पेपर लीक, नकल कराने पर 10 साल तक जेल 

भर्ती परीक्षा लीकप्रूफ बनाने का विधेयक पेशपेपर लीक, नकल कराने पर 10 साल तक जेल 

केंद्र सरकार ने सरकारी भर्ती परीक्षा में पेपर लीक, नकल और फर्जी वेबसाइट्स जैसी गड़बड़ियों पर रोक के लिए संसद में विधेयक पेश किया। सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024 में उल्लेख है कि कोई व्यक्त, समूह या संस्थान पर्चा या आंसर की लीक करते हैं, परीक्षा में किसी तरीके से अभ्यर्थी की मदद करते हैं और कम्प्यटर नेटवर्क या सिस्टम से छेड़छाड़ करते हैं, तो यह अपराध माना जाएगा। ऐसे व्यक्तियों को 3-5 साल कैद, 10 लाख जुर्माने का प्रावधान है। संगठित अपराध से जुड़े केस में 5 से 10 साल त्क कैद और न्यूनतम एक करीड़ रु. जुर्मने का प्रस्ताव है। सर्विस प्रोवाइडर पर 1 करोड़ रु. तक जुमनि का प्रावधान है। परीक्षा की लागत भी उससे वसूली जाएगी। ऐसे सर्विस प्रोवाइडर चार साल तक सार्वजनिक परीक्षा नहीं करवा सकेंगे।

8 साल में 70 पेपर लीक, 1.5 करोड़ युवाओं पर संकट

देश में प्रतियोगी स्तर की परीक्षाओं के पेपर लीक होना नई बात नहीं है। इससे हजारों युवाओं का भविष्य संकट में है। आंकड़े बताते हैं कि 8 सालों में विभिन्न राज्यों में पेपर लीक के 70 से ज्यादा मामले सामने आए। इससे 1.5 करोड़ से अधिक युवा प्रभावित हुए हैं। पुलिस जांच बताती है कि इन मामलों में भारी मात्रा में पैसों का लेनदेन हुआ है। सरकारी अधिकारी, टीचर और प्रिटिंग प्रेस कर्मचारी भी लिप्त मिले। कई मामलों की जांच ईडी, सीबीआई भी कर रही हैं।

■मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, तमिलनाडु, कर्नाटक, हरियाणा में ऐसे मामले सामने आ चुके हैं ।

■राजस्थान में 2015 से 2023 के बीच 14 मामले। रेलवे की जनवरी 2021 में हुई क्लर्क कम टाइपिस्ट, ट्रांस क्लर्क परीक्षा का पेपर लीक। जांच अब भी जारी।

■ गुजरात में ৪ साल में पेपर लीक के 14 मामले आए।

■यूपी में 2017-2022 तक पेपर लीक के ৪ मामले आए।

■ तेलंगाना लोक सेवा आयोग की जूनीयर इंजीनियर टाउन प्लानिंग 2023 परीक्षा रद्द, 25,000 छात्र प्रभावित हुए।

(विधेयक के दायरे में यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग रेलवे,एनटीए की परीक्षाएं सहित केंद्र सरकार के मंत्रालय, विभागों के लिए होने वाली भर्ती परीक्षाएं शमिल करने का प्रस्ताव है)

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