व्हीस्ल ब्लोअर सुरक्षा एक्ट, 2014

व्हीस्ल ब्लोअर सुरक्षा एक्ट, 2014
(WHISTLE BLOWER PROTECTION )

इसे लोकसभा ने 27 दिसंबर, 2011 को तथा राज्यसभा ने 21फरवरी. 2014 पारित किया। राष्ट्रपति ने 9 मई, 2014 की इस पर हस्ताक्षर किए थे। यह एक्ट 12 मई, 2014 को अधिसूचित किया गया।

* वर्ष 2015 में इस एक्ट में संशोधन हेतु एक विधेयक लोकसभा में पेश किया गया और पारित किया गया परंतु राज्यसभा में लंबित है। इस एक्ट के प्रावधान जम्मू कश्मीर में नहीं लागू हैं और ये प्रात्यधान सशस्त्र बलों पर भी लागू नहीं होते।
* इस एक्ट के माध्यम से लोक सेवकों तथा मंत्रियों के भ्रष्टाचार या सत्ता के दुरूपयोग की सूचना देने वालों के लिए पर्याप्त सुरक्षा की व्यवस्था की गई है।

व्हीस्ल ब्लोअर कोई भी हो सकता है सिविल सेवकों से लेकर गैर-सरकारी संगठन तक ये लोग सक्षम प्राधिकार के पास सूचना या रिपोर्ट उद्घाटित कर सकते हैं। हालांकि शर्त यह रखी गई है। कि वह इस तरह की किसी उद्घाटन के दौरान एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करेगा जिसके माध्यम से वह स्वीकार करेगा कि दी गई सूचना सत्य है।

प्रत्येक सूचना या उद्घाटन लिखित रूप से या ई-मेल के माध्यम से देने की व्यवस्था की गई है। सक्षम प्राधिकार द्वारा ऐसी किसी भी लोक हित डिस्क्लोजर पर विचार नहीं किया जाएगा जिसमें शिकायत करने वाले या पब्लिक इंटरेस्ट डिस्क्लोजर करने वाले की पहचान नहीं है या दी गई पहचान गलत पाई जाती है। जांच के दौरान डिस्क्लोजर करने वाले लोक सेवक या किसी व्यक्ति की पहचान सार्वजनिक नहीं की जाएगी। हालांकि जरूरत पड़ने पर विभागीय अध्यक्ष को उसका नाम बताया जा सकता है। यदि शिकायत गलत पाई जाती है तो शिकायतकर्ता को दो साल की सजा और 30,000 रुपए के दंड का भुगतान करना पड़ेगा।

You may also like...