इंग्लैंड के लिए क्रिकेट खेलने वाले पहले भारतीय थे महाराज रणजीत सिंह
इंग्लैंड के लिए क्रिकेट खेलने वाले पहले भारतीय थे महाराज रणजीत सिंह
90 साल पहले राजा रणजीत सिंह के सम्मान में शुरू हुई थी रणजी ट्रॉफी, आज देश का सबसे बड़ा घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट
रणजी ट्रॉफी भारत के राज्यों की क्रिकेट टीमों के बीच खेला जाना वाला घरेलू फर्स्ट क्लास क्रिकेट टूर्नामिंट है। यह टूर्नामेंट हर साल नवंबर से शुरू होता है। इस घरेलू
टूर्नामेंट ने भारत को सचिन तैदुलकर, राहुल द्रविण,जैसे कई बड़े खिलाड़ी दिए है। आइए जानते है टूनामेंट के शुरू होने की कहानी…
1934 में रणजी की हुई शुरुआत
रणजी ट्रॉफी की शुरुआत 1934 में हुई थी। दरअसल 1933 में नवानगर (वर्तमान में जामनगर) स्टेट के महाराज रणजीत सिंह की 1933 में मृत्यु हो गई थी। रणजीत सिंह की मृत्यु के बाद उनके सम्मान में घरेलू टूनामेंट शुरू करने की योजना बनने लगी। 1934 में बीसीसीआई के फाउंडर ए.एस.डी मेलो ने घरेलू लोकल टूर्नामेंट प्रस्तावित किया।
महाराजा रणजीत उस समय क्रिकेट के बड़े नाम थे। वह भारत के पहले ही थे,जिन्हें इंग्लैंड की तरफ से खेलने का मौका मिला था। घरेलू टूर्नामेंट के लिए पटियाला के राजा भूपिंदर सिंह ने ट्रॉफी दान दी। टूर्नामेंट के पहले संस्करण में सिर्फ 15 टीमों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता का पहला मैच 4 नवंबर 1934 को मद्रास के चेपॉक मैदान में मद्रास और मैसूर के बीच आयोजित हुआ था।
मुंबई ने 41 बार जीती रणजी ट्रॉफी
रणजी ट्रॉफी की सबसे सफल पहला मैच मद्रास और मैसूर के बीच खेला गया था। यह मैच मात्र 1 दिन चला था। मैच में मैसूर टीम पहली पारी में 48 और दूसरी पारी में 59 रन ही बना पाई थी। जवाब में मद्रास की टीम ने पहली पारी में 130 रन बनाए। टीम ने पारी और 23 रन से मैसूर के खिलाफ मुकाबला जीता था।
रणजी ट्रॉफी की सबसे सफल टीम मुंबई है। टीम ने 41 बार टूर्नामेंट पर कब्जा जमाया है। इस साल मुंबई विदर्भ के खिलाफ अपना 47वां फाइनल खेल रही है।
टूनामिंट की दूसरी सबसे सफल टीम कर्नाटक रही है। कर्नाटक ने 8 बार रणजी ट्रॉफी पर कब्जा जमाया है। तीसरे पर दिल्ली की टीम है।
38 टीमें लेती हैं रणजी में हिस्सा
वतमान में रणजी ट्रॉफी में 38 टीमें हिस्सा लेती हैं। इन टीमों में रेलवे और सर्विसेस की टीमें भी शामिल हैं। पिछले 90 सालों में टूर्नामेंट में समय समय पर कई बदलाव किए गए है। टीमों को पहले नॉर्थ, साउथ, ईस्ट और वेस्ट चार जोन में बांटा जाता था। बाद में सेंट्रल जोन भी लाया गया। इसके बाद सीधे नॉक आउट मैच होने लगे। लेकिन फिर से इसे बदलकर लीग बेसिस जैसा किया गया। हर दशक में टीमों की संख्या बढ़ने के कारण टूर्नामेंट के स्वरूप को बदला गया है। फिलहाल इसका फॉर्मेट एलिट ग्रुप और प्लेट ग्रुप में बंटा हुआ है। एलिट ग्रुप में राज्य और रीजनल एरिया की मजबूत टीमें शामिल होती हैं। वहीं एक प्लेट ग्रुप है, जिसमें कमजोर टीमों को रखा जाता है। 2023-24 सीजन में 32 टीमों को एलिट ग्रुप में खा गया है। वहीं 6 टीमों को प्लेट ग्रुप में खा गया है।
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