मेडिकल क्षेत्र : पैरामेडिकल स्टाफ बन कर सकते हैं लोगों की सेवा

मेडिकल क्षेत्र : पैरामेडिकल स्टाफ बन कर सकते हैं लोगों की सेवा

किसी अस्पताल में डॉक्टर के अतिरिक्त सहायक के रूप में कार्य करने वाले व्यक्तियों को पैरामेडिकल कहते हैं, यह पेरामेडिकल स्टाफ मरीज को प्राथमिक उपचार भी देता है तथा आपातकाल स्थितियों में सहायक के रूप कार्य करता है। हेल्थकेयर सेक्टर उन उन महत्वपूर्ण इंडस्ट्रीज में से एक है, जो किसी भी देश की इकोनॉमी को ऊंचाई पर ले जाता है। अगर हम पैरामेडिक्स की बात करें तो पैरामेडिकल, मेडिकल इंडस्ट्री के लिए एक बैकबोन की तरह काम करता है।

क्या होता है पैरामेडिकल कोर्स

पैरामेडिकल कोर्स वह कोर्स होते हैं जिनको करने के बराद आप हेल्थ केयर के क्षेत्र में चले जाते हैं। अब अगर हम इसे साधारण शब्दों में समझें तो पैरामेडिक उन्हें बोलते हैं जो एक्स-रे करते हैं, सोनोग्राफी करते हैं, फिजियोधेरेपी करते हैं। पैरामेडिकल कोर्स करने वालेव छात्रों को पैरामेडिक कहा जाता है। एक पैरामेडिक हेल्थ केयर की सर्विस करने के अलवा इमरजेंसी कंडीशन में मरीज को पहली ट्रीटमेंट भी देता है जिसे फर्स्ट ऐड कहते हैं। हॉस्पिटल में इमरजेंसी कंडीशन में ज्यादातर पैरामेडिकल स्टाफ ही मौजूद होता है। उनका काम होता है मरीज के उपचार के लिए डॉक्टरों और चिकित्सा की टीम के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर काम करना, रोगियों की देखभाल करना, विशेष क्षेत्रों में विशेष तकनीकी कर्तव्यों को जिम्मेदारी से निभाना।

कई तरह के होते हैं कोर्स : अलग-अलग कोर्स की है अलग-अलग अवधि

बीएससी रैडियोलॉजी

यह कोर्स हॉस्पिटल में मशीनरी कैसे काम करता है, इसके टेक्निकल आस्पेक्ट को देखता है। इस कोर्स के पूरा होने पर, आप एमआरआई और सीटी जैसी ऑपरेटिंग मशीन का इस्तेमाल करने में माहिर हो जाते हैं ।

बीएससी इन ऑडियोलॉजी एंड स्पीच थेरेपी

यह कोर्स कम्युनिकेशन डिसऑडर में स्पेशलाइज करता है। ऑडिओलॉजिस्ट,हियारिंग डिसऑर्डर को पहचानना, मेज़र और एग्जामिन करने में स्पेशलाइज बनाता है। स्पीच थेरेपिस्ट्स और स्पीच-लैग्वेज पैथोलोजिस्ट एक साथ काम करते हैं ।

डिप्लोमा इन रूरल हेल्थ केयर

यह कोर्स सैनिटेशन, फर्स्ट ऐड और अन्य मेडिकत फैसिलिटीज को देखता है, जो रूरल एरिया मैं होनी चाहिए। इस कोर्स का उ्देश्य छात्रों को बेसिक हेल्थ फैसिलिटीज और इमरजेंसी सिबुएशन को हैंडल करना सिखाता है।

बीएससी इन ओटीटी

यह कोर्स ऑपरेशन थिएटर टेक्नोलॉरजी में स्पेशलाइजेशन पर फोकस करता है। यदि आप इस कोर्स में डिग्री प्राप्त करने की प्लानिंग बना रहे हैं तो यह आपको एक डीप अंडरस्टैंडिंग डेवलप करने में मदद करेगा कि कैसे हॉँस्पिटल्स के ऑपरेशन में काम होता है। जैसे – ऑपरेटिंग मशीन पर काम करने से लेकर सर्जिकल परफॉरमेंस में डॉक्टर की हेल्प करने तक सभी काम इन्हीं के जिम्मे होता है।

क्या होनी चाहिए योग्यता

उम्मीदवारों को किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से छात्र बारहवीं पास होना चाहिए। बारहवीं मैं उनके 50% अंक होने चाहिए। उम्मीदवारों को दसवीं के बाद साईस पढ़ना जरुरी है। साथ ही मुख्य विषय के रूप में अंग्रेजी का होना भी जरुरी है । एडमिशन के लिए छात्र का नीट एट्रैंस एग्जाम पास होना आवश्यक है।आरक्षित वर्ग के

विद्यार्थियों के लिए बारहवीं में 40% अंक होना आवश्यक।

पैरामेडिकल कोर्स के लिए एग्जाम मेडिकल प्रोग्राम लिए एक एंट्रेंस एग्जम के रूप में नीट को भारतीय और साथ ही इन्टरनेशनल मेडिकल स्कूल द्वारा आसानी से स्वीकार किया जाता है। नीट यूजी हर साल मई में जनवरी में शुरू होने वाली रजिस्ट्रेशन प्रोसेस के साथ आयोजित किया जाता है। जबकि दूसरी ओर नीट पीरजी जनवरी में अयोजित किया जाता है। रजिसट्रेशन पहले वर्ष के अगस्त के महिने में होता है ।

खुद का कर सकते हैं बिजनेस

यदि आप आल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइसेज में पैरामेडिकल कोर्स के लिए आवेदन करना चाहते हैं, तो एम्स एग्जाम के लिए क्वालिफाई करना महत्वपूर्ण है, जो मई के महीने में आयोजित किया जाता है जिसका रजिस्ट्रेशन विंडो फरवरी मैं ओपन हो जाता है। जो लोग झंग्लिश बोलने वाले देशों के हेल्थ केयर सेक्टर में अपना कैरियर शुरू करनाचाहते हैं, उनके लिए ओईटी परीक्षा पास करना आवश्यक है।

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