Category: INDIA

राष्ट्रीय ब्रॉडवैंड अभियान

राष्ट्रीय ब्रॉडवैंड अभियान

राष्ट्रीय ब्रॉडवैंड अभियान * राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन केंद्र सरकार द्वारा आरंभ की गई राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति, 2018 (Nationnl Dietal Commmmncation Policy. 2018) का हिस्सा है। 》 इस नीति का एक प्रमुख उद्देश्य सभी...

नोबेल पुरस्कार 2019

नोबेल पुरस्कार 2019

नोबेल पुरस्कार 2019 21 अक्टूबर, 1833 को स्टॉकहोम में जन्में स्वीडिश आविष्कारक एवं उद्यमी अल्फ्रेड नोबेल, नोबेल पुस्स्कार के संस्थापक है। 1895 ई. में हस्ताक्षारित अपनी अंतिम वसीयत में उन्होंने अपनी मृत्यु के पश्चात...

बढ़ता NPA(non performing asset : कारण एवं निवारण

बढ़ता NPA(non performing asset : कारण एवं निवारण

बढ़ता NPA (non performing asset : कारण एवं निवारण  एनपीए (गैर-निष्पादित परिसम्पत्तियाँ) बैंक के लिए हितकर नहीं होती हैं. इससे बैंक की लाभप्रदत्ता प्रभावित होती है. आज बढ़ता एनपीए बैंकों के लिए एक चुनौती...

हिम क्षेत्र एवं हिमनद क्या है?

हिम क्षेत्र एवं हिमनद क्या है? हिम रेखा के ऊपर स्थित उस भाग को हिम क्षेत्र कहते हैं, जहाँ सदैव हिम आच्छादित रहती है। ये क्षेत्र सर्वत्र स्थायी रूप में सीमाबन्धन होकर ऋतु परिवर्तन...

मृदा प्रदूषण क्या है ? एवं रोकने के उपाय

मृदा प्रदूषण क्या है? एवं रोकने के उपाय भूमि अथवा भू एक व्यापक शब्द है, जिसमें पृथ्वी का सम्पूर्ण धरातल समाहित है किन्तु मूल रूप से भूमि की ऊपरी परत, जिस पर कृषि की...

बाघ प्रजातियां(TIGER species)

बाघ प्रजातियां(TIGER species)

बाघ प्रजातियां (TIGER species) पूरे विश्व में बाघ की 9 प्रजातियां रही हैं जिनमें से तीन प्रजातियां विलुप्त हो चुकी हैं। ये प्रजातियां निम्नलिखित हैं; 1. अमूर (या साइबेरियन टाइगर ): बाघ की उप-प्रजातियों...

असम का राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर

असम का राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर(Nationl register of citizens) असम देश का पहला राज्य है जहां वर्ष 1951 में नागरिकों के लिए राष्ट्रीय रजिस्टर प्रकाशित किया गया था और अब सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों एवं...

राज्य सभा – एक परिचय

राज्य सभा – एक परिचय काउंसिल ऑफ स्टेट्स, जिसे राज्य सभा भी कहा जाता है, एक ऐसा नाम है जिसकी घोषणा सभापीठ द्वारा सभा में 23 अगस्त, 1954 को की गई थी। इसकी अपनी...

भूमिगत जल प्रबंधन

भूमिगत जल प्रबंधन (Underground Water Management) विशेषज्ञों का मानना है कि अगले कुछ दशकों बाद धरती पर पानी की जबर्दस्त किल्लत महसूस की जाएगी । जल बहुल क्षेत्र जल-विरल हो गए हैं और जल-विरल क्षेत्रों...