विख्यात भारतीय फैशन डिजाइनर :फैशन डिजाइनर बनने के लिए वेटर तक बने

विख्यात भारतीय फैशन डिजाइनर : सब्यसाची मुखर्जी

फैशन डिजाइनर बनने के लिए वेटर तक बने

जन्मः 13 फरवरी 1974, कलकत्ता 

शिक्षाः नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशनटेक्नोलॉजी (एनआईएफटी)कोलकाता से ग्रेजुएशन।

परिवार: अविवाहित।

नैटवर्थ: लगभग 114 करोड़ रुपए(विभिन्न मीडिया रिर्पोर्ट के अनुसार )

बालीवुड की टॉप एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण, अनुष्का शर्मा, कैटरीना कैफ और प्रियंका चोपड़ा की शादी में एक बात कॉमन है। वह यह है कि सभी ने मशाहूर फैशन डिजाइनर सब्यसाची के डिजाइन किए हुए लहंगे पहने थे। सब्यसाची के बारे में कहा जाता है कि उन्हें जानने वाली हर लड़की का सपना होता है कि वह शादी में उनका डिजाइन किया हुआ दुल्हन का जोड़ा पहने।

फैशन की दुनिया में अपने नाम को ब्रांड बनाने वाले सब्यसाची मुखर्जी का यहां तक का सफर आसान नहीं रहा। जब वे केवल 15 साल के थे तभी पिता को नौकरी से निकाल दिया गया। यह वह दौर था जब उन्हें हर जरूरी चीज के लिए संघर्ष करना पड़ा। पिता उन्हें इंजीनियर बनाना चाहते थे, लेकिन वे फैशन डिजाइनर बनना चाहते थे। इसे लेकरषउनके और पिता के बीच कई बार झगड़ा भी हुआ। ऐसे में परिवार ने उन्हें फैशन डिजाइनिंग की पढ़ाई के लिए पैसा देने से मना कर दिया। इससे नाराज होकर उन्होंने16 साल की उम्र में घर छोड़ दिया। वेषभाग कर गोवा पहुंचे। यहां एक होटल में कुछ दिन वेटर का काम किया। इसके बादषजमा पैसों से और कुछ किताबें बेचकर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईएफ्टी) का फॉरम खरीदा। परीक्षा दी और पास भी हो गए। सब्यसाची अक्सर अपने बयानों को लेकरषकिवादों में रहते हैं। आर्किटेक्वर डइजेस्ट मैगजीन को दिए इंटव्यू में उन्होंने कहा थाकि अभी मैं छड़ी जितनी पतली लड़कियों के साथ काम करके थक गया हूं। इसके साथ ही महिलाओं के अधिक मेकअप पर भी विवादित बयान दे चुके हैं।

शुरुआती जीवन: पाकिस्तान से भारत आकर बसा था परिवार

सब्यसाची का जन्म कोलकाता के काकिनारा कस्बे में हुआ था। पिता का नाम सुकुमार मुखर्जी और मां का नाम संध्या था। 1947 में आजादी के समय उनका परिवार पूर्वी पाकिस्तान से विस्थापित होकर भारत आया था। पिता कोलकाता की ऊन मिल में केमिकल इंजीनियर थे जबकि मां गवर्नमेंट आर्ट कॉलेज में शिक्षिका थीं। उनकी शुरुआती शिक्षा श्री अरबिंदो विद्या मंदिर, चंदननगर से हुई। एक साक्षात्कार में वे बताते हैं कि बचपन में वे हाथ से चलाई जाने वाली नाव से स्कूल जाते थे। वे शुरू से ही फैशन डिजाइनर बनना चाहते थे। बचपन में पिता के मोजे काट कर बहन की गुड़िया के लिए ड्रेस बनाते थे। हलांकि परिवार चाहता था कि वे इंजीनियर बनें क्योंकि उन्हें  लगता था कि फैशन डिजाइनिंग की पढ़ाई के बाद बनेगा तो टेलर ही।

करियर: 20 हजार रु.से शुरू किया ब्रांड, आज संपत्ति 14 करोड

1999 में निप्ट, कोलकाता से ग्रेजुएशन के बाद ही उन्हें कई टॉप भारतीय डिजाइनर से से नौकरी के ऑफर मिलने लगे, लेकिन सब्यसाची ने अपना ब्रैंड शुरू करने का निर्णय लिया। 6 महीने बाद उन्होंने परिवार से 20 हजार रुपए उधार लेकर केवल तीन लोगों के साथ खुद के नाम से सब्यसाची ब्रांड शुरूकिया। 2001 में फेमिना ब्रिटिश काउंसिल ने उन्हें भारत का मोस्ट आउटस्टैडिंग यंग डिजाइनर अवॉर्ड

प्रदान किया। इससे उन्हें ब्रिटिश टेक्सटाइल डिजाइनर जॉ्जीना वॉन एट्जडॉ्फ के साथ इंटर्नशिप का मौका मिला। यहां से लौटने के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। सब्यसाची ने 2005 आई फिल्म ब्लैक से बॉलीवुड में एंट्री की। इसके बाद उन्होंने बाबुल, लागा चुनरी में दाग, रावण जैसी फिल्मों में ड्रेस डिजाइनिंग की। आज उनकी नैटवर्थ लगभग114 करोड़ रुपए है।

मेटगाला 2024 में शामिल हुए हैं। ऐसा करने वाले पहले भारतीय डिजाइनर हैं।

वाल्ट डिजनी कपनी के 100 साल पूरे होने पर प्रसिद्ध कार्टून मिकी माउस को महाराजा के रूप में डिजाइन किया था।

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