MPPSC • थ्री लेयर सिक्युरिटी सिस्टम होगा ,इससे फर्जी अभ्यर्थियों की आशंका खत्म होगी

एम पी पी एस सी दिसंबर में जो भी विज्ञापन जारी करेगा, उन्हीं परीक्षाओं से थ्री लेयर सिक्युरिटी सिस्टम की शुरुआत होगी। ये परीक्षाएं संभवतः मार्च-अप्रैल से शुरू होंगी। पीएससी ने इस सिस्टम के लिए दोबारा टेंडर जारी कर दिया। उसकी सभी परीक्षाओं में यह सिस्टम लागू होगा। राज्य सेवा जैसी बड़ी परीक्षाएं प्री-मेंस दोनों इसी सिस्टम से होगी। वहीं स्टेट इंजीनियरिंग से लेकर असिस्टेंट प्रोफेसर व एडीपीओ से लेकर फूड एंड सेफ्टी ऑफिसर जैसी अहम परीक्षाओं में यह सिक्युरिटी सिस्टम इसलिए महत्वपूर्ण साबित होगा, क्योंकि इनमें अभ्यर्थियों की संख्या बहुत ज्यादा होती है। नए सिस्टम में फर्जी अभ्यर्थियों के परीक्षा में शामिल होने की आशंका पूरी तरह खत्म हो जाएगी। चेकिंग में समय भी बचेगा।

पीएससी की तैयारी है कि यूपीएएससी व अन्य एग्जाम एजेंसी की तरह वह भी परीक्षा सिस्टम को ज्यादा मजबूत करे। पिछले एक-डेढ़ साल में एनटीए की नीट से लेकर पीईबी की कुछ परीक्षाओं में फर्जी छात्रों, नकल के बदलते तरीकों से सिस्टम पर सवाल उठते रहे हैं ।

बड़ी परीक्षाओं में 50 हजार से 2 लाख अभ्यर्थी, नया सिस्टम बेहद मजबूत । नए सिस्टम को थ्री लेयर इसलिए कहा गया है, क्योंकि इसमें तीन लेवल पर अभ्यर्थियों की जांच होगी। इस दौरान किसी भी तरह की गलती या गड़बड़ी आसानी से पकड़ में आ जाएगी। पीएससी की राज्य सेवा प्री-एग्जाम में औसत डेढ़ से 2 से लाख, स्टेट एलिजिबिलिटी टेस्ट (सेट) में औसत 1 लाख, असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में 50 हजार, फूड एंड सेफ्टी आफिसर व स्टेट इंजीनियरिंग जैसी परीक्षाओं में 40 से 45 हजार अभ्यर्थी शामिल होते हैं।

पीएससी के सभी एग्जाम सेंटर पर हर कक्ष (हॉल) में सीसीटीवी अनिवार्य होगा। सेंटर व हॉल में सीसीटीवी लगाने के बाद पीएससी मुख्यालय में बनाए जाने वाले कंट्रोल रूम से इसकी लाइव मॉनिटरिंग होगी। अगर कहीं कुछ गड़बड़ी दिखी तो कंट्रोल रूम और सेंटर एक-दूसरे को तुरंत सूचना दे सकेंगे।

बॉयोमीट्रिक ऑथेंटिकेशन बॉयोमीट्रिक ऑथेंटिकेशन के तहत हर अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड पर क्यूआर कोड होगा। इससे अभ्यर्थी की पूरी जानकारी मिल जाएगी। साथ ही आधार कार्डआईडेंटिफिकेशन का सिस्टम भी रहेगा। फिंगर प्रिंट ऑथेंटिकेशन बॉयोमीट्रिक मशीन के जरिये किया जाएगा। नए सिस्टम में आईरिश स्कैनर भी परीक्षा केंद्रों पर रहेगा। इससे उम्मीदवारों की पहचान सुनिश्चित होगी और किसी भी तरह का फर्जीवाड़ा यानी मूल अभ्यर्थी की जगह किसी और के परीक्षा देने की आशंका खत्म हो जाएगी।

हर परीक्षा केंद्र पर हैंड हेल्ड मेटल डिटेक्टर रहेगा। हर अभ्यर्थी की मेटल डिटेक्टर से जांच होगी। दरअसल नकल में उपयोग किए जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को पकड़ने में इसकी अहम भूमिका रहेगी।

पीएससी हर साल औसत 20 से 22 परीक्षाएं करवाता है। इसमें राज्य सेवा परीक्षा सबसे अहम होती है। इसमें।प्री व मेन्स दोनों होती है, जबकि बाकी परीक्षाओं में एडीपीओ, डेंटल सर्जन, फूड एंड सेफ्टी ऑफिसर, स्टेट इंजीनियरिंग सर्विस, असिस्टेंट रजिस्ट्रार, डिप्टी रजिस्ट्रार, असिस्टेंट प्रोफेसर सहित कई परीक्षाएं शामिल।है। वहीं मेडिकल एक्सपर्ट व मेडिकल ऑफिसर जैसे पदों के लिए सीधे इंटरव्यू किए जाते हैं।
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