UGC UPDATE: नेट स्कोर से मिलेगा पीएचडी में दाखिला,अलग-अलग विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षा नहीं देनी होगी।

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नेट स्कोर से मिलेगा पीएचडी में दाखिला, बदल गए नियम पीएचडी कार्यक्रम में दाखिले लिए अब उम्मीदवारों को अलग-अलग विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षा नहीं देनी होगी। शैक्षणिक सत्र 2024-25 से राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) के स्कोर के आधार पर पीएचडी में भी दाखिला मिलेगा।

नए नियमों को मंजूरी नेट क्वालिफाईड जून 2024 से अब तीन श्रेणियों के लिए योग्य होंगे। यूजीसी काउंसिल की बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)- 2020 के तहत पीएचडी दाखिले के लिए नए नियमों को मंजूरी दी गई है। तीन श्रेणियों में मिलेगा लाभ नए नियमों के तहत नेट पसेंटाइल के आधार पर तीन श्रेणियों में लाभ

मिलेगा। जिन उम्मीदवारों का नेट पसेटाइल अधिक होगा, वे श्रेणी-1 में होंगे। ये जेआरएफ, सहायक प्रोफेसर के साथ पीएचडी दारखिले व फेलोशिप के लिए भी योग्य होंगे। इन्हं पीएचडी में दाखिले के लिए इंटरब्यू देना होगा, यूजीसी रेगुलेशन-2022 के आधार पर होगा। इंटरव्यू का 30 फीसदी वेटेज श्रेणी-2 में मध्यम पसेटाइल वालेससह्मयक प्रोफेसर और पीएचडी दाखिले के लिए योग्य माने जाएंगे। इनके बाद सफल, लेकिन सबसे कम पसेंटाइल वाले उम्मीदवार श्रेणी-3 में होंगे। ये सिर्फ पीएचडी दाखिले के लिए योग्य होंगे। नतीजों के प्रमाणपत्र में उम्मीदवार की श्रेणी दी जाएगी। पीएचडी दाखिले के लिए श्रेणी-2 व श्रेणी- 3 के अभ्यर्थियों के नेट पसेंटाइल को 70 फीसदी वेटेज में बदला जाएगा। वहीं, इंटरव्यू का 30 फीसदी वेटेज होगा।

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UGC : यूजीसी ने 18 प्रग्राम में ऑनलाइन दूरस्थ मोड की डिग्री को अमान्य माना किया 

इंजीनियरिंग, मेडिकत समेत 18 प्रोग्राम में ऑनलाइन डिग्री और दूरस्थ शिक्षा मोड माध्यम से की गई पढ़ाई की डिग्री मान्य नहीं है। इसके अलावा किसी भी

पीएचडी प्रोग्राम की पढ़ाई भी ऑनलाइन और दूरस्थ शिक्षा मोड से नहीं कराई जा सकती है।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी ) ने छात्रों के नाम सार्वजनिक सूचना जारी की है। सूचना में ऑनलाइन डिग्री और डिस्टेंस लर्निग मोड से डिग्री की मान्यता को लेकर जानकारी दी गई है। इसमें लिखा

है कि स्नातक और स्नातकोत्तर के सभी डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई आनलाइन और डिस्टैंस लर्निग मोड के माध्यम से नहीं की जा सकती है।

ईमेल के माध्यम से मिलेगी जानकारी

छात्रों को विश्वविद्यालय, कॉलेज और उच्च शिक्षण संस्थान में दाखिला लेने से पहले यूजीसी की वेवसाइट पर संबंधित संस्थान, कोर्स और प्रोग्राम की मान्यता जांच लेनी चाहिए। इसके अलावा वे संबंधित संस्थान की वेवसाइट पर भी कोर्स और प्रोग्राम की मान्यता की जांच कर सकते हैं। वे यूजीसी से ईमेल के माध्यम से भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

यूजीसी ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को सभी डिग्री प्रोग्राम , कोर्स माध्यम (रेगुलर, आनलाइन और ओपन एंड डिस्टेंस) की जानकारी वेवसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दि्या है। इसके अलावा सभी विश्वविद्यालयों को इसकी सूचना यूजीसी को भेजनी होगी।

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सीयूईटी पीजी में शामिल हुए 4.62 लाख अभ्यर्थी

सीयूईटी-पीजी परीक्षा 28 मार्च को संपन्न हुई। परीक्षा का आयोजन 15 दिनों तक 250 से अधिक शहरों में किया गया, जिसमें भारत के बाहर के नौ शहर भी शामिल थे। 4 लाख से अधिक छात्रों ने कराया था पंजीकरण विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने कहा है कि इस वार इस परीक्षा में 4.62 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने भाग लिया, जो परीक्षा में अब तक की सबसे अधिक भागीदारी है। कुमार ने एएनआई को बताया, “सीयूईटी (पीजी) योजना के अनुसार 28 मार्च को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। 2024- 25 शैक्षणिक वर्ष के लिए, सीयूईटी (पीजी) में लगभग 4,62,603 उम्मीदवार शामिल हुए और 7,68,414 परीक्षण हुए। एक सौ नब्बे विश्वविद्यालयों ने भाग लिया। यह छात्रों की भागीदारी की सबसे बड़ी संख्या है। सीयूईटी पीजी 2024 के लिए 4,62,725 उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया था।” 2022 में हुआ था शुरू शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए केंद्रीय और राज्य विश्वविद्यालयों और संस्थानों में विभिन्न पीजी कार्यक्रमों में प्रवेश और भाग लेने वाले डीम्ड या निजी और संस्थानों के लिए कॉमन यूनिव्सिटी एट्रैस टेस्ट (सीयूईटी पीजी-2024) 2022 में शुरू किया गया था।

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