), विधान चन्द्र कृषि विश्वविद्यालय मोहनपुर (पश्चिम वारंगल) फ्लोरीकल्चरिस्ट का कार्य क्षेत्र मूल रूप से नर्सरी, बोटेनिकल गार्डन, जेनेटिक कम्पनियाँ, एग्रीकल्वर प्रोडक्ट कम्पनियोँ एवं फार्म कम्पनियाँ हैं कुछ और क्षेत्र हैं।
जैसे- सौंदर्य प्रसाधन और इत्र विनिर्माण कम्पनियाँ जो अपने प्रोडक्शन एवं कच्चे माल के उत्पादन को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बेहतर बनाना चाहती है फ्लोरीकल्वरिस्ट के लिए उनमें बेहतरीन जॉब के मौके उपलब्ध होते है इसके साथ ही, अधिकतर क्लय, रिजॉर्ट, टाउनशिप, मॉल, इडस्ट्रियल एरिया, पार्क पद्लिक गार्डन, ऐतिहासिक इमारतें एवं वाग, आदि में बागवानी के विशेषज्ञों और डिजाइनरों की जरूरत होती है ‘ग्रीन हाउस’ या ‘पॉली हाउस’ में मैनेजर या साइटिफिक ऑफिसर के तौर पर जॉब कर सकते हैं इस्टेट मैनेजर या प्लाटेशन एक्सपर्ट के रूप में काम करने के विकल्प हैं, सरकारी निकायों जैसे-भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR). नई दिल्ली, रक्षा जैव ऊर्जा अनुसन्धान संस्थान (डीआईबीइआर), भारतीय कृषि अनुसन्धान संस्थान (आईएआरआई), सीएसआईआर राष्ट्रीय वानस्पतिक अनुसन्धान संस्थान (एनबीआरआई) तथा कृषि एवं प्रसंस्कृत खाय उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीएडीए) में फ्लोरीकल्चरिस्ट की नियुक्ति की जाती है फ्लोरीकल्चर में मास्टर डिग्री हासिल करने के बाद ‘नेट’ परीक्षा पास कर या पीएच डी कर के एग्रीकल्चर कॉलेज में लेक्चरर या असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर भी नौकरी शुरू कर सकते हैं इस प्रकार कहा जा सकता है कि आज फ्लोरीकल्चर के।क्षेत्र में पर्याप्त रोजगार के अवसर उपलब्ध
महत्वपूर्ण बिन्दु-
हॉर्टीकल्चर’ (Hlorti- culture Hortus (garden) + Culture/ coleure liv।॥-लैटिन शब्द) में पुध्य,फल एव सबजी वाले पौधों से सम्बन्धित अध्ययन आते हैं, जिसमें ‘फ्लोरीकल्चर’- के अन्तर्गत सजावट के फूलों पुष्पों से सम्यन्धित अध्ययन है उद्यान विज्ञान की इस शाखा में फलों वाली फसलों का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है फलाहार का महत्व-‘साधना, उपासना-दान-तप’ द्वारा मानसिक और शारीरिक स्तर।पर प्राकृतिक ऊ्जा का संग्रह कर पाती हैं। पुष्पोत्पादन (FIoricnltue) के अध्ययन को एन्थोलॉजी’ (Anthaology) कहा जाता है सब्जी ‘फलोत्पादन (पोमोलॉजी) ऑलेरीकल्चर-(oleri।culture) में शाकोत्पादन वाली फसलो का अध्ययन किया जाता है।