देश में अभी 15 एम्स पूरी तरह से संचालित हो रहे हैं

देश में अभी 15 एम्स पूरी तरह से संचालित हो रहे हैं

72 साल पहले रखी गई थी एम्स की नीव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 फरवरी को गुजरात के राजकोट से 5 नए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का उद्धाटन किया। एम्स भारत के टॉप मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल्स का एक ग्रुप है। आइए जानते हैं कि एम्स की शुरुआत कब और कैसे हुई थी। दरअसल 1946 में सर जोसेफ भोर की अध्यक्षता वाली कमेटी ने मेडीकल पोस्ट ग्रेजुएशन एजुकेशन और रिसर्च के लिए एक सेंट्रल इंस्टीट्यूट बनाने की सिफारिश की थी। हालांकि उस समय पैसे के संकट के चलते यह पूरा नहीं हो पाया। आजादी के बाद मेडिकल इंस्टीट्यूट बनाने का प्रस्ताव लाया गया। इसमेमं न्यूजीलैंड समेत अन्य देश और कुछ इंटरनेशनल फाउंडेशन ने आर्थिक मदद की। इसके बाद 1952 में पहले एम्स की आधारशिला रखी गई थी।

एम्स बनाना राजकुमारी अमृत कौर का सपना था

18 फरवरी 1956 को तत्कालीन शिक्षामंत्री।अमृत कौर ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञानहसंस्थान अधिनियम, 1956 विधेयक पेश किया। उन्होंने कहा- मेरा सपना रहा है कि हाई स्टैंडर्ड मेडिकल एजुकेशन के लिए।हमारे देश में अच्छे इंस्टीट्यूट होने चाहिए। इसके बाद दिल्ली में पहला एम्स 1956 में।स्थापित किया गया। 27 जनवरी 1961 को एम्स की पहली बिल्डिंग का उद्धाटन इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने किया।

रोजाना 15 हजार मरीज आते हैं

देश में 15 एम्स पूरी तरह से कार्यरत हैं और अन्य अंडर कंस्ट्रक्शन हैं। वहीं।कई एम्स का उद्धाटन, शिलान्यास और आधारशिला रखी गई है। देश के 20 एम्स कॉलेजों में 2 हजार से अधिक एमबीबीएस की सीटें हैं। देश का नंबर वन दिल्ली एम्स है, जहां रोजाना 15 हजार से अधिक मरीज पहुंचते हैं। वहीं हर साल 50 लाख से अधिक मरीजों का इलाज होता है। यहां 50 से अधिक डिपॉरटमेंट और देशभर में इसके सेंटर हैं।

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