जर्मन सेना के हमलों से बचने व्यापारियों ने बसाया था वेनिस ! कभी था दलदल, आज सालाना आते हैं 3 करोड़ पर्यटक…

जर्मन सेना के हमलों से बचने त्यापारियों ने बसाया था वेनिस ! कभी था दलदल, आज सालाना आते हैं 3 करोड़ पर्यटक

इटली का वैनिस शहर दुनिया के सबसे बड़े पर्यटक स्थलों में से एक हैं। हर साले दुनियाभर से 3 करोड़ पर्यटक पानी पर बसे इस शहर में घूमने के लिए आते हैं। 25 मार्च को 1600 साल पहले 424 ईस्वी में इस शहर की स्थापना हुई थी। शहर को अपना एक अनोखा इतिहास है। आइए जानते हैं वेनिस शहर के इतिहास से जुड़ी रोचक बातें,

रोमन साम्राज्य के बाद हुई स्थापना वेनिस शहर की स्थापना रोमन साम्राज्य के खत्म होने के बाद पांचवीं सदी में हुई। उस समय वेनिस के व्यापारी जर्मन सेनाओं से लगातार हो रहे आक्रमणों से परेशान थे। ऐसे में उन्होंने खाड़ी के छोटे-छोटे द्वीपों पर शरण ली। इन लोगों ने आक्रमणों से बचने के लिए एक गा्डेंड सिटी बनाने का प्लान तैयार किया। चूंकि द्वीप पानी पर बसे थे.जिस कारण यहां की जमीन दलदली थी। इस जमीन पर किसी तरह की इमारतों का निर्माण नहीं किया जा सकता है। ऐसे में यहां घरों का निर्माण करने के लिए ओक की लकड़ियों का इस्तेमाल किया गया। ये लकड़ियों क्रोएशिया और स्लोवेनिया से लाई गई। ओक की लकड़ियां जल्दी सड़ती नहीं हैं, इसलिए निर्माण कार्यों में इनका उपयोग हुआ।

वेनेजुएला का नाम वेनिस पर

1499 में, अलोंसो डी ओजेडा के नेतृत्व में एक चालक दल ने वेनेजुएला तट का दौरा किया। यहाँ माराकाइबो झील के क्षेत्र में बने स्टिल्ट हाउस सेलर अमेरिगे वेस्पुसी को इटली के वेनिस शहर की याद दिलाते थे। इसलिए उन्होंने इस क्षेत्र का नाम वेनेजिओला या ‘लिटिल वेनिस रखा। वेनेजिओला का स्पेनिश संस्करण वेनेज़एला है।

तभी से इस दक्षिण अमेरिकी देश को बेनेजुएला कहा जाता है। वेनिस की नहरों में चलाए जाते हैं गोंडोला एड्रूएटक सागर पर बसे वेनिस को नहरों और की प्रमुख परिवहन सेवा है। गोंडोला काले रंग पुलों का शहर भी कहा जाता है। 400 से अधिक ब्रिज हैं, जो आपस में कनेक्ट है। वेनिस की सबसे बड़ी नहर ग्रांड कैनाल है,  जो शहर को दो हिस्सों में बांटती है। यहां मोटरसाइकिल जैसी चीजों पर पूरी तरह से बैन थे। आम लोगों और पर्यटकों के लिए गोंडोला चलाए जाते हैं । यही वेनिस के लिए प्रमुख परिवहन सेवा है । लोगों के पास गोंडोला चलाने का लाइसेंस है। यह बेहद कम लोगों को दिया जाता है।अब तक केवल 400 लोगों के पास ही इसका लाइसेंस है। यह पहले केवल पुरुषों को ही दिया जाता था । लेकिन 2009 से जियोजिया बोस्कोलो के लाइसेंस के साथ महिलाओं को भी इन्हें चलाने की परमिशन दी गई।

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